सुप्रीम कोर्ट ने यूट्यूबर समय रैना और रणवीर अल्लाहबादिया को लेकर सख्त फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि हमें अपनी बात कहने की आज़ादी तो है, लेकिन साथ ही सही तरीका अपनाना भी जरूरी है। कोर्ट ने ये भी कहा कि डिजिटल कंटेंट के लिए नए नियम बनाना जरूरी है।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कॉमेडियन और यूट्यूबर समय रैना को लेकर कड़ा रुख अपनाया, जब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही का मजाक उड़ाया था। कोर्ट ने ये बयान उस समय दिया जब रैना ने कनाडा में अपने शो 'इंडियाज गॉट लेटेंट' के विवाद पर टिप्पणी की। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने युवा पीढ़ी की ओर इशारा करते हुए कहा कि आजकल के युवा खुद को बहुत होशियार समझते हैं और उन्हें ये नहीं भूलना चाहिए कि कोर्ट के पास कितनी ताकत है। ये मामला यूट्यूबर रणवीर अल्लाहबादिया द्वारा की गई अभद्र टिप्पणी से जुड़ा हुआ था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने गंभीरता से लिया।
समय रैना ने कार्यवाही का उड़ाया मजाक
समय रैना, जो हाल ही में कनाडा में 'समय रैना अनफिल्टर्ड' टूर पर थे, ने इस विवाद पर मजाकिया अंदाज में टिप्पणी की थी। कनाडा में स्टेज पर रैना ने कहा था, "मेरे वकील की फीस देने के लिए शुक्रिया," जब वो अपनी कानूनी लड़ाई पर बात कर रहे थे। इस टिप्पणी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें कड़ी फटकार लगाई और कहा कि ऐसे व्यवहार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
रणवीर अल्लाहबादिया का विवादित बयान
इस विवाद की शुरुआत यूट्यूबर रणवीर अल्लाहबादिया की एक अश्लील टिप्पणी से हुई थी, जिसे उन्होंने रैना के शो 'इंडियाज गॉट लेटेंट' में किया था। अल्लाहबादिया ने माता-पिता के शारीरिक संबंधों पर अपमानजनक और अश्लील टिप्पणियां की, जिससे सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया। इस टिप्पणी के खिलाफ विरोध बढ़ा और संसद में भी इस पर बहस शुरू हो गई। इसके बाद कई शिकायतें दर्ज की गईं और इस मामले को लेकर कानूनी कार्रवाई की गई।
इन यूट्यूबर्स पर दर्ज हुए मामले
समय रैना के अलावा, अन्य यूट्यूबर्स जैसे आशीष चंचलानी, जसप्रीत सिंह और अपूर्वा मखीजा पर भी आरोप लगाए गए। ये सभी रैना के शो का हिस्सा थे और इनकी टिप्पणियां भी विवादों में आईं। शो के एपिसोड को यूट्यूब से हटा लिया गया था, और रैना ने बाद में एक बयान जारी करते हुए कहा कि उन्होंने अपने चैनल से शो के सभी वीडियो हटा दिए हैं और वो पूरी तरह से अधिकारियों के साथ सहयोग कर रहे हैं। रणवीर अल्लाहबादिया ने भी एक वीडियो में माफी मांगी और कहा कि उसकी टिप्पणियां "न केवल अनुचित थीं, बल्कि मजाकिया भी नहीं थीं।"
सुप्रीम कोर्ट ने दी रणवीर को राहत
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को रणवीर अल्लाहबादिया को राहत देते हुए उनके पॉडकास्ट 'द रणवीर शो' को फिर से शुरू करने की अनुमति दे दी। कोर्ट ने कहा कि अपनी बात कहने की आज़ादी और सही व्यवहार के बीच संतुलन रखना ज़रूरी है।हालांकि, कोर्ट ने ये भी स्पष्ट किया कि इस विवाद के बाद डिजिटल कंटेंट के लिए नए दिशानिर्देश तैयार किए जाएंगे, ताकि भविष्य में ऐसे विवादों से बचा जा सके।
बता दें सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में साफ कह दिया है कि यूट्यूबर्स और डिजिटल कंटेंट क्रिएटर्स को ये समझना होगा कि उन्हें अपने कर्तव्यों का पालन करना होना, न कि सिर्फ अपने अधिकारों का गलत इस्तेमाल करना। कोर्ट का कहना है कि सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर किसी भी तरह की गलत और सेंसलेस टिप्पणियां बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।