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23 अगस्त को शनि अमावस्या के दिन बन रहे दुर्लभ संयोग, इन उपायों को जरूर करें, इन्हें करने मात्र से दूर होंगे हर कष्ट

भाद्रपद माह की अमावस्या तिथि यानी 22 अगस्त को सुबह 11.55 बजे से लेकर 23 अगस्त को सुबह 11.35 बजे तक रहेगी. पंचांग के अनुसार ये अमावस्या 23 अगस्त के दिन ही मनाई जायेगी. ज्योतिषों की दृष्टि से भी ये दिन बेहद ही खास है. इस दिन आप अपनी परेशानियों से मुक्ति पाने के लिए कुछ उपाय जरूर करें.

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हिन्दू धर्म में शनैश्चरी अमावस्या का खास महत्व होता है. ये दिन भगवान शनिदेव को समर्पित होता है. इस दिन की गई पूजा अर्चना आपकी सोई हुई किस्मत जगा सकती है. लेकिन इस बार शनैचरी अमावस्या का शुभ मुहूर्त कब है? शनि अमावस्या पर किन चीजों का दान करनी चाहिए? इस दौरान किस उपाय को करने से आप अपनी किस्मत को चमका सकते हैं? जानें सभी जानकारी…

शनैश्चरी अमावस्या का शुभ मुहूर्त?
भाद्रपद माह की अमावस्या तिथि यानी 22 अगस्त को सुबह 11.55 बजे से लेकर 23 अगस्त को सुबह 11.35 बजे तक रहेगी. पंचांग के अनुसार ये अमावस्या 23 अगस्त के दिन ही मनाई जायेगी. ज्योतिषों की दृष्टि से भी ये दिन बेहद ही खास है. इस दिन आप अपनी परेशानियों से मुक्ति पाने के लिए कुछ उपाय जरूर करें.

शनि अमावस्या पर जरूर करें ये उपाय!
शनि अमावस्या के दिन आप शनि मंदिर जाकर शनिदेव को सरसों का तेल जरूर अर्पित करें.
इस दिन गरीबों में काले चने जरूर दान करें.
इस शनिवार शनिदेव को काले तिल भी जरूर दान करें.
इस दिन आप काले कपड़े भी दान कर सकते हैं.
गरीबों में उड़द की दाल भी दान करें.
गुड़ दान करना भी बेहद ही शुभ होता है.
अनाज दान करने से पितृ प्रसन्न होते हैं.
इस दिन आप पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीया जरूर जलाएं.
काले कुत्ते या भैंस को रोटी जरूर खिलाएं.

शनिदेव की पूजा कैसे करें?
इस दिन आप प्रात: काल उठकर काले या फिर नीले रंग के कपड़े पहन लें. शनिदेव के सामने आसन लगाकर बैठ जाएं. फिर उनके सामने तेल का दीपक जलाएं. इसके बाद जल, अक्षत, काले तिल और फूल अर्पित करें. ऊँ शं शनैश्चराय नम: मंत्र का 108 बार जाप करें. साथ ही शनि चालीसा का पाठ भी जरूर कर अंत में सरसों के तेल से भरे पात्र में अपनी परछाई देखकर उस तेल का दान करें.

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