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भगवा झंडा लहराने वाले राम गोपाल के हत्यारे सरफराज को फांसी की सजा, जज ने क्यों किया मनुस्मृति का जिक्र?

बहराइच के बहुचर्चित राम गोपाल हत्याकांड में कोर्ट ने कातिल सरफराज को सजा ए मौत सुनाई है. जबकि 9 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा दी गई है. कोर्ट ने इसे, Brutal और Rarest of Rare अपराध माना.

Bahraich Violence: 13 अक्टूबर 2024, UP का बहराइच (Bahraich) जिला उस वक्त सांप्रदायिक हिंसा की भेंट चढ़ गया. जब यहां महराजगंज इलाके में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन हो रहा था. इस हिंसा में एक 22 साल के लड़के की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. लड़के का कुसूर ये था कि उसने एक घर से हरा झंडा हटाकर वहां भगवा झंडा लहरा दिया था. अब घटना के 14 महीने बाद कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. 

बहराइच सांप्रदायिक हिंसा में मारे गए राम गोपाल मिश्रा के कातिल सरफराज को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है. बहराइच की जिला सत्र अदालत के जज पवन कुमार शर्मा ने ये बड़ा फैसला सुनाया है. वहीं, इस हत्याकांड में शामिल अन्य 9 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. 

कौन हैं राम गोपाल मिश्रा के 10 गुनहगार? 

मुख्य दोषी- मोहम्मद सरफराज 
अब्दुल हमीद (सरफराज का पिता) 
मोहम्मद फहीम (सरफराज का भाई)
सैफ अली
मोहम्मद तालिब
जावेद खान
मोहम्मद जीशान
शोएब खान
ननकऊ 
मारूफ 

छावनी में तब्दील हुआ कोर्ट परिसर

सभी दोषियों पर अलग-अलग जुर्माना भी लगाया गया है. जबकि तीन आरोपियों को बरी कर दिया गया है. इस बहुचर्चित केस में फैसले के वक्त कोर्ट के बाहर भारी सुरक्षा फोर्स तैनात की गई. इलाका पुलिस छावनी में तब्दील रहा. फैसले के बाद तनाव न बने इसके लिए पुलिस रात भर गश्ती करती रही. 

फोटो- मुख्य दोषी सरफराज

जज ने फैसला सुनाते वक्त मनुस्मृति का किया जिक्र 

जज ने फैसला सुनाते वक्त मनुस्मृति का जिक्र भी किया. जज ने मनुस्मृति की लाइन पढ़ते हुए कहा, ‘दण्ड शास्ति प्रजाः सर्वा दण्ड एवाभिरक्षति, दण्ड सुप्तेषु जागर्ति, दण्ड धर्म विदुर्वधा.’ इसका मतलब है समाज और प्रजा के हित के लिए दंड व्यवस्था नितांत आवश्यक है. 

वहीं, राम गोपाल मिश्रा की ओर से पेश हुए सरकारी वकील ने इसे ‘ब्रूटेलिटी’ और ‘हिनियसनेस’ क्राइम करार दिया. अदालत ने कहा कि यह हत्या किसी सामान्य विवाद का परिणाम नहीं थी बल्कि यह बेहद क्रूर और योजनाबद्ध तरीके से की गई जघन्य घटना थी.

गोलियों से छलनी किया, जलाया, पीटा 

राम गोपाल मिश्रा के वकील ने कोर्ट में कहा कि उस पर करीब 7-8 राउंड फायरिंग की गई थी. इसके बाद उसे घसीटा गया, बुरी तरह पीटा गया. इतना ही नहीं दोनों पैरों के अंगूठों को जलाया गया था, शरीर को कई जगह से नोचा गया. जो बताते हैं कि घटना कितनी भयावह थी. 

