"डरो मत, ठोस फैसला लो, तुम अच्छा करोगे...", ZOHO फाउंडर वेंबू की H-1B पर भारतीयों को सलाह, कहा- देश लौटें, यही समय सही समय
डोनाल्ड ट्रंप के H-1B फैसले का भारतीयों पर सबसे ज्यादा असर होगा. उनमे चिंता बढ़ गई है कि उनका अमेरिका जाकर काम करने और पढ़ने का फैसला खटाई में पड़ जाएगा. उनके इस ऐलान पर भारत के दिग्गज उद्योगपति, ZOHO के संस्थापक और पूर्व CEO ने बड़ी बात कही है. उन्होंने कहा है कि डर में जीने की बजाय देश लौट आएं. सिंधियों का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि "डर में मत जियो, साहसिक कदम उठाओ. तुम अच्छा करोगे."
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एच-1बी वीजा आवेदनों पर हर साल 1,00,000 डॉलर का शुल्क लगाने की घोषणा की है, जिससे भारतीय पेशेवरों में चिंता बढ़ गई है. ट्रंप के इस ऐलान के बाद भारत की तरफ से सधी हुई प्रतिक्रिया सामने आ रही है. इस फैसले के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत का सबसे बड़ा दुश्मन है निर्भरता, इसका एक ही हल है आत्मनिर्भरता. वहीं विदेश मंत्रालय ने कहा कि वो पूरे मामले का अध्ययन कर रहे हैं, देशहित में सही फैसला लेंगे.
ZOHO फाउंडर की भारतीयों की सलाह
ये तो रही सरकार की बात, उद्योग जगत भी आलोचना की बजाय अमेरिका जाने की चाह रखने वाले लोगों और पहले से वहां काम कर रहे प्रोफेशनल्स का मनोबल बढ़ाने का काम कर रहा है. इसी में एक बड़ा नाम हैं ZOHO के फाउंडर श्रीधर वेम्बू जिन्होंने बड़ी सलाह दी है. उन्होंने एच-1बी वीजा पर अमेरिका में काम कर रहे सभी भारतीयों को सलाह दी है कि वे डर के साये में रहने के बजाय भारत लौट आएं.
अमेरिका से ही ग्रेजुएशन और डॉक्टरेट की डिग्री हासिल करने और अपने करियर की शुरुआत-काम US से ही करने वाले रीधर वेम्बू ने कहा कि एच-1बी वीजा पर आए भारतीयों को अपने देश लौटने पर विचार करना चाहिए.
‘सिंधियों की राह पर चलें भारतीय’
वेम्बू ने भारत की तरक्की की जान बने सिंधी समाज का उदाहरण देते हुए कहा कि उनको ही देखिए. वो विभाजन के दौरान भारत आकर बस गए और शून्य (स्क्रैच) से अपने जीवन की शुरुआत की और अपना नाम बनाया.
सिंधियों की तरक्की और संघर्ष की कहानी शेयर करते हुए उन्हों कहा, "मैंने अपने सिंधी दोस्तों से कई किस्से सुने हैं कि कैसे उनके परिवारों को विभाजन के दौरान सब कुछ छोड़कर भारत आना पड़ा. उन्होंने अपना जीवन फिर से बनाया और सिंधियों ने भारत में अच्छा प्रदर्शन किया है.”
उन्होंने ट्रंप के H-1B वीजा को लेकर लिए गए फैसले पर चिंता जताते हुए कहा कि यही समय है, सही समय है जब भारत के लोगों और टैलेंट को देश वापस लौटने और कुछ अच्छा करने का.
"डर में मत जियो, साहसिक कदम उठाओ. तुम अच्छा करोगे"
वेम्बू ने लिखा: मुझे यह कहते हुए दुख हो रहा है, लेकिन अमेरिका में एच1-बी वीज़ा पर रहने वाले भारतीयों के लिए, शायद यही वह समय है. घर वापस आ जाइए. अपनी ज़िंदगी को फिर से बनाने में 5 साल लग सकते हैं, लेकिन यह आपको और मज़बूत बनाएगा... डर में मत जियो, साहसिक कदम उठाओ. तुम अच्छा करोगे.”
इस बीच, भारतीय सरकार ने अपने सभी दूतावासों और मिशनों को निर्देश दिया है कि वे अगले 24 घंटों में अमेरिका लौटने वाले भारतीय नागरिकों को हर संभव सहायता प्रदान करें.
विदेश मंत्रालय का बयान
विदेश मंत्रालय ने भी इस घटनाक्रम पर ध्यान दिया और कहा कि वह एच-1बी वीजा कार्यक्रम में किए गए व्यापक बदलावों, खासकर नई वार्षिक फीस के बारे में सावधानीपूर्वक समीक्षा कर रहा है. मंत्रालय ने चिंता व्यक्त की कि इस कदम के वित्तीय नुकसान के अलावा, परिवारों के सामने मानवीय संकट भी पैदा हो सकता है.
भारत की ट्रंप को चेतावनी
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "सरकार ने अमेरिका के एच-1बी वीजा कार्यक्रम पर प्रस्तावित प्रतिबंधों से संबंधित रिपोर्टें देखी हैं. इस कदम के सभी संभावित प्रभावों का अध्ययन सभी संबंधित पक्षों द्वारा किया जा रहा है, जिसमें भारतीय उद्योग भी शामिल है. भारतीय उद्योग ने पहले ही एच-1बी कार्यक्रम से संबंधित कुछ धारणाओं को स्पष्ट करते हुए एक प्रारंभिक विश्लेषण जारी कर दिया है."उन्होंने आगे चेतावनी दी कि ट्रंप का यह कदम व्यापारिक क्षेत्र से बाहर भी असर डाल सकता है.
उन्होंने आगे कहा कि सभी संबंधित पक्ष, जिसमें भारतीय उद्योग भी शामिल है, इसके सभी पहलुओं का अध्ययन कर रहे हैं और इस कदम से परिवारों में होने वाली परेशानियों के कारण मानवीय संकट भी पैदा हो सकता है.
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