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अफगानिस्तान के तालिबान सरकार को बड़ा झटका, 7 UH-60A ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर हुए चोरी !

तालिबान के सात ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर ‘चोरी’ हो गए हैं. यह UH-60A ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर हैं, जिन्हें उज्बेकिस्तान ने अमेरिका को सौंप दिया है. मूल रूप से ये हेलीकॉप्टर अफगान वायु सेना के बेड़े का हिस्सा थे.

अफगानिस्तान से बड़ी खबर सामने आई है। तालिबान सरकार को बड़ा झटका लगा है। तालिबान के सात ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर ‘चोरी’ हो गए हैं। ये UH-60A ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर हैं, जिन्हें उज्बेकिस्तान ने अमेरिका को सौंप दिया है। ये हेलीकॉप्टर अफगान एयरफोर्स का एक अहम हिस्सा थे। इन हेलीकॉप्टरों के चले जाने से तालिबान भड़क गया है। मामले की जानकारी मिलने के बाद तालिबान ने उज्बेकिस्तान और अमेरिका को धमकी दी है। तालिबान का कहना है कि ये हेलीकॉप्टर अफगानिस्तान की संपत्ति हैं, इसलिए उन्हें वापस लौटाया जाए।


अफगानिस्तान की डिफेंस मिनिस्ट्री ने जताई नाराजगी


तालिबान के नेतृत्व वाले अफगान रक्षा मंत्रालय ने हेलीकॉप्टरों के ट्रांसफर पर कड़ी नाराजगी जताई है। अफगानिस्तान की डिफेंस मिनिस्ट्री ने एक ट्वीट में कहा,- "संयुक्त राज्य अमेरिका के रक्षा मंत्रालय ने उज्बेकिस्तान से सात हेलीकॉप्टरों को अमेरिका में ट्रांसफर कर दिया है। ये हेलीकॉप्टर उस समय उज्बेकिस्तान पहुंचे थे, जब पिछली अफगान सरकार का पतन हुआ था। हम मांग करते हैं कि अमेरिका अफगानिस्तान के विमानों की वापसी से जुड़ी सभी रोक हटाए।"


पड़ोसी देश पर भड़का तालिबान -

इन सात हेलीकॉप्टरों का ट्रांसफर मध्य एशिया की बदलती भू-राजनीति (जियोपॉलिटिक्स) को दर्शाता है। अमेरिका इन हेलीकॉप्टरों को अपने बेड़े में शामिल कर अपनी सैन्य ताकत को और मजबूत कर सकेगा। इस झटके से अफगान वायु सेना की क्षमताओं पर भी गहरा प्रभाव पड़ेगा। अब यह देखना अहम होगा कि यह ट्रांसफर मध्य एशिया में शक्ति संतुलन और सुरक्षा की स्थिति को कैसे प्रभावित करेगा।

युद्धों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है UH-60A -

UH-60A ब्लैक हॉक एक मल्टीरोल हेलीकॉप्टर है, जिसने कई युद्धों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसका उपयोग खाड़ी युद्ध, सोमाली गृहयुद्ध और अफगानिस्तान युद्ध समेत विभिन्न सैन्य अभियानों में किया गया है। इसकी मजबूत डिजाइन और उच्च क्षमता के कारण दुनिया भर की सेनाएं इस हेलीकॉप्टर को प्राथमिकता देती हैं।

अमेरिकी सेना ने छोड़े थे विमान और हथियार -

साल 2021 में जब तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा किया था, तब अमेरिकी सेना वहां से निकल गई थी, जिसके बाद तालिबान सत्ता में आ गया। तत्कालीन अफगान सरकार की हार के बाद पायलटों ने देश से भागने के लिए इन हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल किया था। तब से ये हेलीकॉप्टर उज्बेकिस्तान में थे।
अगस्त 2021 में, दो दशकों की उपस्थिति के बाद, अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान से अपनी वापसी की। इस दौरान वे बड़ी मात्रा में सैन्य उपकरण वहीं छोड़ गए थे, जिनमें से अधिकांश तालिबान के हाथ लग गए।

अरबों डॉलर के छोड़े गए थे हथियार

रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका के हटने के बाद अफगानिस्तान में 7.12 बिलियन डॉलर मूल्य का सैन्य हार्डवेयर पीछे छूट गया था। इनमें 73 विमान भी शामिल थे, जो काबुल के हामिद करज़ई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर छोड़े गए थे। इसके अलावा, 40,000 से ज्यादा सैन्य वाहन और 3 लाख से ज्यादा अमेरिकी हथियार भी तालिबान के कब्जे में आ गए थे।

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