2000 KM की रेंज, चलती ट्रेन से लॉन्चिंग कैपेसिटी… अग्नि-प्राइम मिसाइल का सफल परिक्षण, बढ़ी सेना की ताकत
भारत ने सैन्य क्षमता को मजबूत करते हुए मध्यम दूरी की अग्नि-प्राइम मिसाइल का परीक्षण रेल-आधारित मोबाइल लॉन्चर सिस्टम से किया गया, जो पूरी तरह सफल रहा. पढ़िए पूरी डिटेल
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भारत ने सैन्य क्षमता को मजबूत करते हुए गुरुवार को एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है. मध्यम दूरी की अग्नि-प्राइम मिसाइल का परीक्षण रेल-आधारित मोबाइल लॉन्चर सिस्टम से किया गया, जो पूरी तरह सफल रहा. इस सफल परीक्षण की घोषणा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की. बता दें कि रोड मोबाइल अग्नि-पी मिसाइल को पहले ही कई सफल परीक्षणों के बाद सेना में शामिल किया जा चुका है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मध्यम दूरी की अग्नि-प्राइम मिसाइल के सफल परीक्षण पर DRDO, एसएफसी और सशस्त्र बलों को बधाई दी है. उन्होंने कहा कि रेल आधारित मोबाइल लॉन्चर सिस्टम के जरिए मध्यम दूरी की अग्नि-प्राइम मिसाइल के इस सफल उड़ान परीक्षण ने भारत को उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल कर दिया है, जिनके पास चलते-फिरते रेल नेटवर्क से कैनिस्टराइज्ड लॉन्च सिस्टम लॉन्च करने की क्षमता है.
'एक्स' पर रक्षा मंत्री ने दी जानकारी
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "भारत ने रेल आधारित मोबाइल लॉन्चर प्रणाली से मध्यम दूरी की अग्नि-प्राइम मिसाइल का सफल प्रक्षेपण किया है. यह अगली पीढ़ी की मिसाइल 2,000 किलोमीटर तक की मारक क्षमता के लिए डिजाइन की गई है और कई उन्नत सुविधाओं से लैस है."
उन्होंने लिखा, "रेल-आधारित मोबाइल लॉन्चर से किया गया अपनी तरह का यह पहला प्रक्षेपण है, जो बिना किसी पूर्व शर्त के रेल नेटवर्क पर स्वतंत्र रूप से संचालित हो सकता है. यह प्रणाली उपयोगकर्ता को क्रॉस-कंट्री मोबिलिटी, कम प्रतिक्रिया समय में लॉन्च और कम दृश्यता में संचालन जैसी क्षमताएं प्रदान करती है."
DRDO और स्ट्रैटेजिक फोर्सेस कमांड का कमाल
DRDO और स्ट्रैटेजिक फोर्सेस कमांड (FFC) ने रेल आधारित मोबाइल लॉन्चर सिस्टम से इंटरमीडिएट रेंज की अग्नि-प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण किया है. रक्षा मंत्रालय के अनुसार, मिसाइल के प्रक्षेप पथ को अलग-अलग ग्राउंड स्टेशनों से ट्रैक किया गया और यह एक आदर्श प्रक्षेपण था, जिसने सभी मिशन उद्देश्यों को पूरा किया. इस सफल प्रक्षेपण से भविष्य में रेल-आधारित प्रणालियों को सेवाओं में शामिल करने का मार्ग खुल गया है.
अग्नि-प्राइम मिसाइल की खासियत
अग्नि प्राइम मिसाइल की मारक क्षमता 1000-2000 KM तक है. ये मिसाइल डिब्बे जैसे कंटेनर में रखी जाती है, जिससे इसे ट्रांसपोर्ट और लॉन्च करने में आसानी होती है. इसमें दो स्टेज का ठोस ईंधन इस्तेमाल होता है, जिससे तेजी और विश्वास दोनों कायम रहता है. परीक्षण में पहली बार रेल आधारित मोबाइल लॉन्चर का इस्तेमाल हुआ जिससे इसे कहीं भी ले जाकर दागा जा सकता है. लक्ष्य पर सटीक मार करने में ये सक्षम है क्योंकि इसमें अत्याधुनिक इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम और सैटेलाइट गाइडेंस का इस्तेमाल हुआ है. साथ ही यह पुराने अग्नि-1 और अग्नि-2 मिसाइलों से ज्यादा हल्की, आधुनिक और तकनीकी रूप से उन्नत है.
अग्नि-प्राइम मिसाइल के क्या है फायदे?
मिसाइल को एक मजबूत कैनिस्टर में रखा जाता है, जिससे इसे बिना लंबी तैयारी के तुरंत दागा जा सकता है. इस पर मौसम का कोई खास असर नहीं पड़ता और बार-बार मेंटेनेंस की भी जरूरत नहीं होती, क्योंकि यह पूरी तरह पैक रहती है.
इस तकनीक का सबसे बड़ा फायदा सेना को यह होगा कि मिसाइल को देश के किसी भी हिस्से में रेल नेटवर्क के जरिए तेजी से ले जाया जा सकता है और बेहद कम समय में लॉन्च किया जा सकता है. इससे दुश्मन को भनक भी नहीं लगेगी और भारत तुरंत जवाब देने में सक्षम होगा.
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