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आज है संकष्टी चतुर्थी व्रत, इस शुभ मुहूर्त पर करें भगवान गणेश का आह्वान, इन उपायों से दूर होगा हर संकट

इस बार संकष्टी चतुर्थी का व्रत कब रखा जायेगा? इसका शुभ मुहूर्त क्या है? इस दौरान किन उपायों को करके जीवन के हर संकट को दूर किया जा सकता है? जानिए...

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हर साल गणेश उत्सव के 10 दिन पूरे होते ही भक्त बप्पा को विदा करते हैं और उनके अगले साल आने का इंतजार करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि गणेश विसर्जन के बाद भी भगवान गणेश की पूजा के लिए एक विशेष दिन होता है जिसे संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है. इस बार ये व्रत 10 सितंबर को रखा जायेगा, इस दिन पूजा-अर्चना और दान करने का भी बहुत महत्व होता है. तो चलिए विस्तार से जानते हैं संकष्टी चतुर्थी के बारे में…

संकष्टी चतुर्थी का शुभ मुहूर्त
इस बार संकष्टी चतुर्थी का शुभ मुहूर्त 10 सितंबर को दोपहर 3.37 बजे से शुरू होकर 11 सितंबर दोपहर 12.45 मिनट पर समाप्त होगा और इस दौरान चंद्रोदय का समय रात 8 बजकर 06 मिनट पर रहेगा. इसलिए चंद्र दर्शन के बाद ही व्रत का पारण करें.

संकष्टी चतुर्थी के दिन कैसे करें पूजा अर्चना?
सुबह-सुबह घर के मंदिर को अच्छी तरह साफ कर लें. फिर स्नान आदि कर भगवान गणेश के सामने व्रत का संकल्प लें. इसके बाद जल से भरा कलश स्थापित करें. भगवान गणेश के सामने दीया, धूप और फूल चढ़ाकर उनका आह्वान करें. उन्हें दूर्वा, लाल फूल, अक्षत, मोदक और लड्डू अर्पित करें. ऊँ गं गणपतये नम: मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें. इसके अलावा इस दौरान संकष्टी चतुर्थी की व्रत कथा भी जरूर पढ़ें. फिर शाम को पूजा अर्चना के बाद चंद्रोदय के समय चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का समापन कर सकते हैं.

संकष्टी चतुर्थी क्यों महत्वपूर्ण है?
भगवान गणेश को विघ्नहर्ता के नाम से भी जाना जाता है. इसलिए इस दिन व्रत करने से जीवन के कष्टों से मुक्ति मिलती है. सफलता के बीच आ रहे विघ्न भी दूर होते हैं. इस दौरान आप भगवान गणेश के साथ उनके पूरे परिवार की पूजा अर्चना भी कर सकते हैं. इससे भी शिव जी के पूरे परिवार की कृपा आप पर बनी रहेगी.

भगवान गणेश को खुश करने के लिए करें ये उपाय

  • ऊँ गं गणपतये नम: मंत्र का 108 बार जाप करें.
  • भगवान गणेश को लाल फूल और दूर्वा जरूर चढ़ाएं.
  • इस दिन गणेश चालीसा का पाठ जरूर करें.
  • गरीबों को हरी मूंग, गुड़ या हरे वस्त्रों का दान करें.
  • इस दिन आप हरे वस्त्रों को धारण करना न भूलें.
  • इसके अलावा अगर आप मानसिक शांति चाहते हैं तो हर बुधवार को व्रत रख सकते हैं.

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