मक्का से मदीना तक पैगंबर के सफर को फिर से जीएगा सऊदी अरब, प्रिंस सलमान का बड़ा प्रोजेक्ट!
विश्व पटल पर पीएम मोदी ने प्राचीन भारत की सनातन संस्कृति को उभारा और अब इसी कड़ी में इस्लामी विरासत को बचाए रखने के लिए प्रिंस सलमान ने इस्लामिक तीर्थों में आधुनिकता का तड़का लगाने का फ़ैसला किया है. इसका ताज़ा उदाहरण In the Prophet’s Steps, यानी “दरब अल-हिजरा” है. यह 470 किलोमीटर का वह ऐतिहासिक रास्ता है, जिस पर चलकर पैगंबर मोहम्मद ने मक्का से मदीना तक का सफर तय किया था. अब यही ऐतिहासिक रास्ता पुनर्जीवित होने जा रहा है.
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पीएम मोदी की देखा-देखी सऊदी क्राउन प्रिंस सलमान ने इस्लामी विरासत के विस्तार पर काम करना शुरू कर दिया है. विश्व पटल पर पीएम मोदी ने प्राचीन भारत की सनातन संस्कृति को उभारा और अब इसी कड़ी में इस्लामी विरासत को बचाए रखने के लिए प्रिंस सलमान ने इस्लामिक तीर्थों में आधुनिकता का तड़का लगाने का फ़ैसला किया है, जिसका ताज़ा उदाहरण "In the Prophet’s Steps" यानी “दरब अल-हिजरा” है… 470 किलोमीटर का वो ऐतिहासिक रास्ता है, जिस पर चलकर पैगंबर मोहम्मद ने मक्का से मदीना तक का सफर तय किया और अब यही ऐतिहासिक रास्ता पुनर्जीवित होने जा रहा है.
इस्लामिक राष्ट्र सऊदी अरब भारत से कोसों मील दूर है, लेकिन दोनों मुल्कों की दोस्ती समुद्र की गहराई से भी ज्यादा गहरी है. मोदी सरकार में भारत-सऊदी अरब के रिश्तों में जैसे-जैसे नज़दीकियाँ बढ़ती गईं, पाकिस्तान और चीन के दिल जलने लगे. दोनों के बीच व्यापारिक साझेदारी ऐसी है कि आज की डेट में सऊदी अरब भारत का चौथा सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है. सऊदी प्रिंस सलमान भी भारत पधार चुके हैं और पीएम मोदी भी सऊदी का चक्कर लगा चुके हैं. पीएम मोदी से प्रिंस सलमान इस कदर प्रभावित हैं कि अब उन्हीं के नक्शे-कदमों पर चलकर ना सिर्फ़ मुल्क के कट्टरपंथियों की कट्टरता को ख़त्म कर रहे हैं, बल्कि इस्लामी विरासत को संरक्षित करने का भी कार्य कर रहे हैं. पीएम मोदी की मंदिर नीति पर फ़िदा सऊदी प्रिंस ने अब अपने ख़ुद के मुल्क में इस्लामिक तीर्थों का जीर्णोद्धार कर रहे हैं, जिसका ताज़ा उदाहरण In the Prophet’s Steps, यानी “दरब अल-हिजरा” है.
हम सभी जानते हैं कि सऊदी की धरती इस्लाम की जन्मस्थली मानी जाती है, क्योंकि यहीं पर मक्का और मदीना हैं, जिनके दर्शनों के लिए हर साल पूरी दुनिया से लाखों तीर्थयात्री यहाँ आते हैं. सऊदी की धरती पर एक भी नदी नहीं है, लेकिन तेल का अकूत भंडार है. इस कारण यहाँ तेल से ज़्यादा पानी महंगा है. खाने में बेबी ऊँट का मांस ज़्यादा पसंद किया जाता है. सार्वजनिक रूप से शराब के निर्माण, बिक्री, रखने और सेवन पर पूरी तरह से प्रतिबंध है. यहाँ जादू-टोना प्रतिबंधित है और अगर कुछ ग़लत करते हुए पाए गए तो तुरंत गर्दन काटकर मौत की सज़ा दी जाती है. ताज़ा उदाहरण अभी का है. एक ही दिन में सऊदी की ज़मीन पर आठ लोगों को फांसी दी गई है. 2025 की शुरुआत से अब तक 230 लोगों को मौत की सज़ा दी जा चुकी है. हालाँकि इन सबके बीच क्राउन प्रिंस का विजन 2030 एक नए सऊदी अरब का निर्माण कर रहा है और दरब अल-हिजरा भी इसी प्रोजेक्ट का हिस्सा है.
दरअसल, मक्का से मदीना तक पहुँचने के लिए पैगंबर मोहम्मद ने 470 किलोमीटर का रास्ता तय किया था और इसी मार्ग को हिजरत मार्ग कहा जाता है. इसी मार्ग को पुनर्जीवित करने के लिए "दरब अल-हिजरा" नाम का प्रोजेक्ट चलाया जाएगा. इस प्रोजेक्ट के तहत हिजरत मार्ग में 305 किलोमीटर का हिस्सा विशेष रूप से पैदल यात्रा के लिए तैयार किया जाएगा. 41 ऐतिहासिक स्थलों को पुनर्स्थापित किया जाएगा. मार्ग में 8 प्रमुख स्टेशन होंगे जो हिजरत यात्रा की कहानी को दर्शाएंगे. इसके अलावा, यात्रियों के लिए 30 से ज्यादा रेस्तरां, 50 दुकानें, मेडिकल सुविधाएं, विश्राम केंद्र और आधुनिक शौचालय भी बनाए जाएंगे.
इस प्रोजेक्ट को लेकर सऊदी क्राउन प्रिंस का बाक़ायदा ये कहना है, "यह प्रोजेक्ट इस्लामी विरासत के संरक्षण के प्रति हमारे नेतृत्व की गहरी प्रतिबद्धता का प्रमाण है. इससे दुनियाभर के लोग पैगंबर की ऐतिहासिक यात्रा को अनुभव कर सकेंगे और इस्लामी इतिहास से जुड़ सकेंगे."
गौर करने वाली बात ये है कि रेगिस्तान की इस दुनिया में बेशुमार गैस के भंडार, तेल के कुएँ दशकों से इन्हीं पर मुल्क की अर्थव्यवस्था टिकी हुई है. लेकिन अब बदलते समय के साथ सऊदी अरब की दुनिया बदल रही है. सऊदी प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने जिस नये सऊदी अरब का ख़्वाब देखा है, अब वो हक़ीक़त में बदल रहा है. और इसी हक़ीक़त में "दरब अल-हिजरा" नाम की तस्वीर बहुत जल्द देखने को मिलेगी.
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