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घर में रखा पानी का मटका आपकी क़िस्मत बदल सकता है, बस इन बातों का रखें ध्यान

वास्तु शास्त्र हमें सिखाता है कि पानी सिर्फ शरीर नहीं, आत्मा को भी प्रभावित करता है. और पानी को रखने की जगह उसकी ऊर्जा को तय करता है. ऐसो में एगर आपकेघर में मटका है तो उसेसही स्थान में रखना जरूरी है.

दादी की रसोई में रखा वो मिट्टी का मटका याद है? वो जिसकी गर्दन पर सफेद कपड़ा बंधा होता था, और अंदर ठंडे जल की खामोश मिठास बहती थी,  वो सिर्फ पानी नहीं था, वो सुकून था, शुद्धता थी और शायद घर की खुशहाली का भी एक छोटा सा रहस्य. गर्मी की तपन में जब मिट्टी के मटके का ठंडा पानी होंठों को छूता है... तो सिर्फ प्यास नहीं बुझती, एक पुरानी परंपरा फिर से ज़िंदा हो उठती है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि वही मटका. अगर घर की गलत दिशा में रखा हो, तो प्यास बुझाने के साथ-साथ किस्मत भी सूख सकती है? और वही साधारण मटका अगर घर में सही जगह न रखा जाए. तो शांति की जगह अशांति भी ला सकता है. कैसे?चलिए जानते हैं

दरअसल, वास्तु शास्त्र हमें सिखाता है कि जल सिर्फ शरीर नहीं, आत्मा को भी प्रभावित करता है और जल को रखने का स्थान  उसकी ऊर्जा को तय करता है. ऐसे में हिंदू धर्म में मटके के कई महत्व होते हैं. और अगर आप मटका घर के उत्तर-पूर्व दिशा में रखते हैं. तो वह घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करता है. क्योंकि ये वही दिशा है, जहां से सूरज की पहली किरण आती है और देवताओं की कृपा बरसती है.इसके अलावा अगर ये संभव न हो तो उत्तर या पूर्व दिशा में भी आप मटके को रख सकते हैं. आज हम सिर्फ मिट्टी के मटके की बात नहीं कर रहे. हम बात कर रहे हैं उस ऊर्जा की, जो आपके घर की खुशियों को दिशा देती है.

वास्तु कहता है मटका यदि उत्तर-पूर्व दिशा, यानी ईशान कोण में रखा जाए, तो यह घर में सुख, समृद्धि और शांति को आमंत्रित करता है. क्योंकि  यही वो दिशा है जो जल तत्व और देवताओं से जुड़ी मानी जाती है. अगर ईशान कोण संभव न हो, तो उत्तर या पूर्व दिशा भी उपयुक्त हैं. लेकिन दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम दिशा में मटका रखना न केवल अशुभ है, बल्कि यह वास्तु दोष भी उत्पन्न कर सकता है. और हां, मटका सिर्फ सही दिशा में रखना ही काफी नहीं उसका साफ, साबुत और शुभ होना भी उतना ही जरूरी है.  ॐ, स्वास्तिक, तुलसी के पत्ते, या गुलाब की पंखुड़ियां ये सिर्फ सजावट के लिए नहीं, ये ऊर्जा के स्रोत हैं.

मटका रखने की अनुचित दिशाएं

दक्षिण दिशा या दक्षिण-पश्चिम दिशा में मटका रखना वास्तु दोष को  बढ़ावा देता है.  ये दिशाएं अग्नि और पृथ्वी  से संबंधित होती हैं और जल तत्व से इनका स्वाभाविक विरोध होता है. शौचालय, बाथरूम या सीढ़ियों के नीचे मटका रखना अशुभ माना गया है, क्योंकि इससे जल की पवित्रता नष्ट होती है और घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है.  वहीं बेडरूम में मटका रखना भी शुभ नहीं माना जाता, ख़ासकर, अगर वह दक्षिण या पश्चिम दिशा में हो.

मटके से जुड़ी अन्य वास्तु मान्यताएं

अगर आप मटका खरीदने जाए तो मटका हमेशा साफ,  और बिना दरार का होना चाहिए. टूटा हुआ या चटका हुआ मटका दुर्भाग्य का प्रतीक होता है. जल को शुभ और ऊर्जा से भरा हुआी बनाना हैल तो मटके के ऊपर तुलसी के पत्ते, गुलाब की पंखुड़ियां, या नींबू रखना अत्यंत लाभकारी माना जाता है.मटके को हर रोज साफ करके उसमें ताजे जल का प्रयोग करना चाहिए. पुराना या बासी जल नकारात्मक प्रभाव देता है. 

हिंदू धर्म में मटके को लेकर कई धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक मान्यताएं हैं. ये मान्यताएं न केवल प्रतीकात्मक हैं, बल्कि व्यावहारिक भी हैं. नीचे कुछ प्रमुख मान्यताओं और परंपराओं का उल्लेख किया गया है:
1. पवित्रता और शुद्धता का प्रतीक
मटका मिट्टी से बना होता है, जिसे शुद्ध और पवित्र माना जाता है. पूजा-पाठ में कलश (जल से भरा मटका) का विशेष स्थान होता है, जो सृजन और समृद्धि का प्रतीक है.

2. कलश स्थापना
हवन, व्रत, पूजा और शुभ कार्यों में कलश स्थापना की जाती है. इसे ब्रह्मा, विष्णु, महेश, सरस्वती, लक्ष्मी और गंगा का वास स्थल माना जाता है.
3. जल का महत्व
मटके में रखा जल शीतल, प्राकृतिक रूप से शुद्ध और ऊर्जा से भरपूर माना जाता है. हिंदू मान्यता है कि देवताओं को अर्पित किया गया जल मटके से ही होना चाहिए.
4. गृह प्रवेश और शादी में मटका
नवविवाहिता के स्वागत में मटका फोड़ा जाता है – यह नई शुरुआत और बाधाओं के टूटने का प्रतीक है.गृह प्रवेश में कलश को गिराकर घर में लाना शुभ माना जाता है.
5. श्राद्ध और मृत्यु संस्कार में उपयोग
मृत आत्मा की शांति के लिए मटके का उपयोग तर्पण और पिंडदान के समय किया जाता है.जल भरा मटका लेकर पीछे देखने के बाद उसे फोड़ने की परंपरा है  यह भौतिक शरीर से आत्मा की मुक्ति का प्रतीक है.
6. त्योहारों में प्रयोग
नवरात्रि, गणेश चतुर्थी, छठ पूजा और होली जैसे त्योहारों में मटके का विशेष स्थान होता है. दही-हांडी जैसे आयोजन मटके से ही होते हैं.
7. वास्तु शास्त्र में मटका
मिट्टी का मटका घर में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने के लिए उपयोग होता है.उत्तर दिशा में मटका रखने से शांति और समृद्धि आती है.

एक साधारण मटका—अगर सही दिशा में, सही भाव से रखा जाए, तो वही बन सकता है आपके घर का ‘वास्तु रक्षक’. तो अगली बार जब आप ठंडा पानी पीने मटके की ओर बढ़ें.  एक बार घर की दिशा भी देख लीजिए। शायद ठंडक के साथ किस्मत भी मिल जाए.

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