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छत्तीसगढ़ के सुकमा में 1.18 करोड़ के इनामी 23 नक्सलियों ने किया सरेंडर

सुरक्षा बलों और खुफिया एजेंसियों की मानें तो यह आत्मसमर्पण अभियान आने वाले समय में और अधिक नक्सलियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित कर सकता है. यह कदम बस्तर क्षेत्र में शांति स्थापना की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है.

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में शनिवार को बड़ी सफलता मिली है. कुल 23 कट्टर नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जिन पर कुल मिलाकर 1.18 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था. सरेंडर करने वालों में तीन दंपती भी शामिल हैं.

पुलिस के अनुसार, इन नक्सलियों में से 11 वरिष्ठ कैडर हैं, जो पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PLGA) की बटालियन नंबर 1 में सक्रिय थे. यह बटालियन माओवादी संगठन का सबसे शक्तिशाली और संगठित सैन्य अंग मानी जाती है.

नक्सलियों ने क्यों किया आत्मसमर्पण

सुकमा के पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने जानकारी दी कि सभी नक्सलियों ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के अधिकारियों की मौजूदगी में आत्मसमर्पण किया. उन्होंने बताया कि ये नक्सली माओवादी विचारधारा की खोखली हकीकत, निर्दोष आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार और संगठन के अंदर बढ़ते आंतरिक मतभेदों से परेशान थे.

चव्हाण ने कहा, “इन नक्सलियों ने यह महसूस किया कि माओवादी आंदोलन न केवल हिंसक है, बल्कि आदिवासी समाज को गुमराह कर रहा है. आत्मसमर्पण एक बड़ा मानवीय और सामाजिक परिवर्तन दर्शाता है.”

पुनर्वास योजना का लाभ

राज्य सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति के तहत इन नक्सलियों को मुख्यधारा में शामिल होने का अवसर दिया जाएगा. उन्हें आर्थिक सहायता, पुनर्वास पैकेज और समाज में दोबारा सम्मानजनक जीवन जीने की सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी.

सुरक्षा बलों और खुफिया एजेंसियों की मानें तो यह आत्मसमर्पण अभियान आने वाले समय में और अधिक नक्सलियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित कर सकता है. यह कदम बस्तर क्षेत्र में शांति स्थापना की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है.

1.18 करोड़ रुपये था इनाम

चार अन्य माओवादियों पर 5-5 लाख रुपये, एक माओवादी पर 3 लाख रुपये और सात माओवादियों पर 1-1 लाख रुपये का इनाम था. एक अधिकारी ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले कुछ नक्सली आमदई, जगरगुंडा और केरलपाल क्षेत्र की माओवादी समितियों में सक्रिय थे. उन्होंने यह भी बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को 50-50 हजार रुपये की सहायता दी गई है और सरकार की नीति के अनुसार उनका पुनर्वास किया जाएगा.

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