रुपया फिर धड़ाम… ऑल टाइम लो पर पहुंचा, डॉलर के मुकाबले कैसे कमजोर हुई करेंसी, जानें बड़े कारण
डॉलर की मजबूती और अमेरिका की आक्रामक नीति के चलते रुपए पर दबाव बढ़ा. इसके अलावा रुपए गिरने के क्या कारण हैं जानते हैं.
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Doller Vs Rupees: रुपए में गिरावट लगातार जारी है. अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया गिरकर 90.56 के निचले स्तर तक पहुंच गया है. शुक्रवार को रुपया डॉलर की तुलना में 24 पैसे गिरा. जबकि इससे एक दिन पहले 38 पैसे की गिरावट दर्ज की गई थी.
बताया जा रहा है भारत-अमेरिका के बीच ट्रेड डील और भारी टैरिफ का असर भारतीय रुपए पर पड़ा है. व्यापार समझौते में देरी के चलते रुपया कमजोर स्थिति में पहुंच गया. वहीं, डॉलर की मजबूती और अमेरिका की आक्रामक नीति के चलते रुपए पर दबाव बढ़ा. इसके अलावा रुपए गिरने के क्या कारण हैं जानते हैं.
क्यों कमजोर हो रहा रुपया?
डॉलर की मजबूती और आक्रामक खरीद: विश्लेषकों का कहना है कि रुपए में गिरावट की बड़ी वजह डॉलर की ज्यादा खरीद है. वैश्विक कीमती धातुओं की कीमत अप्रत्याशित रूप से बढ़ी. जिसने डॉलर के भाव भी बढ़ाए.
वहीं, भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता अभी भी फाइनल नहीं हुआ है. भारतीय रुपए पर दबाव की ये भी एक वजह है. विश्लेषकों ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के सीमित हस्तक्षेप को भी रुपए की कमजोरी का बड़ा कारण माना.
NSE ने 11 दिसंबर को आंकड़े जारी किए थे जिसमें विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने 2,020.94 करोड़ रुपये के शेयर बेचे. जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने 3,796.07 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे. विदेशी इनवेस्टर्स की लगातार निकासी के चलते रुपए पर दबाव बढ़ा है. इसके अलावा रुपये के इस खराब प्रदर्शन के पीछे, बढ़ता व्यापार घाटा, भारतीय सामान पर अमेरिका में भारी टैरिफ और देश से बाहर जाने वाला विदेशी पैसा भी शामिल है.
साल 2025 में रुपया डॉलर के मुकाबले 5% से ज्यादा गिर चुका है. दुनिया की 31 प्रमुख करेंसी में खराब प्रदर्शन करने में रुपया तीसरे नंबर पर है. रुपए से पहले तुर्की करेंसी और अर्जेंटीना की पेसो में सबसे ज्यादा गिरावट दर्ज की गई है.
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