फ्रांस के साथ मिलकर Bharat बढ़ाएगा अपनी शक्ति, ‘जेम्स बॉन्ड’ करने जा रहे बड़ी डील
अजीत डोभाल 30 सितंबर और 1 अक्टूबर को भारत-फ्रांस स्ट्रैटजिक डायलॉग में हिस्सा लेने पेरिस जा रहे हैं. इस दौरान एनएसए अजीत डोभाल और इमैनुएल मैक्रों के राजनयिक सलाहकार के बीच भारत-फ्रांस रणनीतिक वार्ता में कई मुद्दों पर बात होगी। इस बातचीत में मुख्य रूप से चर्चा में ऐसी डील होनी हैं, जिनसे समंदर के भीतर भारत की ताकत बढ़ेगी।
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आज का Bharat नया है। दुश्मन के लिए काल और दोस्त के लिए ढाल। भारत एक ताकतवर महाशक्ति बनने की तरफ़ इस तेज़ी से आगे बढ़ रहा है कि अब अगर इसके सामने कोई आया तो बस ख़त्म होगा। भारतीय सेना ऐसी सेना है जो भारत की तरफ़ आँख उठाने वालों को पाताल में भी ढूँढ कर मारने की क्षमता रखती है। यानि फ़ौलादी हौसले ।और भारतीय सेना को और ज़्यादा मज़बूती देने के लिए मोदी सरकार कोई कसर नहीं छोड़ रही ।तभी तो पाकिस्तान और चीन सहमे हुए हैं। यही नहीं दुनिया भर के देशों से भारत के कूटनीतिक, रणनीतिक, सामरिक, आर्थिक रिश्ते नई ऊंचाईयां छूने की ओर अग्रसर हैं। ऐसा माना जाता है कि अभी भारतीय डिप्लोमैसी में तीन अहम लोग हैं। एक ख़ुद पीएम मोदी दूसरे विदेश मंत्री एस जयशंकर और तीसरे एनएसए अजित डोभाल। अजित डोभाल वहीं जो भारत के जेम्स बॉन्ड हैं। पीएम मोदी के ख़ास और मास्टरमाइंड। अब इन्हीं डोभाल को एक और ज़िम्मेदारी मिली है। और इस ज़िम्मेदारी को पूरा करने के लिए।
डोभाल इसी महीने के आख़िर में फ़्रांस जा रहे हैं। भारत और फ्रांस की इमैनुएल मैक्रों सरकार के बीच होने वाली स्ट्रैटजिक डिफेंस साझेदारी एक और बड़ा कदम होने जा रही है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल 30 सितंबर और 1 अक्टूबर को भारत-फ्रांस स्ट्रैटजिक डायलॉग में हिस्सा लेने पेरिस जा रहे हैं। इस दौरान एनएसए अजीत डोभाल और इमैनुएल मैक्रों के राजनयिक सलाहकार के बीच भारत-फ्रांस रणनीतिक वार्ता में कई मुद्दों पर बात होगी। इस बातचीत में मुख्य रूप से चर्चा में ऐसी डील होनी हैं, जिनसे समंदर के भीतर भारत की ताकत बढ़ेगी। भारत और फ़्रांस के बीच क्लियर अटैक सबमरीन, 110 किलो के न्यूटन थ्रस्ट वाले एयरक्राफ्ट इंजन और अंडरवॉटर ड्रोन के मुद्दों पर डील पक्की होने पर मुहर लगेगी। इतना ही नहीं फ्रांस इन सबकी तकनीक भी भारत के साथ साझा करने को तैयार हो सकता है। फ्रांस के साथ होने वाली ये डील चीन और पाकिस्तान के होश उड़ा देगी। राफेल डील के बाद अब समंदर के भीतर भी भारत अपने दुश्मनों को सबक सिखाने के लिए तैयार हो जाएगा। न्यूक्लियर अटैक सबमरीन, अंडरवॉटर ड्रोन की इस डील के साथ हिंद महासागर में बढ़ती चीनी घुसपैठ पर रोक लगेगी. इतना ही नहीं पाकिस्तान भी इसके दायरे में आ जाएगा।
पाकिस्तान की नापाक हरकतों से लेकर चीन की सीनाजोरी तक को मुंहतोड़ जवाब देने की भारत की तैयारी में फ्रांस के साथ ये डील एक अहम पायदान साबित होगी। फ्रांस के इस दौरे पर एनएसए अजीत डोभाल की राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात कर सकते हैं। इस दौरान डोभाल और मैक्रों को भारत की ओर से रूस-यूक्रेन युद्ध को रोकने के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी दे सकते हैं। कुछ वक़्त पहले अजित डोभाल रूस के दौरे पर गए थे। इस दौरान डोभाल ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाक़ात की थी। डोभाल ने इस मुलाक़ात में पीएम मोदी के यूक्रेन दौरे की जानकारी पुतिन को दी थी। आमतौर पर ऐसा कम ही होता है कि किसी देश के एनएसए की सीधी मुलाक़ात दूसरे देश के राष्ट्र प्रमुख से हो। ऐसे में डोभाल और पुतिन की मुलाक़ात को ख़ास माना गया था।
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