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धोनी-दीपिका का डूबा करोड़ों रुपया, बंद हो गई मशहूर कैब कंपनी, राइडर्स का भी फंसा पैसा!

धोनी, दीपीका और अश्नीर ग्रोवर जैसे दिग्गज इन्वेस्टर्स वाली कंपनी ब्लूस्मार्ट ने अस्थायी रूप से कैब सर्विस बंद कर दी हैं. सेबी के हंटर के बाद कंपनी ने ये फैसला लिया है. यानी कि धोनी सहित कई दिग्गजों का पैसा डूब गया है.

भारत की पहली और सबसे बड़ी EV राइड हेलिंग सेवा वाली कंपनी मानी जाने वाली ब्लूस्मार्ट के निवेशकों, कर्मचारियों और डेली राइडर्स को तगड़ा झटका लगा है. अपने ग्रीन बिजनेस मॉडल और बड़े-बड़े दिग्गजों, जैसे कि धोनी, दीपिका पादुकोण, संजीव बजाज और अश्नीर ग्रोवर जैसे इन्वेस्टर्स के कारण एक समय खूब नाम कमाने वाली और राइड हेलिंग में धूम मचाने वाली ब्लूस्मार्ट कंपनी ने दिल्ली-एनसीआर, बेंगलुरु और मुंबई में अपनी सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी हैं. यह कंपनी कैब सेवा प्रदाता के अलावा ईवी चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर नेटवर्क के लिए भी जानी जाती है. कंपनी ने यह फैसला भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा कंपनी के सह-संस्थापकों, अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी, पर लगाए गए वित्तीय अनियमितताओं के गंभीर आरोपों के बाद लिया है.

सेबी का एक्शन, बंद हो गई ब्लूस्मार्ट कैब कंपनी! 
इलेक्ट्रिक कैब सेवा प्रदाता कंपनी ब्लूस्मार्ट जो भारत की पहली जीरो-एमिशन राइड-हेलिंग सेवा के रूप में जानी जाती थी, अब एक बड़े संकट का सामना कर रही है, जिसका असर इसके ग्राहकों, ड्राइवरों और कर्मचारियों पर पड़ रहा है. 

दरअसल, बाजार नियामक सेबी के हंटर के बाद कंपनी ने दिल्ली-एनसीआर, बेंगलुरु और मुंबई में अपनी सेवाएं 16 अप्रैल से अस्थायी रूप से बंद करने का फैसला किया है. भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कंपनी के सह-संस्थापकों, अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी पर गंभीर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगाए थे, जिसके बाद इसके शेयर होल्डर्स में असमंजस और कंफ्यूजन की. स्थिति थी. ऐसी स्थिति में इसका चल पाना मुश्किल हो गया था. 

सेबी की जांच और आरोप
सेबी ने अपनी जांच में पाया कि ब्लूस्मार्ट से संबद्ध कंपनी जेनसोल इंजीनियरिंग ने 2021 से 2024 के बीच इंडियन रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (IREDA) और पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (PFC) से 978 करोड़ रुपये का लोन लिया था. इस लोन का उद्देश्य ब्लूस्मार्ट के लिए 6,400 इलेक्ट्रिक वाहन (EV) खरीदना था, लेकिन केवल 4,704 वाहन ही खरीदे गए. 

सेबी के अनुसार, बचे हुए 260 करोड़ रुपये का दुरुपयोग किया गया. इनमें से कुछ धनराशि का उपयोग गुरुग्राम में एक लग्जरी अपार्टमेंट (DLF Camellias) खरीदने, मेक माई ट्रिप के माध्यम से टूर पैकेज बुक करने, और व्यक्तिगत खर्चों जैसे मसाज और पारिवारिक सदस्यों को भुगतान के लिए किया गया.

सेबी ने अनमोल और पुनीत जग्गी पर शेयर बाजार में भाग लेने और जेनसोल में किसी भी निदेशक या वरिष्ठ प्रबंधकीय भूमिका निभाने पर प्रतिबंध लगा दिया. साथ ही, जेनसोल के शेयर स्प्लिट को रोककर कंपनी के वित्तीय रिकॉर्ड की फोरेंसिक ऑडिट का आदेश दिया गया.

