इटली में शोले के दिखाए जाएंगे वो सीन जो पहले कभी नहीं दिखे, सेंसर ने चला दी थी कैंची, अमिताभ-धर्मेंद्र भी झूम उठे
अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र की शोले को इटली के इल सिनेमा रिट्रोवाटो फेस्टिवल में 50वीं वर्षगांठ पर सम्मानित किया जाएगा. 27 जून 2025 को बोलोग्ना में फिल्म के रिस्टॉर्ड वर्जन का विश्व प्रीमियर होगा. जानिए इस खास आयोजन के बारे में.

भारतीय सिनेमा की सबसे प्रतिष्ठित फिल्मों में से एक, शोले, आज भी उतनी ही लोकप्रिय है जितनी 50 साल पहले थी. जय और वीरू की जोड़ी, “इन कुत्तों के सामने मत नाचना बसंती” और “ये हाथ मुझे दे दे ठाकुर” जैसे डायलॉग्स आज भी लोगों की जुबान पर चढ़े हैं.
इटली में शोले को विशेष सम्मान
अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र, और हेमा मालिनी की शोले को इसकी 50वीं वर्षगांठ पर इटली में विशेष सम्मान मिलने जा रहा है. 27 जून 2025 को फिल्म का पूरी तरह रिस्टोर्ड और बिना काटा गया वर्जन बोलोग्ना के मशहूर इल सिनेमा रिट्रोवाटो फेस्टिवल में दिखाया जाएगा. ये स्क्रीनिंग बोलोग्ना के ऐतिहासिक ओपन-एयर पियाज़ा मैगीगोर में होगी, जो यादगार सिनेमाई आयोजनों के लिए जाना जाता है.
1975 में रिलीज हुई शोले अपनी शानदार कहानी, अविस्मरणीय किरदारों, और रोमांचक एक्शन दृश्यों के कारण भारतीय सिनेमा की सबसे प्रिय फिल्मों में शुमार है. रमेश सिप्पी द्वारा निर्देशित इस फिल्म में जया भादुड़ी, अमजद खान, और अन्य दिग्गज सितारे भी थे. यह फिल्म न केवल एक ब्लॉकबस्टर थी, बल्कि एक सांस्कृतिक मील का पत्थर भी साबित हुई.
रिस्टोर्ड वर्जन की खासियत
ये रिस्टोर्ड संस्करण फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन और सिप्पी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड के तीन साल के सहयोग का परिणाम है. पहली बार दर्शक शोले को नए अंत और उन दृश्यों के साथ देखेंगे, जो मूल सिनेमाघर संस्करण से हटा दिए गए थे. फिल्म के मूल निगेटिव खराब हो चुके थे, इसलिए टीम ने मुंबई और लंदन में संरक्षित इंटरपॉजिटिव और रंगीन मीडिएट कॉपियों से दृश्यों को पुनर्जनन किया. इसके बाद फिल्म को 4K क्वालिटी में स्कैन और रिस्टोर किया गया.
अमिताभ बच्चन की प्रतिक्रिया
इस रिस्टोर्ड वर्जन से अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र बेहद उत्साहित हैं. इटली में प्रीमियर की खबर पर अमिताभ ने कहा, “कुछ चीजें जिंदगी में हमेशा याद रहती हैं, और शोले उनमें से एक है. इसकी शूटिंग का अनुभव अविस्मरणीय था. उस वक्त मुझे नहीं पता था कि यह फिल्म भारतीय सिनेमा में मील का पत्थर बनेगी. शुरुआत में इसे असफल माना गया, लेकिन बाद में इसने बॉक्स ऑफिस पर कीर्तिमान स्थापित किए. फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन ने इसे मूल अंत और हटाए गए दृश्यों के साथ बहाल किया है, जो शानदार है. मुझे उम्मीद है कि 50 साल बाद भी यह फिल्म नए दर्शकों को मोहित करेगी.”
धर्मेंद्र का भावुक बयान
धर्मेंद्र ने भी इस उपलब्धि पर खुशी जताई. उन्होंने कहा, “शोले दुनिया का आठवां अजूबा है. मुझे खुशी है कि इसे फिर से जीवंत किया जा रहा है. मुझे यकीन है कि इसे वही प्यार मिलेगा, जो 50 साल पहले मिला था. सलीम-जावेद के संवाद और रमेश सिप्पी का निर्देशन अविस्मरणीय है. हर किरदार स्टार बन गया, लेकिन असली हीरो तो सिक्का था. मुझे गब्बर और ठाकुर के किरदार ऑफर हुए थे, लेकिन मैं वीरू बनना चाहता था, क्योंकि वह मेरे जैसा था. टंकी वाला दृश्य, मंदिर वाला दृश्य, और जय की मृत्यु का दृश्य मेरे लिए खास हैं. जय की मृत्यु का दृश्य आज भी मेरे दिल में बस्ता है.”
स्क्रीनिंग क्यों है खास?
यह स्क्रीनिंग शोले के फैंस के लिए एक अनूठा अवसर है, क्योंकि वे फिल्म को इसके मूल रूप में देख सकेंगे. रिस्टोर्ड वर्जन में वे दृश्य भी शामिल हैं, जो पहले कभी सार्वजनिक रूप से नहीं दिखाए गए. यह आयोजन शोले की विरासत को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का एक शानदार प्रयास है.