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कौन है Modi का वो सिपाही जिसने Kerala में पहली बार जीत का भगवा लहरा दिया

Kerala में सत्ता में ज्यादातर भगवान को ना मानने वाले वामपंथियों की ही सरकार रही है। यही वजह है कि हिंदुत्व की राजनीति करने वाली बीजेपी अपने इतिहास में कभी भी केरल की एक सीट भी नहीं जीत पाई। यहां तक कि प्रचंड मोदी लहर में भी बीजेपी केरल में खाता नहीं खोल पाई। लेकिन इस बार के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के एक नेता ने तो इतिहास बदल कर रख दिया।और पहली बार केरल की धरती पर जीत का भगवा गाड़ दिया !

06 Jun, 2024
( Updated: 06 Jun, 2024
12:29 PM )
कौन है Modi का वो सिपाही जिसने Kerala में पहली बार जीत का भगवा लहरा दिया
Kerala : साल 2014 और 2019 में जब देश में प्रचंड मोदी लहर थी। उस वक्त भी दक्षिण राज्य Kerala की बीस में से एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं कर पाई थी।  क्योंकि इस राज्य को भले ही भगवान का अपना देश यानि Gods own country कहा जाता रहा हो। लेकिन सत्ता में ज्यादातर भगवान को ना मानने वाले वामपंथियों की ही सरकार रही है।  यही वजह है कि हिंदुत्व की राजनीति करने वाली बीजेपी अपने इतिहास में कभी भी केरल की एक सीट भी नहीं जीत पाई।  यहां तक कि प्रचंड मोदी लहर में भी बीजेपी केरल में खाता नहीं खोल पाई। लेकिन इस बार के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के एक नेता ने तो इतिहास बदल कर रख दिया।  और पहली बार केरल की धरती पर जीत का भगवा गाड़ दिया। 




दरअसल साल 2014 में बीजेपी अकेले दम पर 282 सीट जीत कर सत्ता में आई। तो वहीं साल 2019 में 303 सीटें जीत कर प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में लौट आई।लेकिन दोनों ही चुनाव में बीजेपी केरल में एक भी सीट नहीं जीत पाई। तो वहीं इस बार के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने तो केरल में इतिहास ही रच दिया।क्योंकि यहां कि त्रिशूर लोकसभा सीट पर पहली बार जीत का भगवा लहरा दिया।और ये इतिहास रचा है साउथ के सुपरस्टार सुरेश गोपी ने। जिन्हें इस बार बीजेपी ने त्रिशूर सीट से टिकट देकर मैदान में उतारा था ।सुरेश गोपी ने भी बीजेपी को निराश नहीं किया । वामपंथी उम्मीदवार सुनील कुमार को बुरी तरह से हराकर केरल में बीजेपी का झंडा लहरा दिया।और इस जीत के बाद उन्होंने कहा। "त्रिशूर के असली सेकुलर मतदाताओं को धन्यवाद, कार्यकर्ताओं का धन्यवाद, दुनिया भर के सभी इंसानों का धन्यवाद, आपकी प्रार्थनाओं के लिए, स्वर्ग में आत्माओं को भी प्रणाम "


केरल में बीजेपी को पहली बार जीत दिलाने के बाद सुरेश गोपी ने एक शब्द का इस्तेमाल किया असली सेकुलर मतादाता ।और इस शब्द का उन्होंने क्यों इस्तेमाल किया।इसकी वजह भी जान लीजिये। दरअसल केरल में मुस्लिम और ईसाई समुदाय के लोगों की अच्छी खासी आबादी है। जो वामपंथी सरकार को ही चुनती रही है। हिंदुत्व की राजनीति करने वाली बीजेपी को केरल में नहीं पसंद किया जाता है। यही वजह है कि बीजेपी जनसंघ के समय से ही यानि 1951 से केरल में सक्रिय है। लेकिन इसके बावजूद केरल की एक भी लोकसभा सीट नहीं जीत पाई।  इस इतिहास को बदलने के लिए बीजेपी को 2024 के लोकसभा चुनाव का इंतजार करना पड़ा। जब बीजेपी नेता सुरेश गोपी ने 74 हजार से भी ज्यादा वोटों के साथ वामपंथी उम्मीदवार सुनील कुमार को बुरी तरह से हराकर पहली बार केरल में जीत का भगवा लहरा दिया। आपको बता दें सुरेश गोपी की ये जीत इसलिये भी खास है। क्योंकि केरल राज्य की स्थापना के समय से ही हिंदू महासभा और जनसंघ की राज्य में मौजूदगी रही है। इसी केरल में संघ परिवार ने 1964 में एक विशाल बैठक करके अपनी ताकत दिखाई थी। इसी बैठक में दीन दयाल उपाध्याय को राष्ट्रीय प्रमुख चुना गया था।  इसी बात से समझ सकते हैं कि केरल और बीजेपी का कितना पुराना रिश्ता रहा है। लेकिन इसके बावजूद केरल की एक संसदीय सीट जीतने के लिए बीजेपी को 73 साल तक इंतजार करना पड़ा। ये इंतजार खत्म किया सुरेश गोपी ने। जिन्होंने त्रिशूर में बीजेपी को जीत दिलाई ।

कौन हैं सुरेश गोपी ?
केरल के कोल्लम में 26 जून 1965 को हुआ गोपी का जन्म ।
मलयालम सिनेमा के एंग्री यंग मैन कहे जाते हैं सुरेश गोपी ।
वामपंथी पार्टी CPIM के छात्र संगठन से SFI से राजनीति शुरू की।
मोदी राज में 2016 में सुरेश गोपी को राष्ट्रपति ने राज्य सभा भेजा।
2016 में ही IT और संचार मंत्रालय की स्टैंडिंग कमेटी के मेंबर बने।
अक्टूबर 2016 में आधिकारिक तौर पर बीजेपी में शामिल हो गये।
2019 में बीजेपी ने सुरेश गोपी को केरल की त्रिशूर सीट से लड़ाया।
कांग्रेस उम्मीदवार टीएन प्रथापन से सुरेश गोपी त्रिशूर चुनाव हार गये।
सुरेश गोपी को हार के बावजूद 2 लाख 93 हजार से ज्यादा वोट मिले।
2021 में सुरेश गोपी केरल विधानसभा चुनाव में त्रिशूर से मैदान में उतरे।
विधानसभा चुनाव भी सुरेश गोपी हार गये और तीसरे नंबर पर रहे।


लगातार दो चुनावों में मिली करारी हार के बावजूद सुरेश गोपी ने मैदान नहीं छोड़ा। त्रिशूर में ही लोगों की सेवा में लगे रहे। यही वजह है कि साल 2024 में पीएम मोदी ने एक बार फिर सुरेश गोपी पर भरोसा जताया और टिकट देकर त्रिशूर सीट से मैदान में उतार दिया ।और उन्होंने भी बीजेपी को निराश नहीं किया ।त्रिशूर सीट जीत कर बीजेपी की झोली में डाल दी। तो वहीं बीजेपी का वोट शेयर भी 2019 के मुकाबले तीन फीसदी से बढ़ कर 17 फीसदी तक पहुंच गया। जो बीजेपी के लिए मलयालम फिल्मों में दमदार किरदार के दम पर राष्ट्रीय फिल्म अवॉर्ड जीत चुके सुरेश गोपी अब संसद में केरल की आवाज बुलंद करेंगे। 

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