शाहजहांपुर में अवैध धर्मांतरण पर पुलिस की बड़ी कार्रवाई, दो गिरफ्तार, एसआईटी गठित
उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के रामचंद्र मिशन थाने की पुलिस ने कथित धर्मांतरण मामले में एक महिला समेत दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी. मामले की जांच के लिए एसआईटी (विशेष जांच टीम) का गठन किया गया है.
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उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में अवैध धर्मांतरण के आरोपों पर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है. पुलिस ने अब तक एक महिला समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है. मामले की जांच के लिए एसआईटी (विशेष जांच टीम) का गठन किया गया है.
अवैध धर्मांतरण मामले में पुलिस ने की बड़ी कार्रवाई
थाना आर.सी. मिशन पुलिस ने विश्व हिंदू रक्षा सेवा, हिंदू युवा वाहिनी और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं की शिकायत पर सोमवार को हरजीत और सुनीता मसीह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. आरोप है कि दोनों बीमारी ठीक करने और अन्य बहानों से लोगों को बुलाकर प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित करते थे. पुलिस ने उनके पास से धार्मिक साहित्य और कई दस्तावेज बरामद किए हैं.
धर्मांतरण के मामलों की गंभीरता से होगी जांच
पुलिस अधीक्षक (सिटी) देवेंद्र कुमार ने बताया, "हाल के दिनों में थाना सिधौली और निगोही क्षेत्र में भी ऐसे ही धर्मांतरण से जुड़े मामले सामने आए थे, जिनमें आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है. जांच में पता चला है कि ईसाई मिशनरी संगठनों की ओर से इन गतिविधियों के लिए आर्थिक सहयोग मिलता रहा है. आर्थिक सहयोग देने वाले खातों की जांच की जा रही है. धर्मांतरण के मामलों को गंभीरता से लिया जा रहा है. हम इनकी फंडिंग स्रोतों की पूरी पड़ताल करेंगे."
इस मामले में एसआईटी का हुआ गठन
पुलिस ने इन प्रकरणों की गहन जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है. टीम में एसओजी प्रभारी, सर्विलांस प्रभारी, साइबर सेल प्रभारी और संबंधित थाना क्षेत्र के विवेचना अधिकारी शामिल हैं. एसआईटी का मुख्य कार्य आरोपियों को मिलने वाले आर्थिक स्रोतों की जांच, उनकी गतिविधियों की निगरानी और अब तक कितने लोगों का धर्मांतरण कराया गया, इसका पता लगाना है. फिलहाल हरजीत और सुनीता मसीह को संबंधित धाराओं में जेल भेज दिया गया है.
क्या बोले हिंदू युवा वाहिनी के नेता
हिंदू युवा वाहिनी के नेता अभिषेक तिवारी ने कहा, "हमारी शिकायत पर त्वरित कार्रवाई हुई. ये संगठन गरीबों को ललचाकर धर्म बदलवा रहे थे. एसआईटी से सच्चाई सामने आएगी."
वहीं, स्थानीय कार्यकर्ता कमलेश शर्मा ने बताया, "क्षेत्र में कई परिवार प्रभावित हुए हैं. पुलिस की कार्रवाई से लोगों में राहत है, लेकिन फंडिंग की पूरी जांच जरूरी है."
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