166 मंज़िला मंदिर के आगे ग़ायब हुआ दुबई का बुर्ज ख़लीफ़ा !
मंदिरों के देश भारत में इन दिनों एक ऐसे मंदिर का भव्य निर्माण हो रहा है, जिसके आगे दुबई के बुर्ज ख़लीफ़ा का टिक पाना नामुमकिन है. और इस नामुमकिन कार्य को पूरा करने वाले कोई और नहीं, बल्कि यूपी के लिए उपयोगी साबित हुए योगी बाबा हैं. 700 करोड़ की लागत, 166 मंज़िला मंदिर, सनातन संस्कृति में आधुनिक इंजीनियरिंग का तड़का ये सब कुछ दिखेगा श्रीकृष्ण की लीलास्थली वृंदावन में. इसी पर देखिए हमारी ये ख़ास रिपोर्ट.
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मंदिरों के देश भारत में इन दिनों एक ऐसे मंदिर का भव्य निर्माण हो रहा है, जिसके आगे दुबई की बुर्ज ख़लीफ़ा भी टिक नहीं पाएगी और इस नामुमकिन से दिखने वाले कार्य को संभव बना रहे हैं. यूपी के लिए उपयोगी साबित हुए योगी बाबा. 700 करोड़ की लागत, 166 मंज़िला मंदिर, सनातन संस्कृति में आधुनिक इंजीनियरिंग का तड़का यह सब कुछ दिखेगा श्रीकृष्ण की लीलास्थली, वृंदावन में. इसी पर देखिए हमारी यह ख़ास रिपोर्ट.
इतिहास गवाह रहा है हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुँचाने के लिए आक्रांताओं से लेकर मुस्लिम शासकों तक ने मंदिरों को निशाना बनाया. लूटपाट से लेकर जमकर तबाही मचाई लेकिन भारत की धरती से हिंदुत्व को कभी खत्म नहीं कर पाए. अब उसी हिंदुत्व को वैश्विक पटल पर पुनः प्रतिष्ठित करने का कार्य देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं. आज आप भारत के किसी भी कोने में चले जाइए एक से बढ़कर एक ऐतिहासिक और प्राचीन मंदिरों की रौनक़ आपको देखने को मिलेगी. प्रदेश सरकारें जहां मंदिरों के जीर्णोद्धार में जुटी हैं, वहीं मोदी सरकार विदेशी धरती को भी हिंदू मंदिरों की भव्यता और दिव्यता से जोड़ रही है. तभी तो काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से लेकर महाकाल लोक तक, मंदिरों में विदेशी श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. विश्व अब भारत की आध्यात्मिक चेतना और सांस्कृतिक विरासत की ओर आकर्षित हो रहा है और अब इस कड़ी में मुस्लिम देशों की भी एंट्री हो चुकी है.
भारत से सात समंदर पार खाड़ी देश भी अब हिंदुत्व के रंग से अछूते नहीं हैं. तभी तो जब पहली बार दुबई में भव्य हिंदू मंदिर का उद्घाटन हुआ, कट्टरपंथियों के चेहरे लाल हो गए. पहली बार मुस्लिम धरती पर 16 देवी-देवताओं की मूर्तियों की स्थापना हुई. दुबई की धरती पर भव्य हिंदू मंदिर की स्थापना ने यह साबित कर दिया कि मोदी हैं तो हर चीज़ मुमकिन है और अब वृंदावन में एक ऐसे मंदिर का निर्माण हो रहा है, जिसके आगे दुबई का बुर्ज ख़लीफ़ा अभी से ही फीका पड़ चुका है या यूँ कहें कि मंदिर की भव्यता के सामने बुर्ज ख़लीफ़ा कहीं गुम हो गया है. गगनचुंबी बुर्ज ख़लीफ़ा दुबई की शान आर्किटेक्चर और इंजीनियरिंग का एक ऐसा बेहतरीन नमूना, जिसकी ऊंचाई और लग्ज़री ने अब तक पूरी दुनिया को दीवाना बना रखा था. कहते हैं, बुर्ज ख़लीफ़ा की खूबसूरती, डिज़ाइन और भव्यता लोगों को रोमांच से भर देती है.