सेवाओं पर रोक और ग्राहकों की परेशानी
ब्लूस्मार्ट ने 16 अप्रैल, 2025 की शाम से अपनी बुकिंग बंद कर दी और 17 अप्रैल को भी यह स्थिति बनी रही. कंपनी ने ग्राहकों को ईमेल के जरिए सूचित किया कि उसने "अस्थायी रूप से ब्लूस्मार्ट ऐप पर बुकिंग बंद करने का फैसला किया है." कंपनी ने आश्वासन दिया कि यदि 90 दिनों के भीतर सेवाएं बहाल नहीं हुईं, तो वॉलेट में मौजूद बैलेंस रिफंड कर दिया जाएगा.

इस अचानक बंदी से ग्राहकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कई यूजर्स ने सोशल मीडिया पर अपनी शिकायतें साझा कीं, जिसमें वॉलेट में फंसे पैसे और बुकिंग न हो पाने की समस्याएं शामिल हैं. एक ग्राहक ने X पर लिखा, "ब्लूस्मार्ट में मेरा लगभग 20 हजार का बैलेंस है, और मुझे ईमेल मिला कि सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं. रिफंड कब मिलेगा?"

ड्राइवरों और कर्मचारियों पर असर
ब्लूस्मार्ट के इस फैसले से हजारों ड्राइवरों की आजीविका पर संकट मंडरा रहा है. कंपनी 8,000 से अधिक टैक्सियां संचालित करती थी, और इन ड्राइवरों का भविष्य अब अनिश्चित है. इसके अलावा, कर्मचारियों को भी मार्च की सैलरी समय पर नहीं मिली, जिसके लिए अनमोल जग्गी ने कैश फ्लो की समस्याओं को जिम्मेदार ठहराया.

कंपनी का भविष्य और प्रतिस्पर्धियों को फायदा
कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि ब्लूस्मार्ट अपनी कैब फ्लीट को उबर के प्लेटफॉर्म पर ट्रांसफर करने या राइड हेलिंग व्यवसाय से पूरी तरह बाहर निकलने की योजना बना रही थी. हालांकि, कंपनी की ओर से इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई. ब्लूस्मार्ट की इस बंदी से ओला, उबर, रैपिडो और इनड्राइव जैसी प्रतिस्पर्धी कंपनियों को फायदा होने की संभावना है. मोतीलाल ओसवाल की एक रिपोर्ट के अनुसार, उबर भारत में टैक्सी मार्केट में 8.8 लाख दैनिक सवारियों के साथ पहले से ही अग्रणी है, और ब्लूस्मार्ट की अनुपस्थिति इसे और मजबूत कर सकती है. 

निवेशकों का विश्वास और सबक
ब्लूस्मार्ट में कई बड़े नामों ने निवेश किया था, जिनमें महेंद्र सिंह धोनी और दीपिका पादुकोण शामिल हैं. कंपनी ने कई लाख से अधिक ऐप डाउनलोड और 1.45 करोड़ राइड्स के साथ मजबूत ग्राहक आधार बनाया था. लेकिन वित्तीय गड़बड़ियों और सेबी की कार्रवाई ने निवेशकों का भरोसा डगमगा दिया है. 

यह मामला स्टार्टअप्स के लिए एक बड़ा सबक है कि वित्तीय पारदर्शिता और नियामक अनुपालन कितना महत्वपूर्ण है. विशेषज्ञों का मानना है कि ब्लूस्मार्ट जैसी कंपनियों को भविष्य में ऐसी गलतियों से बचने के लिए मजबूत गवर्नेंस और जवाबदेही तंत्र अपनाने होंगे. ब्लूस्मार्ट का अचानक बंद होना न केवल इसके ग्राहकों और कर्मचारियों के लिए, बल्कि पूरे स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए एक झटका है. सेबी की कार्रवाई और वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों ने कंपनी की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं. अब यह देखना बाकी है कि क्या ब्लूस्मार्ट इस संकट से उबर पाएगी या इसका सफर यहीं खत्म हो जाएगा. फिलहाल, ग्राहकों को अपने रिफंड का इंतजार है, और ड्राइवर नई संभावनाओं की तलाश में हैं.

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