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अमिताभ का नाम सुनते ही मुमताज़ ने क्यों छोड़ी थी ब्लॉकबस्टर फिल्म, साइनिंग अमाउंट तक कर दिया था वापस!

अमिताभ बच्चन का नाम सुनते ही मुमताज़ ने बॉलीवुड की एक ब्लॉकबस्टर फ़िल्म में साइन करने के बाद छोड़ी थी. चलिए इसी से जुड़ा आपको एक क़िस्सा बताते हैं. आख़िर अमिताभ बच्चन के नाम से मुमताज़ को ऐसी क्या दिक़्क़त हुई जो उन्होंने फिल्म के मेकर्स को साइनिंग अमाउंट तक वापस कर दिया था.

आदमी के सीने में खंजर भोंकने से वो सिर्फ एक बार मरता है.  लेकिन जब किसी का दिल टूटता है ना तो उससे बार-बार मरना पड़ता है. हर रोज़ मरना पड़ता है ये फ़ेमस डायलॉग 1960 और 1970 के दश्क में टॉप की ऐक्ट्रस रहीं मुमताज़ का हैं.  एक्ट्रेस ने अपने फ़िल्मी करियर में एक से बढ़कर से एक फ़िल्मों में काम किया है. उनकी जोड़ी सबसे ज़्यादा राजेश खन्ना के साथ पसंद की गई. 

अमिताभ का नाम सुन क्यों छोड़ी थी मुमताज़ ने फिल्म?

कहा जाता है की एक्ट्रस की ख़ूबसूरती के चलते बड़े-बड़े प्रोड्यूसर उन्हें अपनी फ़िल्म में कास्ट किया करते थे.  इतना ही नहीं ये भी कहा जाता है की मुमताज़ उन इनदिनों जिस भी फ़िल्म में काम करती थी, वो सभी हिट साबित हुआ करती थी.  उन्हें फ़िल्मों के लिए लकी तक माना जाने लगा था. लेकिन ऐसा क्या हुआ था जो अमिताभ बच्चन का नाम सुनते ही मुमताज़ ने बॉलीवुड की एक ब्लॉकबस्टर फ़िल्म साइन करने के बाद छोड़ी थी. चलिए इसी से जुड़ा आपको एक क़िस्सा बताते हैं, आख़िर अमिताभ बच्चन के नाम से  मुमताज़ को ऐसी क्या दिक़्क़त हुई जो  उन्होंने फिल्म के मेकर्स को साइन अमाउंट तक वापस कर दिया था. 

धर्मेंद्र को आया था सबसे पहले ऑफ़र

बात 1970 के दौरान की है. जब बॉलीवुड के जाने माने डायरेक्टर और प्रोड्यूसर प्रकाश मेहरा ज़ंजीर नाम की फ़िल्म बनाने की तैयारी कर रहे थे. अपनी इस फ़िल्म के लिए डायरेक्टर एक बड़ी स्टारकास्ट को कास्ट करना चाहते थे. दरअसल इस फ़िल्म की कहानी सलीम - जावेद की जोड़ी ने लिखी थी और यही चाहते थे की फ़िल्म में बड़ी कास्ट को साइन किया जाए. जिसके बाद प्रकाश मेहरा ने इस फ़िल्म के लिए सबसे पहले धर्मेंद्र से बात की, जो की उस दौरान फ़िल्म समाधी पर काम कर रहे थे. 

क्यों जंजीर में नहीं दिखे धर्मेंद्र

बताया जाता है की धर्मेंद्र को फिल्म की कहानी काफ़ी पसंद आई थी और वो इस फ़िल्म को करना चाहते थे. धर्मेंद्र इस फ़िल्म को इंस्पेक्टर और पठान वाली फ़िल्म कहा करते थे और उन्होंने प्रकाश मेहरा से फ़िल्म में  इंस्पेक्टर वाला किरदार निभाने की बात भी कह दी थी. लेकिन उन्हीं दौरान धर्मेंद्र के भाई धर्मेंद्र को लेकर फ़िल्म प्लान कर रहे थे. ऐसे में एक्टर ने प्रकाश मेहरा से कहा था की “तू छह महीने वेट कर ले, मैं इंस्पेक्टर और पठान वाली फ़िल्म में काम ज़रूर करूँगा.”

