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अक्षय कुमार @58: नाम बदला और किस्मत चमकी, जिस बंगले में एंट्री से रोके गए उसी को खरीदा, शार्क से बाल-बाल बचे, स्ट्रगल से स्टार बनने तक की कहानी

अक्षय कुमार आज 58 वर्ष के हो गए हैं. उन्होंने नाम बदलकर करियर की शुरुआत की, संघर्ष के दिनों में अस्वीकृति का सामना किया, फिर उसी बंगले को खरीद लिया जहाँ उन्हें प्रवेश नहीं मिला था. साथ ही वे समुद्र में शार्क से बाल-बाल बचे. यह लेख उनके संघर्ष, सफलता, स्टंट्स और जीवन की प्रेरक घटनाओं को विस्तार से बताता है.

बॉलीवुड के खिलाड़ी अक्षय कुमार आज 58 साल के हो गए हैं. फिल्मों में एक्शन, कॉमेडी और रोमांस से लेकर सामाजिक मुद्दों तक हर तरह की भूमिकाओं में पहचान बनाने वाले अक्षय कुमार का सफर आसान नहीं रहा. संघर्ष, असफलता और जोखिमों से भरी उनकी ज़िंदगी ने उन्हें स्टार बनाया. नाम बदलते ही उन्हें पहली फिल्म मिली, जिस बंगले में एंट्री नहीं दी गई थी वही उन्होंने बाद में खरीद लिया और समुद्र में शार्क का शिकार होने से भी वे बाल-बाल बचे. आइए जानते हैं उनकी जीवन यात्रा के कुछ प्रेरक और दिलचस्प पहलू.

अक्षय कुमार के पिता हरि ओम भाटिया आर्मी ऑफिसर थे और मां अरुणा भाटिया गृहिणी थीं. बचपन में ही उनके पिता के ट्रांसफर से परिवार दिल्ली से मुंबई आ गया. छुट्टियों में वे अक्सर चांदनी चौक जाते थे. अक्षय बचपन से ही खेल-कूद में बहुत रुचि रखते थे. जब अक्षय सातवीं क्लास में थे तो उनके नंबर अच्छे नहीं आए. पिता गुस्सा हुए और पूछा कि आगे क्या करना है. अक्षय डर गए और लिखकर बताया कि वे हीरो बनना चाहते हैं. जिस पर पिता ने कहा था कि पढ़ाई जरूरी है, हिंदी-इंग्लिश आनी चाहिए.

नाम बदलते ही बदली किस्मत

अक्षय कुमार का असली नाम “राजीव हरिओम भाटिया” था. फिल्म इंडस्ट्री में प्रवेश करने के लिए उन्होंने अपना नाम बदलकर “अक्षय कुमार” रख लिया. यह बदलाव उनके करियर में टर्निंग पॉइंट साबित हुआ. नाम बदलने के कुछ ही समय बाद उन्हें पहली फिल्म “सौगंध” मिल गई.

इस बदलाव के पीछे उनकी सोच थी कि नया नाम ज्यादा प्रभावशाली लगे और दर्शकों के बीच जल्दी पहचान बन सके. आज अक्षय कुमार का नाम ही उनकी ब्रांड वैल्यू बन चुका है.

जिस बंगले में नहीं मिली थी एंट्री, वही बाद में खरीदा

शुरुआती दिनों में अक्षय कुमार को कई बार अस्वीकृति का सामना करना पड़ा. एक बड़े फिल्म निर्माता के बंगले में एंट्री तक नहीं दी गई थी. लेकिन मेहनत, धैर्य और आत्मविश्वास ने उन्हें न केवल फिल्मों में पहचान दिलाई बल्कि उसी बंगले को बाद में खरीदने का अवसर भी मिला.

यह घटना उनके संघर्ष और सफलता की मिसाल बन गई. उन्होंने साबित कर दिया कि असफलता अस्थायी होती है और सही दिशा में प्रयास करने पर सफलता जरूर मिलती है.

समुद्र में शार्क से बाल-बाल बचे

फिल्मों में एक्शन और स्टंट्स करने के लिए प्रसिद्ध अक्षय कुमार ने कई जोखिम उठाए हैं. एक बार शूटिंग के दौरान समुद्र में शार्क का सामना हुआ. कहा जाता है कि वे शार्क के शिकार बनने से बाल-बाल बचे. यह घटना उनके जज्बे और साहस को दिखाती है. अक्षय कुमार अपने स्टंट खुद करने के लिए जाने जाते हैं. उनकी मेहनत और जोखिम उठाने की क्षमता ही उन्हें बॉलीवुड का “खिलाड़ी” बनाती है.

संघर्ष से स्टार बनने तक का सफर

मुंबई में शुरुआती दिनों में अक्षय कुमार को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा. छोटे-मोटे कामों से लेकर स्टंट ट्रेनिंग तक उन्होंने कई मुश्किलें झेली. धीरे-धीरे उन्होंने अपनी पहचान बनाई और आज वे बॉलीवुड के सबसे भरोसेमंद सुपरस्टार्स में शामिल हैं.  फिटनेस, अनुशासन, समय की पाबंदी और लगातार काम करते रहना उनके सफर की पहचान रही है. एक एक्टर से लेकर निर्माता और सामाजिक मुद्दों पर आवाज़ उठाने वाले सेलिब्रिटी बनने तक की यात्रा ने उन्हें लाखों लोगों का आदर्श बना दिया है.

परिवार और निजी जीवन

अक्षय कुमार का परिवार उनके संघर्ष और सफलता का बड़ा आधार रहा है. पत्नी ट्विंकल खन्ना और बच्चों के साथ वे एक साधारण और संतुलित जीवन जीते हैं. वे अपनी फिटनेस और काम को प्राथमिकता देते हैं लेकिन परिवार के लिए समय निकालना कभी नहीं भूलते.

उनकी सादगी और मेहनत ने उन्हें सिर्फ फिल्मों में नहीं बल्कि लोगों के दिलों में भी खास स्थान दिलाया है.

आज भी प्रेरणा हैं अक्षय कुमार

58 वर्ष की उम्र में भी अक्षय कुमार लगातार काम कर रहे हैं. नई पीढ़ी के कलाकारों के लिए वे प्रेरणा का स्रोत हैं. अनुशासन, जोखिम उठाने का साहस और कभी हार न मानने की प्रवृत्ति उन्हें बाकी सितारों से अलग बनाती है.  आज वे सिर्फ एक सुपरस्टार नहीं, बल्कि एक प्रेरक व्यक्तित्व हैं जो अपने काम से दूसरों को आगे बढ़ने की राह दिखा रहे हैं.

अक्षय कुमार की जिंदगी संघर्ष, धैर्य और सफलता की कहानी है. नाम बदलते ही करियर की शुरुआत, अस्वीकृति के बावजूद आगे बढ़ना, जोखिम उठाकर स्टंट करना और अपने सपनों को हकीकत में बदलना – ये सब उनकी यात्रा को खास बनाते हैं. 58वें जन्मदिन पर वे लाखों लोगों के लिए प्रेरणा बने हुए हैं. उनकी कहानी यह सिखाती है कि असफलताओं से डरने की बजाय उन्हें पार कर आगे बढ़ना ही असली जीत है.

 

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