'आज के हिंदू छोड़ेंगे नहीं', रणबीर कपूर के राम बनने पर मुकेश खन्ना की दो टूक- ₹1000 करोड़ से नहीं बनती रामायण
रणबीर कपूर के राम अवतार ने चर्चा छेड़ी है, वहीं टीवी सीरियल ‘रामायण’ के राम मुकेश खन्ना ने इस भूमिका पर अपनी कड़ी राय दी है. उनका कहना है कि रामायण सिर्फ बड़े बजट या ग्लैमर से नहीं बनती, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और हिंदू आस्था का अहम हिस्सा है. राम का किरदार निभाने के लिए श्रद्धा और समझदारी जरूरी है. ये बातें रामायण की सांस्कृतिक महत्ता और फिल्मों में उसके सही चित्रण की जरूरत को दर्शाती हैं.
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हाल ही में बॉलीवुड अभिनेता रणबीर कपूर को भगवान राम के किरदार में देखने की खबर ने सभी का ध्यान खींचा है. रामायण जैसी पवित्र और महत्त्वपूर्ण कथा को बड़े पर्दे पर लेकर आना हमेशा से ही एक बड़ी जिम्मेदारी मानी जाती है. रणबीर कपूर के इस नए रूप को लेकर फिल्म प्रेमियों के साथ-साथ धार्मिक और सांस्कृतिक संगठनों में भी उत्सुकता है.
मुकेश खन्ना ने जताई अपनी चिंता
मुकेश खन्ना, जो टीवी सीरियल ‘रामायण’ में भगवान राम की भूमिका निभाकर खास पहचान बना चुके हैं, ने रणबीर कपूर के राम बनने पर अपनी राय दी है. उन्होंने कहा कि रामायण केवल बड़ी रकम खर्च करके बनने वाली फिल्म नहीं है. यह हमारे धर्म, संस्कृति और आस्था की गहराई है, जिसे सिर्फ पैसों से तौला नहीं जा सकता. उनका मानना है कि रामायण को श्रद्धा और समझदारी के साथ प्रस्तुत किया जाना चाहिए.
रामायण की सांस्कृतिक और धार्मिक महत्ता
रामायण हमारे देश की सबसे पुरानी और पावन कथाओं में से एक है. यह महाकाव्य न केवल भगवान राम के जीवन और आदर्शों को दर्शाता है, बल्कि जीवन जीने की सीख, नैतिकता और धर्म के महत्व को भी समझाता है. भारतीय समाज में रामायण का विशेष स्थान है और यह हर आयु वर्ग के लोगों के दिलों में गहराई से बसा हुआ है.
फिल्मी रूपांतरण की चुनौतियां
रामायण जैसी पौराणिक कथा को बड़े पर्दे पर दिखाना आसान नहीं है. केवल महंगे सेट और बड़े बजट से यह सफल नहीं होती. कलाकारों को किरदार की गहराई समझनी होती है और निर्देशक को इस कथा के भाव को जनता तक सही तरीके से पहुंचाना होता है. मुकेश खन्ना ने भी इस बात पर जोर दिया कि राम के किरदार को निभाने वाले अभिनेता को उसकी जिम्मेदारी समझनी चाहिए.
आज के हिंदू और रामायण की अटूट आस्था
मुकेश खन्ना ने कहा कि आज के हिंदू रामायण को कभी नहीं छोड़ेंगे. यह उनकी आस्था का प्रतीक है. चाहे फिल्म कितनी भी बड़ी हो, अगर उसमें रामायण की भावना और श्रद्धा नहीं होगी तो वह लोगों के दिलों तक नहीं पहुंचेगी. इसलिए इस कथा को सम्मान और प्यार के साथ पेश करना जरूरी है.
रणबीर कपूर के लिए उम्मीदें और सलाह
मुकेश खन्ना ने रणबीर कपूर से आग्रह किया है कि वे इस भूमिका को केवल अभिनय के तौर पर न लें, बल्कि इसे एक आध्यात्मिक अनुभव मानकर निभाएं. इससे न केवल उनकी छवि बनेगी, बल्कि दर्शकों के मन में राम के प्रति सम्मान भी बढ़ेगा.
रामायण जैसी महान कथा का फिल्मी रूपांतरण करना एक बड़ी चुनौती है. मुकेश खन्ना जैसे अनुभवी कलाकार की राय से पता चलता है कि केवल पैसों और बड़े बजट से यह काम नहीं बनता. श्रद्धा, समर्पण और संस्कृति की समझ जरूरी है. रणबीर कपूर के राम बनने की खबर ने फिल्म प्रेमियों और धार्मिक जगत दोनों में नई उम्मीदें जगाई हैं. अब देखने वाली बात होगी कि यह फिल्म रामायण की गरिमा को कितना बनाए रख पाती है.
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