जम्मू-कश्मीर: SIA का बड़ा एक्शन, डॉक्टर टेरर मॉड्यूल केस में श्रीनगर–गांदरबल में तलाशी अभियान जारी
जम्मू और कश्मीर पुलिस ने हरियाणा पुलिस के साथ मिलकर हाल ही में फरीदाबाद इलाके में डॉक्टरों की ओर से चलाए जा रहे एक बड़े व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया था.
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जम्मू और कश्मीर राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) ने शुक्रवार को डॉक्टरों के टेरर मॉड्यूल केस की जांच के सिलसिले में श्रीनगर और गांदरबल जिलों में कई जगहों पर तलाशी अभियान चलाया.
टेरर मॉड्यूल केस में कई जगहों पर तलाशी अभियान चलाया
अधिकारियों ने बताया कि ये तलाशी हाल ही में सामने आए टेरर मॉड्यूल के सिलसिले में की जा रही थी, जिसमें कुछ डॉक्टरों के नाम सामने आए थे. श्रीनगर के बटमालू इलाके में छापे मारे जा रहे हैं, जहां से पहले एक आरोपी तुफैल अहमद भट को गिरफ्तार किया गया था.
अधिकारियों ने कहा, "वाकुरा गांदरबल में भी तलाशी चल रही है. 22 नवंबर को राज्य जांच एजेंसी ने तुफैल को टेरर केस के सिलसिले में उसके दियारवानी बटमालू स्थित घर से गिरफ्तार किया था."
जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन के ओवरग्राउंड वर्कर की गिरफ्तारी
जम्मू और कश्मीर पुलिस ने हरियाणा पुलिस के साथ मिलकर हाल ही में फरीदाबाद इलाके में डॉक्टरों की ओर से चलाए जा रहे एक बड़े व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया था. जम्मू और कश्मीर पुलिस की ओर से जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन के दो ओवरग्राउंड वर्कर की गिरफ्तारी से कुलगाम जिले के काजीगुंड के डॉ. आदिल राथर की गिरफ्तारी हुई.
वहीं, अनंतनाग के सरकारी मेडिकल कॉलेज में डॉ. आदिल के लॉकर से एक एके-47 राइफल बरामद हुई. आदिल ने 2024 में इस मेडिकल कॉलेज से नौकरी छोड़ दी थी. उससे लगातार पूछताछ के बाद पुलवामा जिले के कोइल गांव के डॉ. मुजम्मिल राथर को गिरफ्तार किया गया. उसे फरीदाबाद से गिरफ्तार किया गया था.
डॉ. मुज़म्मिल के घर से बरामद हुआ 2,900 किलोग्राम विस्फोटक
डॉ. मुज़म्मिल के फरीदाबाद स्थित किराए के घर से 2,900 किलोग्राम विस्फोटक बरामद हुआ, जबकि उसका दूसरा आतंकी साथी, डॉ. उमर नबी गिरफ्तारी से बच निकला. उमर ने 10 नवंबर को दिल्ली में लाल किले के पास अपनी विस्फोटक से भरी कार में धमाका कर दिया था, जिसमें 13 नागरिकों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे.
पुलिस ने इस व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल में लखनऊ के डॉ. शाहीन सईद को भी गिरफ्तार किया है. ये सभी डॉक्टर फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी में काम करते थे. इसके बाद काजीगुंड के एक और स्थानीय डॉक्टर उमर फारूक और उनकी पत्नी शाहजादा अख्तर को युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के लिए अपने सोशल स्टेटस का इस्तेमाल करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया.
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