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कार्तिक पूर्णिमा: इन 4 चीजों के दान से बरसेगी भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा, सौ गुना ज्यादा मिलेगा फल!

सनातन धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का खास महत्व है. ये दिन ही नहीं बल्कि कार्तिक माह का पूरा महीना ही भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित होता है. मान्यता है कि इस दौरान किया गया दान सौ गुना फलदायी होता है. ऐसे में जान लीजिए कि खासतौर पर आज आप किन चीजों का दान करके माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की कृपा को प्राप्त कर सकते हैं.

हिंदू धर्म में कई तीज-त्योहार और विशेष दिनों पर भगवान की पूजा-अर्चना की जाती है, लेकिन कार्तिक का पूरा महीना भी विशेष रूप से खास होता है. माना जाता है कि ये पूरा महीना ही भगवान विष्णु को समर्पित होता है और इस महीने किया गया स्नान और दान सौ गुना ज्यादा फलदायी होता है. बुधवार को कार्तिक माह का आखिरी दिन है और पूर्णिमा की वजह से धर्म और दान की दृष्टि से अति फलदायक दिन है.

कार्तिक पूर्णिमा के दिन करें किन चीजों का दान? 

माना जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन दान करने से सभी पापों का नाश होता है और धन-धान्य, सुख-संपदा तथा ईश्वर की कृपा का आशीर्वाद प्राप्त होता है. हालांकि इस दिन किन चीजों का दान करना चाहिए, ये भी मायने रखता है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन अन्न दान करने का बड़ा महत्व है. इस दिन गेहूं, चावल, दालें, आटा या चीनी का दान किया जा सकता है. माना जाता है कि जो भी कार्तिक पूर्णिमा को अन्न का दान करता है, उसके घर में अन्न के भंडार भरे रहते हैं. 

कार्तिक माह में गर्म कंबल का दान करना क्यों है बेहद ही शुभ? 

दीपदान करना भी शुभ माना जाता है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन घर के पास किसी मंदिर पर या घाट पर दीपदान करना चाहिए. ऐसा करने से जीवन के अंधकार से छुटकारा मिलता है. तिल, गुड़ और घी का दान करना भी शुभ होता है. माना जाता है कि इन तीनों चीजों का दान करने से उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है और भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की सदैव कृपा बनी रहती है. इसके साथ ही कार्तिक पूर्णिमा के दिन कपड़ों का दान करना शुभ माना जाता है. गर्म कपड़ों या कंबल का दान करना ज्यादा अच्छा रहता है, इससे भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी पैसों की कमी नहीं होने देते.

कार्तिक पूर्णिमा पर क्या करें, क्या न करें? 

इसके अलावा, मीठे व्यंजनों का भी दान कर सकते हैं या ब्राह्मणों को भोजन कराना भी उत्तम रहेगा. हालांकि, दान करने से पहले कुछ नियमों का पालन भी करना होता है. पहले कार्तिक पूर्णिमा के दिन सुबह उठकर स्नान करें. अगर आप पवित्र नदियों से दूर रहते हैं, तो घर में मौजूद गंगाजल या यमुनाजल को नहाने के पानी में मिलाकर स्नान करें. इससे पवित्र नदियों में स्नान करने जितना ही पुण्य मिलेगा. इसके बाद सच्चे भाव से दान करने का संकल्प लें और पूरी इच्छा से दान करें.

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