BDS में लिया दाखिला? अब पढ़ाई के लिए मिल सकता है एजुकेशन लोन, जानिए प्रकिया
BDS जैसी प्रोफेशनल पढ़ाई आपके करियर को ऊंचाइयों तक पहुंचा सकती है, और आर्थिक बाधाएं एजुकेशन लोन के जरिए पार की जा सकती हैं. अगर आप सही योजना और जानकारी के साथ आगे बढ़ें, तो एजुकेशन लोन आपके सपनों की उड़ान को पंख देने का काम करेगा.

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BDS Study Loan: अगर आपका सपना है कि आप डेंटल सर्जन बनें और BDS (बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी) की पढ़ाई करें, लेकिन आर्थिक स्थिति इसकी राह में रुकावट बन रही है, तो आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है.आज के दौर में एजुकेशन लोन एक ऐसा विकल्प बन गया है, जिसकी मदद से आप बिना आर्थिक बोझ के अपनी पढ़ाई पूरी कर सकते हैं. भारत में लगभग सभी प्रमुख सरकारी और निजी बैंक, साथ ही नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियां (NBFCs), मेडिकल और डेंटल जैसे प्रोफेशनल कोर्स के लिए एजुकेशन लोन की सुविधा प्रदान कर रही हैं.
BDS कोर्स के लिए कितना लोन मिल सकता है?
BDS एक लंबा और खर्चीला कोर्स होता है, जिसकी अवधि आमतौर पर 4 से 5 साल की होती है. इस कोर्स की सालाना फीस लगभग 1.5 लाख से लेकर 6 लाख रुपये तक हो सकती है, यानी पूरे कोर्स का कुल खर्च 6 लाख से 25 लाख रुपये तक पहुंच सकता है. बैंक इस पूरी राशि को कवर कर सकते हैं, जिसमें केवल ट्यूशन फीस ही नहीं बल्कि हॉस्टल का खर्च, किताबें, यूनिफॉर्म, लैब चार्ज, ट्रैवल खर्च और अन्य जरूरी चीजें भी शामिल होती हैं.
भारत में एजुकेशन लोन की सीमा आम तौर पर देश में पढ़ाई के लिए 10 लाख रुपये तक और विदेश में पढ़ाई के लिए 20 लाख रुपये तक होती है. हालांकि, कुछ बैंक ज़रूरत के अनुसार इससे भी अधिक लोन देते हैं, लेकिन ज्यादा रकम के लिए आमतौर पर कोलैटरल (जैसे ज़मीन या मकान की गारंटी) की मांग की जाती है.
एजुकेशन लोन देने वाले प्रमुख बैंक और संस्थाएं
देश के कई बड़े बैंक एजुकेशन लोन की सुविधा देते हैं. सरकारी बैंकों में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), पंजाब नेशनल बैंक (PNB), यूनियन बैंक, और बैंक ऑफ बड़ौदा जैसे बैंक शामिल हैं. वहीं निजी क्षेत्र में ICICI बैंक, HDFC बैंक और Axis बैंक जैसे संस्थान भी एजुकेशन लोन की पेशकश करते हैं. इसके अलावा, कई NBFCs (जैसे Avanse, InCred, और HDFC Credila) भी छात्रों को लोन प्रदान करते हैं, जिनकी प्रक्रिया थोड़ी आसान होती है लेकिन ब्याज दरें अधिक हो सकती हैं.
एजुकेशन लोन के लिए जरूरी दस्तावेज
एजुकेशन लोन के लिए आवेदन करते समय कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों की आवश्यकता होती है, जिनमें शामिल हैं:
1.कॉलेज या यूनिवर्सिटी से मिला एडमिशन लेटर
2. पिछली कक्षा की मार्कशीट (जैसे 12वीं या ग्रेजुएशन)
3. आधार कार्ड और पैन कार्ड जैसे पहचान पत्र
4. फीस स्ट्रक्चर का पूरा विवरण
5. गारंटर का इनकम प्रूफ (जैसे सैलरी स्लिप या IT रिटर्न)
6. पासपोर्ट साइज फोटो
7. बैंक स्टेटमेंट (हाल के 6 महीने का)
लोन की चुकाने की प्रक्रिया और मोरेटोरियम पीरियड
लोन लेने के बाद आपको तुरंत EMI नहीं भरनी पड़ती. बैंक छात्रों को कोर्स खत्म होने के बाद 6 महीने से 1 साल का समय देते हैं, जिसे मोरेटोरियम पीरियड कहा जाता है. इस दौरान आप जॉब की तलाश कर सकते हैं. इसके बाद EMI के रूप में लोन चुकाना शुरू होता है, जिसकी अवधि बैंक और लोन राशि पर निर्भर करते हुए 5 से 15 साल तक हो सकती है.
ब्याज दरें कैसी होती हैं?
एजुकेशन लोन पर ब्याज दरें बैंक और आपकी प्रोफाइल (जैसे आपका एकेडमिक रिकॉर्ड, कॉलेज की रैंकिंग, और गारंटर की साख) पर निर्भर करती हैं. सरकारी बैंकों में यह दर आम तौर पर 8% से 10% के बीच होती है. निजी बैंक और NBFCs की दरें थोड़ी ज्यादा हो सकती हैं, जो लगभग 11% से 14% तक जा सकती हैं.अगर छात्राओं या आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों की बात करें, तो कई बार इन्हें ब्याज दर में छूट भी दी जाती है.
सरकारी स्कीम और विद्या लक्ष्मी पोर्टल का लाभ
सरकार ने Vidya Lakshmi Portal नामक एक डिजिटल प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है, जिसकी मदद से छात्र एक ही जगह पर विभिन्न बैंकों की लोन योजनाएं देख सकते हैं और वहीं से आवेदन भी कर सकते हैं. यह पोर्टल छात्रों के लिए प्रक्रिया को पारदर्शी और आसान बनाता है.
इसके अलावा कुछ राज्य सरकारें और केंद्र सरकार की स्कीमें आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों और लड़कियों को विशेष ब्याज दर या सब्सिडी की सुविधा भी देती हैं. इससे एजुकेशन लोन और भी किफायती बन जाता है.
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