धर्मेंद्र की ये बातें सुनकर प्रकाश मेहरा ने कहा था की  मैं फ़िल्म अनाउंस कर चुका हूँ, मेरा करियर तो अभी शुरू हुआ है. मैंने ज़्यादा फ़िल्में भी नहीं की हैं ,आपके पास तो बहुत सारी फ़िल्में हैं, मैं इतने टाइम तक वेट नहीं कर सकता. 

देवानंद ने क्यों ठुकराया था ऑफ़र?

धर्मेंद्र के बाद प्रकाश राज़ ने देवानंद से मुलाकत की थी. कहा जाता है की दोनों के बीच तीन से चार बार मुलाक़ात हुई.  प्रकाश मेहरा ने जैसे ही फ़िल्म की कहानी देवानंद को सुनाई वो उन्हें पसंद नहीं आई वो इस फ़िल्म को करने के लिए तैयार नहीं हुए. देवानंद से कहा था  तुम इसमें तीन चार गाने डाल दो. जिसके बाद प्रकाश मेहरा ने कहा ये ऐसी फ़िल्म नहीं है जिसमें हीरो गाना गए, इंस्पेक्टर को आपने गाना गाते हुए देखा है क्या. 

इस बात का जवाब देते हुए देवानंद ने कहा था क्या तुम एक आर्ट फ़िल्म बना रहे जो, जिसमें गाने नहीं होंगे, जिसके बाद प्रकाश मेहरा ने लगा ये एक कमर्शियल फिल्म ही होगी, लेकिन एक्टर गाना नहीं खाएगा. कहा जाता है इस दौरान दोनों के बीच काफ़ी बहस कोई गई थी और देवानंद ने फ़िल्म करने से मना कर दिया था. प्रकाश मेहरा,देवानंद को इसलिए फ़िल्म ज़ंजीर में लेना चाहते थे. क्योंकि वो अपनी आँखों से बोला करते थे.

जब जंजीर के लिए सुझाया गया था अमिताभ का नाम

देवानंद के बाद प्रकाश मेहरा राजकुमार के पास गए. जो की उन दिनों में एक बड़े स्टार थे. लेकिन उन्हें लेकर भी बात नहीं बनी. फिर प्राण के बेटे सुनील ने प्रकाश मेहरा को अमिताभ बच्चन का नाम सुझाया और उनसे कहा तुम एक बार फ़िल्म बॉम्बे 2 गोवा देखकर आओ और इस फ़िल्म में इस एक लड़के यानि अमिताभ बच्चन का काम देखो. ये बात बोलते हुए सुनील ने ये भी कहा  तुम फ़िल्म में सिर्फ़ एक सीन देखना , जहां अमिताभ बच्चन सैंडविच खाते हुए आते हैं और शत्रुघन सिन्हा और उनके बीच फाइल होती है. 

एक सीन देख अमिताभ को किया था साइन

सुनील की बात मानते हुए प्रकाश मेहरा ने जावेद अख़्तर के साथ थियेटर में फ़िल्म बॉम्बे टू गोवा देखी. डायरेक्टर ने वही सीन देखा जिसके बारे में उन्हें बताया गया था. अमिताभ के इस सीन को देखने के बाद प्रकाश मेहरा काफ़ी खूश हो गए थे.क्योंकि उन्हें अपनी फ़िल्म ज़ंजीर का हीरो मिल गया था. प्रकाश मेहरा ने इस फ़िल्म के लिए अमिताभ बच्चन को कास्ट किया गया.  

जावेद अख़्तर ने क्या खुलासा किया था?

एक इंटरव्यू में जावेद अख़्तर ने खुलासा किया था की अमिताभ को फ़िल्म ज़ंजीर में उनकी वजह से कास्ट किया गया था. जावेद अख्तर ने बताया था - 'हमारे पास डायरेक्टर, स्टोरी है और प्रोड्यूसर है, लेकिन हीरो नहीं है. उस वक्त राजेश खन्ना भगवान थे और म्यूजिक बादशाह. उस जमाने में हमने ऐसी स्क्रिप्ट बनाई, जिसमें हीरो ना रोमांस करता है, ना गाने गाता है और ना ही कॉमेडी करता है. पहले सीन से आखिरी सीन तक हीरो मुंह लटकाए घूमता रहता है. ये हीरो उन्होंने कभी देखा ही नहीं था. ऐसा हीरो कभी आया ही नहीं हिंदी सिनेमा में.इस बीच मैंने बॉम्बे टू गोवा, परवाना और रास्ते का पत्थर फिल्में देखी थी. हालाकि, सभी फिल्में फ्लॉप थीं. मुझे लगा कि ये एक्टर अमिताभ बच्चन बहुत कमाल का है. ये मामूली एक्टर नहीं है. मैंने प्रकाश मेहरा को बोला कि इस एक्टर को ले लीजिए. आजकल का ये जमाना है कि अगर दो एक्टर किसी स्क्रिप्ट पढ़कर बोल दें कि ये ठीक नहीं है, तो प्रोड्यूसर को स्क्रिप्ट से नफरत हो जाती है'. 

