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भारत-पाक तनाव के बीच सिद्धिविनायक में बैन हुआ प्रसाद किस ओर इशारा कर रहा है ?

पाकिस्तान ने 22 अप्रैल को किए आतंकी हमले ने अपने निपटने की तारीख को न्यौता दे दिया है जिसके बाद जब भारत ने पाकिस्तान का पलटवार किया तो पाकिस्तान की 7 पुश्तें ही कांप गईं, जिसके बाद पाकिस्तान बौखलाया हुआ है और किसी भी हद तक गिर रहा है। भारत के प्रसिद्ध मंदिरों, गुरुद्वारों और चर्चों को अपना निशाना बना रहा है।

आप सभी जानते होंगे कि भारत और पाकिस्तान के बीच कैसी स्थिति चल रही है. कभी भी कुछ भी हो सकता है हालांकि अभी दोनों देशों ने सीजफायर पर सहमति कर ली है लेकिन आप पाकिस्तान को तो जानते ही हैं वो कुत्ते की दुम है जो कभी सीधे होने का नाम ही नहीं लेती है. इसीलिये सीजफायर के कुछ ही घंटों बाद पाकिस्तान ने एक बार फिर सीजफायर तोड़ दिया और गोलीबारी करने लगा.जिसे भारतीय सेना ने भी उसी की भाषा में जवाब दिया, और फिर प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इस बार पाकिस्तान ने कोई नापाक हरकत की तो उसे युद्ध की शुरुआत समझा जायेगा. हालांकि अभी स्थिति नियंत्रण में है लेकिन आज हर कोई ये सोच रहा है कि क्या ये शांति किसी आने वाली हलचल के बारे में चेतावनी तो नहीं दे रही है ? अगर सब शांत है तो फिर क्यों सिद्धिविनायक मंदिर में सुरक्षा को और बढ़ा दिया गया है? चलिए जानते हैं कि क्या है पूरा माजरा ? तो जानने के लिए बने रहे हमारे साथ और देखिए इस पर हमारी खास रिपोर्ट.


पहलगाम का आतंकी हमला पाकिस्तान को ही महंगा पड़ रहा है. भले ही भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर हो गया है लेकिन Operation Sindoor अभी भी जारी है, क्योंकि पाकिस्तान भारत को नुकसान पहुंचाने के लिए कुछ भी कर सकता है, किसी भी हद तक गिर सकता है और इसी बात को ध्यान में रखकर भारत के कई मंदिरों की सुरक्षा को बढ़ाया गया है, कई मंदिरों, कई गुरुद्वारों में एहतियात के तौर पर ब्लैक आउट किया जा रहा है. इसी बीच मुंबई के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक सिद्धिविनायक मंदिर में भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है, क्योंकि हिंदुस्तान के पलटवार से बौखलाया हुआ पाकिस्तान अब किसी भी हद तक गिरने के लिए तैयार हो गया है, और भारत के प्रसिद्ध मंदिरों, गुरुद्वारों पर हमला कर रहा है. इसी को लेकर सिद्धिविनायक मंदिर में भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है. क्योंकि ये मंदिर आतंकियों के निशाने पर है इसलिए मंदिर परिषद ने एक आदेश करते हुए कहा कि “11 मई से मंदिर में फूलों की माला और नारियल का प्रसाद नहीं चढ़ाया जायेगा.” आपको बता दें कि इस मंदिर में भगवान गणेश की पूजा की जाती है. ये मंदिर इतना मशहूर है कि इस मंदिर में रोजाना हजारों की संख्या में भक्त माथा टेकने आते हैं, इसी के चलते ये मंदिर हमेशा से ही आतंकवादियों की हिट लिस्ट में शामिल रहा है. इसलिए मंदिर परिषद के सदस्यों ने भक्तों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह अहम फैसला उठाया है. अब मंदिर में आने वाले भक्तों की जांच के साथ भीड़ प्रबंधन का काम भी किया जा रहा है. इसी के साथ आपको जानकारी देते चलें कि अब मंदिर में CCTV कैमरों की संख्या भी बढ़ा दी गई है और मंदिर के मेन गेट पर भी जांच की जा रही है लेकिन भक्तों का उत्साह बप्पा के प्रति कम नहीं हुआ है. बप्पा के भक्त अभी भी कह रहे हैं कि बप्पा के दर्शन के लिए सिर्फ सच्चे मन और बप्पा के प्रति आस्था ही काफी है, इन सभी चीजों का बप्पा के दर्शन के आगे कोई मूल्य नहीं है

क्या है सिद्धविनायक मंदिर का इतिहास ?
भगवान गणेश को समर्पित इस मंदिर का निर्माण 19 नवंबर 1801 को लक्ष्मण विथु पाटिल ने किया था. यह बात बहुत कम लोग जानते हैं कि इस मंदिर के निर्माण के लिए राशि एक किसान महिला ने दी थी. वह महिला नि:संतान थी इसलिए वह चाहती थी कि हर बांझ औरत को बप्पा संतान दे इसलिए उसने इस मंदिर के निर्माण कार्य में भाग लिया.  आपको बता दें कि इस मंदिर की गिनती भारत के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में होती है. इस मंदिर से हर साल 10-15 करोड़ रुपयों की धनराशि प्राप्त होती है, इस मंदिर की छत सोने से बनी हुई है. इसलिए यह मंदिर हमेशा से ही आतंकवादियों की लिस्ट में शामिल रहा है. इसलिए इस बार भारत और पाक के तनाव को देखते हुए इस मंदिर में सुरक्षा काफी बढ़ा दी गई है, जिसका समर्थन सिद्धिविनायक मंदिर के भक्त भी कर रहे हैं.

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