इस बार सावन का आखिरी सोमवार क्यों है इतना खास! जानें धार्मिक कारण और महत्व
सावन का अंतिम सोमवार पूरे महीने के सोमवारों में सबसे फलदायी माना जाता हैं. इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा और व्रत रखने से भक्तों को मनचाहा फल मिलता है. मान्यता है कि यह दिन पिछले सभी सोमवार व्रतों की साधना को पूर्ण करता है. अविवाहितों को योग्य जीवनसाथी, विवाहितों को अखंड सौभाग्य और परिवार में सुख-समृद्धि प्राप्त होती है. आइए जानते हैं क्यों सावन का अंतिम सोमवार इतना खास माना जाता है और इस दिन की पूजा का महत्व क्या है.
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सावन का महीना भगवान शिव की उपासना के लिए सबसे पवित्र माना जाता है. इस महीने के प्रत्येक सोमवार को व्रत रखने का विशेष महत्व है, लेकिन सावन का अंतिम सोमवार सबसे शुभ और फलदायी माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन किए गए पूजा-पाठ से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों को मनोवांछित फल प्रदान करते हैं.
सावन के सोमवार का महत्व
सावन माह का सीधा संबंध भगवान शिव और माता पार्वती से है. मान्यता है कि इस महीने में शिव-पार्वती का विवाह हुआ था. सोमवार को शिव का दिन माना जाता है और सावन में इसका महत्व कई गुना बढ़ जाता है. भक्त इस दिन व्रत, जलाभिषेक, मंत्र-जप और रुद्राभिषेक करके शिव की आराधना करते हैं.
अंतिम सोमवार को क्यों माना जाता है सबसे शुभ?
- संपूर्ण मास की साधना का समापन:
अंतिम सोमवार को भक्त पूरे सावन मास की साधना का फल पाते हैं. पूरे महीने की भक्ति का निष्कर्ष इस दिन होता है, इसलिए इसका महत्व बढ़ जाता है. - शिव कृपा का विशेष योग:
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव भक्तों की हर मनोकामना को पूर्ण करने के लिए विशेष रूप से तत्पर रहते हैं. - दोषों का निवारण:
ज्योतिष के अनुसार, सावन के अंतिम सोमवार को व्रत रखने और पूजा करने से कुंडली के ग्रहदोष और विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं.
पूजन विधि
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करके शुद्ध वस्त्र पहनें.
- शिवलिंग का गंगाजल, दूध, दही, शहद, घी और जल से अभिषेक करें.
- बेलपत्र, आक, धतूरा, सफेद पुष्प चढ़ाएं.
- “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें.
- व्रत का पालन करें और संध्या को शिव-पार्वती की कथा सुनें.
इस दिन क्या करें और क्या न करें
- क्या करें: शिवलिंग पर जल और बेलपत्र अर्पित करना, गरीबों को दान देना, शिव मंत्रों का जाप करना.
- न करें: इस दिन मांस-मदिरा का सेवन, झूठ बोलना और किसी का अपमान करना वर्जित है.
विशेष मान्यता
मान्यता है कि जो अविवाहित कन्याएं सावन के अंतिम सोमवार का व्रत रखती हैं, उन्हें योग्य जीवनसाथी की प्राप्ति होती है. वहीं विवाहित स्त्रियों को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है. शिवभक्त इस दिन अपने परिवार की सुख-समृद्धि और आरोग्यता के लिए विशेष रूप से प्रार्थना करते हैं. सावन का अंतिम सोमवार भगवान शिव की असीम कृपा पाने का सबसे उत्तम अवसर माना जाता है. इस दिन की गई पूजा और व्रत न केवल पिछले दिनों की साधना को पूर्णता देते हैं, बल्कि जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर कर सुख, शांति और समृद्धि प्रदान करते हैं.
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