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पाकिस्तान ने चीन को दिया धोखा, परमाणु बम पर छिड़ी जंग !

पाकिस्तान कितना बेशर्म है इस बात का अंदाज़ा आप इससे लगाइए…कि पाकिस्‍तानी सेना ने चीन से कहा है कि अगर उसे ग्‍वादर पोर्ट चाहिए तो चीन पहले उसे परमाणु हथियार दे..पाकिस्‍तान की इस खतरनाक मांग पर चीन भड़क गया और इस पोर्ट को लेकर दोनों के बीच बातचीत बंद हो गई है

चीन के टुकड़ों पर पल रहा पाकिस्तान आज चीन को ही आंख दिखा रहा है। ना खाने को दाना ना देश चलाने के लिए पैसा लेकिन जो चीन उसको पाल रहा है पाकिस्तान उसे से ब्लैकमेल करने चला है।लेकिन अब चीन को भी समझ आ गया है कि पाकिस्तान ऐसे मानने वाला नहीं है। उसे सबक़ सिखाना होगा और हो सकता है चीन पाकिस्तान पर हमले भी करवाए। ड्रैगन पूरी तरह ग़ुस्से से आग बबूला है। और अब पाकिस्तान की खैर नहीं। ये भी साफ़ होता नज़र आ रहा है। पाकिस्तान कितना बेशर्म है इस बात का अंदाज़ा आप इससे लगाइए। कि पाकिस्‍तानी सेना ने चीन से कहा है कि अगर उसे ग्‍वादर पोर्ट चाहिए तो चीन पहले उसे परमाणु हथियार दे। पाकिस्‍तान की इस खतरनाक मांग पर चीन भड़क गया और इस पोर्ट को लेकर दोनों के बीच बातचीत बंद हो गई है। अब अगर पाकिस्तान को ये क्षमता मिलती तो इससे उसकी ताक़त बढ़ जाएगी और ये भारत के लिए भी ख़तरे से कम नहीं है।


अब पाकिस्तान जानता की चीन जल्द से जल्द अपनी CPEC परियोजना का काम पूरा करना चाहता है। और अगर ये पूरा नहीं हुआ तो चीन का बहुत नुक़सान हो जाएगा। वैसे भी लंबे समय से इस परियोजना का काम रूका हुआ है जिससे वैसे भी चीन का नुक़सान हो रहा है। CPEC परियोजना का काम तभी पूरा होगा जब बलूचिस्तान में बन रहा ग्वादर पोर्ट का काम पूरा होगा। ऐसे में पाकिस्तान इसी पोर्ट के बदले परमाणु हथियार मांग रहा है। क्योंकि पाकिस्तान को पता है कि चीन ना तो इस पोर्ट का काम रोक सकता है और ना ही करोड़ों डॉलर जो निवेश किए गए उसे निकाल सकता चीन की इज़्ज़त भी अब दाव पर लगी हुई है। और इसी का फायदा पाकिस्तान उठा रहा है। ग्वादर पोर्ट डेवेलप नहीं हुआ तो CPEC परियोजना भी हमेशा के लिए लटक जाएगी। चीन की सेना ग्‍वादर को नेवल बेस बना रही है और इसके लिए सीपीईसी के नाम पर उसने अरबों डॉलर का निवेश कर रखा है। वहीं अब चीन की इस मजबूरी का फायदा उठाने के लिए पाकिस्‍तानी सेना उसे ब्‍लैकमेल करने लगी है। और पाकिस्तान ने चीन को बहुत बुरा फंसा दिया है।

बलूचिस्तान प्रांत में चीनी नागरिक वैसे ही निशाना बनाए जा रहे हैं। चीनी इंजीनियरों के BLA निशाना बनाती रहती है। बलूच लोग नहीं चाहते की चीन उनकी ज़मीन पर काम करे। चीन कबसे पाकिस्तान को अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए कह चुका है लेकिन पाकिस्तान कुछ नहीं कर रहा। अब चीन के साथ पाकिस्‍तानी सेना की यह बातचीत ऐसे समय पर रुकी है जब पाकिस्‍तान और भारत का तनाव चल रहा है। वहीं तालिबान के साथ भी पाकिस्तानी सेना की तनातनी बनी रहती है। कितनी शर्म की बात है कि पाकिस्‍तान की अर्थव्‍यवस्‍था तबाही के दौर से गुजर रही है वहां के लोग कंगाली से जूझ रहे हैं। देश क़र्ज़े से चल रहा है लेकिन पाकिस्‍तानी सेना एटमी मंसूबे पर कायम है।रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने ही पाकिस्‍तान की अर्थव्‍यवस्‍था को डूबने से बचाया और अब उसे ही पाकिस्‍तानी सेना ब्‍लैकमेल करने लगी है। दरअसल, पाकिस्‍तान को डर सता रहा है कि भारत पहले परमाणु हमला करके उसके परमाणु बमों के ठिकाने को तबाह कर सकता है। इसी वजह से पाकिस्‍तानी सेना डरी हुई है और चाहती है कि चीन उसे जवाबी परमाणु हमला करने की ताकत हासिल करने में मदद करे। पाकिस्‍तान के पास अभी 170 परमाणु बम है। चीन और भारत दोनों के पास जवाबी परमाणु हमला करने की क्षमता मौजूद है। रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने पाकिस्‍तान की इस नाजायज मांग को खारिज कर दिया। इससे दोनों के बीच बातचीत ठप हो गई है। और अभ चीन पाकिस्तान पर बड़े एक्शन की तैयारी में है।

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