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नवरात्रि पूजा: सप्तमी पर इस तरह करें मां कालरात्रि की पूजा, इन मंत्रों और आरती पाठ से बरसेगी अपार कृपा

इस बार नवरात्रि का त्योहार बेहद ही खास है. क्योंकि मां का आगमन हाथी पर हुआ और नवरात्रि 10 दिनों तक चलने वाली है. यह बेहद ही खास संयोग है. ऐसे में आज नवरात्रि की सप्तमी मां कालरात्रि को समर्पित है. आज पूजा विधि किस विधि से करनी है? किस आरती से मां को खुश कर सकते हैं? किन मंत्रों के जाप से मां करेंगी आपकी रक्षा, जानिए…

इस बार नवरात्रि का त्योहार बेहद ही खास है. क्योंकि इस बार नवरात्रि 9 नहीं बल्कि 10 दिनों तक चलने वाली है. ज्योतिषियों के अनुसार नवरात्रि का एक दो बार आया है. ऐसे में आज यानी सोमवार को 7वां नवरात्रि मनाया जा रहा है. इस दौरान भक्त मां कालरात्रि की आसानी से कृपा प्राप्त कर सकते हैं. अब वो कैसे? चलिए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं. क्योंकि मां कालरात्रि की कृपा पाने के लिए आपको सही विधि से मां की पूजा करना, सही मंत्रों का उच्चारण करना और सही आरती को पढ़ना बहुत जरूरी है.

इस विधि से करें मां कालरात्रि की पूजा

मां कालरात्रि की पूजा करने के लिए सुबह सबसे पहले घर की साफ-सफाई के बाद स्नान आदि से मुक्त हो जाएं. इसके बाद स्वच्छ कपड़े पहन लें. मां कालरात्रि की मूर्ति को गंगा जल से शुद्ध कर कुमकुम, रोली और अक्षत अर्पित करें. इसके बाद दीप जलाकर धूप जलाएं. इसके बाद पूजा शुरू करें. इस दौरान बताए गए मंत्रों का उच्चारण कर आरती जरूर गाएं. इसके बाद माता को खीर या फिर गुड़ से बनी चीजों का भोग लगाकर प्रसाद को पूरे घर में बांट दें. अंत में मां से अपनी गलतियों की माफी मांगकर अपने मंगल की कामना करें.

पूजा के दौरान इन मंत्रों का जरूर करें उच्चारण

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कालरात्र्यै नमः

ॐ कालरात्र्यै नमः

या देवी सर्वभूतेषु मां कालरात्रि रूपेण संस्थिता। 

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

ॐ ह्रीं कालरात्र्यै फट् स्वाहा

ॐ क्रीं कालिकायै कालरात्र्यै नमः

इस आरती को गाने से मिलेगी मां कालरात्रि की कृपा

कालरात्रि जय जय महाकाली 

काल के मुंह से बचाने वाली 

दुष्ट संहारिणी नाम तुम्हारा 

महाचंडी तेरा अवतारा 

पृथ्वी और आकाश पर सारा 

महाकाली है तेरा पसारा 

खंडा खप्पर रखने वाली 

दुष्टों का लहू चखने वाली 

कलकत्ता स्थान तुम्हारा 

सब जगह देखूं तेरा नजारा 

सभी देवता सब नर नारी 

गाएं स्तुति सभी तुम्हारी 

रक्तदंता और अन्नपूर्णा 

कृपा करे तो कोई भी दुख ना 

ना कोई चिंता रहे ना बीमारी 

ना कोई गम ना संकट भारी 

उस पर कभी कष्ट ना आए 

महाकाली मां जिसे बचाए 

तू भी 'भक्त' प्रेम से कह 

कालरात्रि मां तेरी जय।

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