‘जंजीर उस साल की सबसे बड़ी हिट फिल्म बन गई’

जावेद अख्तर ने आगे बताया की प्रकाश मेहरा की फिल्म जंजीर को हर कोई मना कर रहा था. आखिरकार, उन्होंने अमिताभ बच्चन को ले ही लिया. जंजीर फिल्म बनने के दौरान बिग बी की और कई फिल्में रिलीज हुई, जो फ्लॉप हो गईं. प्रकाश मेहरा हमेशा मुझे याद दिलाते थे कि उनकी वजह से फिल्म में अमिताभ बच्चन को कास्ट किया है. वह अमिताभ की तारीफ भी करते थे और हमेशा याद दिलाते रहते थे कि इस फिल्म को बेचना कितना मुश्किल है. जंजीर रिलीज हुई और वो उस साल की सबसे बड़ी हिट फिल्म बन गई.

मुमताज ने क्यों छोड़ी थी फिल्म?

बता दें कि फ़िल्म में ज़ंजीर में अमिताभ बच्चन के बाद इसकी लीडिंग लेडी के लिए मुमताज़ को साइन किया गया था. उन्होंने  इस फ़िल्म के लिए साइनिंग अमाउंट भी ले लिया था. लेकिन जैसे ही एक्ट्रेस को पता चला की इस फ़िल्म में अमिताभ बच्चन हैं.  मुमताज़ ने ये फ़िल्म छोड़ दी. कहा जाता है की मुमताज़ ने  प्रकाश मेहरा से कहा था की “मैं शादी करने जा रही हूँ, इस फ़िल्म में काम नहीं करूँगी. आप अपना साइनिंग अमाउंट वापस ले लो.”

कहा जाता है की जब ज़ंजीर बन रही थी. उससे पहले ही मुमताज़ ने अमिताभ बच्चन के साथ O.p Ralhan की फ़िल्म बंधे हाथ में काम किया था. इस फ़िल्म से मुमताज़ को काफ़ी उम्मीदें थी. लेकिन ये फ़िल्म एक बड़ी फ्लॉफ साबित हुई थी. कहा जाता है की इसी वजह से एक्ट्रेस ने अमिताभ बच्चन के साथ काम करने से मना कर दिया था. 

मुमताज़ के बाद किसको मिली फिल्म? 

मुमताज़ के फ़िल्म छोड़ने से प्रकाश मेहरा को काफ़ी बड़ा झटका लगा था. जब डायरेक्टर ने ये बात अमिताभ बच्चन को बताई. तो उन्होंने जया भादुरी का नाम सुझाया. जिसके बाद फ़िल्म जया को कास्ट किया गया. वहीं पठान शेरखान के रोल में प्राण को साइन किया गया था. 11 मई 1973 में रिलीज़ हुई ये फ़िल्म काफ़ी बड़ी हिट साबित हुई थी.  उस साल इस फ़िल्म ने सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली फ़िल्मों की लिस्ट में जगह भी बनाई थी. 

किस फिल्म के बाद अमिताभ को कहा गया एंग्री यंग मैन? 

यही वो फ़िल्म थी जिसने अमिताभ को रातों रात सुपरस्टार बना दिया था और इसी फ़िल्म की रिलीज़ के बाद से ही अमिताभ को Angry Young Men भी कहा जाने लगा था. मुमताज ने भी नहीं सोच होगा की अमिताभ बच्चन का नाम सुनते जिस फिल्म को उन्होंने छो़ड़ दिया था वो इतनी बड़ी Blockbuster साबित होगी. 

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