भारतीय वायुसेना की सबसे बड़ी डील डन, मिलेंगे 97 तेजस फाइटर जेट, जानें चीन-पाक के आंकड़े
भारतीय वायुसेना (IAF) और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के बीच 97 तेजस मार्क-1ए लड़ाकू विमानों के लिए 62,370 करोड़ रूपए की अब तक की सबसे बड़ी डील की है.
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भारतीय वायुसेना हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के साथ 97 तेजस मार्क-1ए विमानों के लिए 62,370 करोड़ रुपये की बड़ी डील की है. मिग-21 के रिटायर होने से वायुसेना की ताकत कम होगी. चीन के पास भारत से अधिक लड़ाकू विमान हैं. वायुसेना को हर साल 40 नए लड़ाकू विमानों की आवश्यकता है.
अबतक की सबसे बड़ी डील, 62,370 करोड़ रूपए की
भारतीय वायुसेना (IAF) और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के बीच 97 तेजस मार्क-1ए लड़ाकू विमानों के लिए 62,370 करोड़ रूपए की अब तक की सबसे बड़ी डील की है. यह मेगा डील गुरुवार को हुई है. बता दें कि शुक्रवार को 36 पुराने मिग-21 विमान रिटायर हो जाएंगे. इससे वायुसेना की ताकत घटकर अब तक के न्यूनतम 29 फाइटर स्क्वाड्रन पर आ जाएगी.
भारत के पास जहां 29 स्क्वाड्रन (हर स्क्वाड्रन में 16-18 लड़ाकू विमान) रह जाएंगे, वहीं पाकिस्तान के पास फिलहाल 25 स्क्वाड्रन हैं और वह जल्द ही चीन से 40 J-35A पांचवीं पीढ़ी के स्टेल्थ जेट्स हासिल करने वाला है. चीन की स्थिति इससे कहीं आगे है, जिसके पास भारत की तुलना में चार गुना अधिक लड़ाकू विमान, बमवर्षक और अन्य सामरिक क्षमताएं हैं.
हर साल 40 नए लड़ाकू विमानों की जरूरत - IAF
IAF की हालिया आंतरिक रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन और पाकिस्तान से एक साथ उत्पन्न खतरे का सामना करने के लिए 42.5 स्क्वाड्रन भी पर्याप्त नहीं होंगे. IAF बार-बार इस बात पर जोर देती रही है कि तेजस का विकास और आपूर्ति बेहद धीमी है. एयर चीफ मार्शल ए. पी. सिंह ने हाल ही में कहा कि वायुसेना संख्या के मामले में बेहद कमजोर स्थिति में है और उसे हर साल कम से कम 40 नए लड़ाकू विमानों की जरूरत है.
फरवरी 2021 में हुए 83 तेजस मार्क-1ए विमानों के पहले कॉन्ट्रैक्ट (46,898 करोड़ रुपये) के तहत HAL को फरवरी 2024 से फरवरी 2028 तक डिलीवरी करनी है. लेकिन अभी तक IAF को एक भी विमान नहीं मिला है. HAL का दावा है कि वह इस साल अक्टूबर तक पहले दो विमान सौंप देगा. HAL ने अगस्त 2021 में अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक (GE) से 99 GE-F404 इंजन का सौदा किया था, जिसकी कीमत 5,375 करोड़ रुपये है. अब तक तीन इंजन आ चुके हैं और दिसंबर तक सात और मिलने की उम्मीद है. इसके बाद GE हर साल 20 इंजन देगा. नए 97 विमानों के लिए HAL को GE से 113 और इंजन खरीदने होंगे, जिसकी कीमत करीब 1 अरब डॉलर होगी हालांकि, वायुसेना इन पहले दो विमानों को तभी स्वीकार करेगी जब अस्त्र (BVR) मिसाइल, शॉर्ट-रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल और लेजर-गाइडेड बम के फायरिंग ट्रायल सफलतापूर्वक पूरे हों और उन्हें प्रमाणित कर दिया जाए.
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