राम गोपाल मिश्रा के परिवार ने कहा- बेटे को आज शांति मिली 

राम गोपाल के दोषियों को 14 महीने बाद सजा मिली. भावुक परिवार ने हाथ जोड़कर कोर्ट का आभार जताया. बेटे को न्याय दिलाने के लिए परिवार ने लंबी लड़ाई लड़ी. राम गोपाल मिश्रा के पिता ने कहा, सच में कानून का राज है. बेटे की आत्मा को अब जाकर शांति मिलेगी. भगवान के घर देर है अंधेर नहीं. मां मुन्नी देवी ने रोते हुए कहा, भगवान का लाख लाख शुक्र है. मेरे बेटे को आज न्याय मिल गया. परिवार की न्याय की आस पूरी हुई. 

हत्या से 85 दिन पहले हुई थी शादी

राम गोपाल मिश्रा की शादी इस घटना से महज 85 दिन पहले हुई थी. अब फैसला आने के बाद पत्नी रोली के आंसू नहीं थम रहे. रोली ने लगातार एक ही मांग उठाई, पति के कातिलों को फांसी की सजा मिले. कोर्ट का ये फैसला नजीर माना जा रहा है. 

दूसरी ओर दोषियों के परिवार थे जो फैसला सुनकर फफक पड़े. कातिल सरफराज की बहन अदालत में ही बेहोश होकर गिर गई. तो अन्य परिवारों के बीच मातम पसर गया. हालांकि सरफराज के भाई फहीम की एक ऐसी तस्वीर भी सामने आई जिसमें लगा कि फहीम को अपने गुनाह का जरा भी मलाल नहीं है. वह चिल्लाते हुए मीडिया कर्मियों से भिड़ गया. वह कहता दिखा कि, ‘हमने कुछ नहीं किया है, आप लोगों ने मेरा पक्ष लिया, मुझसे पूछा गया. आप लोग मेरा पक्ष नहीं दिखा रहे हैं.  आपने कैसे कह दिया कि हमने सब किया है.’ बताया जा रहा है फैसले के खिलाफ दोषी पक्ष हाईकोर्ट में अपील करेगा.

अब जानें केस की टाइमलाइन 

  • बहराइच के महराजगंज बाजार में 13 अक्टूबर, 2024 को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस निकाला जा रहा था
  • महराजगंज कस्बे में मुस्लिम समाज के लोगों ने डीजे बंद करने को कहा तो विवाद होने लगा 
  • जुलूस पर पथराव किया गया, दोनों ओर से जमकर पथराव और फायरिंग की गई 
  • इस दौरान राम गोपाल मिश्रा अब्दुल हमीद के घर पर चढ़ गया और वहां लगा हरा झंडा उतारकर भगवा लहरा दिया 

गुस्साए अब्दुल हमीद, बेटे सरफराज और अन्य कई लोग राम गोपाल को छत से खींचकर लाए और बुरी तरह पीटा, गोली मारकर जान ले ली. राम गोपाल मिश्रा की हत्या के बाद हिंसा और तेज हो गई. विसर्जन बीच में ही रोक दिया गया. पूरे बहराइच में प्रदर्शन तेज हो गया था. लोगों ने विरोध में बाइक, कार, शोरूम जला दिए. 

फोटो- लखनऊ में CM योगी से मिला था राम गोपाल मिश्रा का परिवार

CM योगी से मिला था परिवार 

बहराइच हिंसा के बाद पुलिस के आलाधिकारी खुद बहराइच पहुंचे. करीब एक हजार लोगों पर केस दर्ज हुआ. एक साल पहले राम गोपाल मिश्रा के परिवार ने न्याय की गुहार लगाते हुए CM योगी से मुलाकात की थी. मुख्यमंत्री के सामने परिवार भावुक हो गया था. राम गोपाल की पत्नी औैर मां ने CM के सामने हाथ जोड़कर कहा था- हमारा सब कुछ उजड़ गया. हमें न्याय चाहिए. CM योगी ने परिवार को ढांढस बंधाते हुए न्याय का भरोसा दिया था. अब घटना के 13 महीने 28 दिन बाद कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. 

 

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