200 फ़्लोर वाला यह दुनिया का इकलौता ऐसा टॉवर है, जिसमें रहने का सपना हर कोई देखता है. लेकिन अब भगवान कृष्ण की पावन धरती वृंदावन में एक ऐसा मंदिर बन रहा है, जिसकी गगनचुंबी ऊंचाई बुर्ज ख़लीफ़ा को भी पीछे छोड़ देगी. इस समय भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित वृंदावन में दुनिया का सबसे ऊँचा मंदिर बन रहा है, जिसका नाम है चंद्रोदय मंदिर.
इस मंदिर की ऊँचाई क़ुतुब मीनार से तीन गुना अधिक होगी, यानी लगभग 210 मीटर जो बुर्ज ख़लीफ़ा से भी ऊँचा होगा. मंदिर की बनावट केवल ऊँचाई में ही नहीं, बल्कि गहराई में भी विशेष होगी ताकि इसकी नींव उतनी ही मज़बूत रहे. यह इमारत लगभग 55 मीटर गहरी होगी और इसका आधार 12 मीटर तक ऊँचा होगा. जबकि दुबई का बुर्ज ख़लीफ़ा मात्र 50 मीटर गहरा है. चंद्रोदय मंदिर को हर दृष्टि से प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षित रखने के लिए अत्याधुनिक इंजीनियरिंग का उपयोग किया जा रहा है. 8 रिक्टर स्केल से अधिक तीव्रता वाला भूकंप भी इस मंदिर को क्षति नहीं पहुँचा सकेगा. इसके अलावा, इसमें उपयोग होने वाला कांच और अन्य निर्माण सामग्री भी भूकंप रोधी होगी. कुल 511 पिलरों पर खड़ा यह मंदिर 9 लाख टन भार सहने की क्षमता रखेगा और 170 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ़्तार वाले तूफानों को भी झेलने में सक्षम होगा.
बुर्ज ख़लीफ़ा की रौनक़ पर भारी पड़ेगा चंद्रोदय मंदिर:
-10 एकड़ में अंडरग्राउंड पार्किंग, सड़क निर्माण और अन्य सुविधाओं सहित मंदिर निर्माण पर कुल 500 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
-यह मंदिर पिछले 200 वर्षों में सबसे आधुनिक मंदिर होगा.
-इसमें बनाए जा रहे पार्क में 4D तकनीक के माध्यम से श्रद्धालुओं को भगवान श्रीकृष्ण की अनगिनत लीलाओं के दर्शन कराए जाएंगे.
-मंदिर के आसपास प्राकृतिक वनों का वातावरण विकसित किया जाएगा, यमुना जी का प्रतिरूप तैयार कर नौका विहार जैसी सुविधाएं दी जाएंगी.
-70 मंज़िल की इस इमारत के शुरुआती तीन तलों पर चैतन्य महाप्रभु, राधा-कृष्ण और बलराम के मंदिर होंगे, जबकि अन्य तलों पर गैलरी, टेलीस्कोप सुविधा और अन्य आधुनिक व्यवस्थाएं होंगी.
-मंदिर में लगाई जाने वाली लिफ्ट की गति 8 मीटर प्रति 2 सेकंड होगी और भवन के झुकने की स्थिति में भी लिफ्ट सीधी ही चलेगी.मंदिर चारों ओर से जंगलों से घिरा होगा. कुल मिलाकर 12 वन विकसित किए जाएंगे जिनमें खजूर वन, वट वृक्ष वन, तुलसी वन और निधिवन शामिल होंगे.
भले ही इस मंदिर की नींव अखिलेश यादव की सरकार में रखी गई हो, लेकिन योगी सरकार में इसका निर्माण कार्य तेज़ी से आगे बढ़ रहा है. उम्मीद है कि आने वाले कुछ महीनों में यह निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा. इसलिए अभी से कहा जा रहा है कि मंदिर की गगनचुंबी ऊँचाई और भव्यता के आगे बुर्ज ख़लीफ़ा भी छोटा नज़र आएगा.
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