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एक ऐसा देश जहां नवजात बच्चों के ऊपर से कूदना मानी जाती है परंपरा, जानिए इसके पीछे की चौंकाने वाली मान्यता!

ज़रा सोचिए! सड़क के बीचोंबीच नवजात बच्चे लेटे हों और एक शख्स उनके ऊपर से कूदता चला जाए, वो भी भीड़ की तालियों के बीच! सुनने में डरावना लगता है न? लेकिन इस देश में यही एक परंपरा है, जिसे लोग आस्था और शुभ संकेत मानते हैं. आखिर क्यों होती है ऐसी खतरनाक रस्म? जानिए इस रहस्यमयी त्योहार का राज…

दुनिया में कई अजीबोगरीब परंपराएं हैं, लेकिन स्पेन के एक छोटे से गांव में होने वाला 'एल कोलाचो' त्योहार तो वाकई हैरान करने वाला. यहां हर साल जून में सड़क पर नवजात शिशुओं को गद्दों पर लिटा दिया जाता है, और शैतान के भेष में सजे पुरुष उन पर कूद पड़ते हैं. यह सब बुराई को दूर भगाने के लिए किया जाता है. हजारों की भीड़ इस नजारे को देखने जुटती है. आइए, जानते हैं इस अनोखे त्योहार की पूरी कहानी.

स्पेन की अनोखी 'बेबी जंपिंग' परंपरा

एल कोलाचो, जिसे 'द डेविल्स जंप' या 'शैतान की छलांग' भी कहा जाता है, स्पेन के बुर्गोस प्रांत के कैस्ट्रिलो डे म्यूर्सिया गांव में मनाया जाने वाला एक 400 साल पुराना कैथोलिक त्योहार है. यह कॉर्पस क्रिस्टी के अवसर पर जून के दूसरे रविवार को होता है. त्योहार के मुख्य आकर्षण में 'कोलाचो' नाम के शैतान के रूप में सजे पुरुष सड़क पर बिछाए गए गद्दों पर लेटे नवजात बच्चों के ऊपर से कूदते हैं. यह माना जाता है कि ऐसा करने से बच्चों के सारे बुरे असर और बुरी आत्माएं दूर हो जाती हैं और उन्हें आशीर्वाद मिलता है.

बुराई भगाने की 17वीं सदी की जादुई रस्म

यह त्योहार 1620 से चला आ रहा है, हालांकि इसकी शुरुआत के बारे में सटीक जानकारी नहीं है. कैथोलिक मान्यता के अनुसार, कोलाचो की छलांग से बच्चों के 'ओरिजिनल सिन' (मूल पाप) नष्ट हो जाते हैं. शैतान के भेष में सजे लोग चाबुक और बड़ी कास्टेनेट्स (संगीत वाद्य) बजाते हुए दर्शकों को डराते और पीछा करते हैं, जो त्योहार को और रोमांचक बनाता है. गांव वाले इसे धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा मानते हैं. रोचक बात यह है कि वेटिकन ने 2012 में पोप बेनेडिक्ट ने इसकी आलोचना की और इसे बंद करने की सलाह दी, लेकिन स्थानीय लोग इसे जारी रखे हुए हैं. कोई गंभीर दुर्घटना न होने से यह परंपरा जीवित है.

सड़क पर लेटे नवजात बच्चें और उड़ते शैतान

त्योहार की शुरुआत एक हफ्ते पहले होती है, लेकिन मुख्य घटना रविवार को होती है. माता-पिता अपने नवजातों को सड़क पर सफेद गद्दों पर लेटाते हैं, जिन्हें 200 मीटर की दूरी पर बिछाया जाता है. शैतान के भेष में सजे (पीले-लाल कपड़े, मास्क और सींग) पुरुष दौड़ते हुए इन गद्दों पर कूदते हैं – कभी 10 बच्चों तक एक साथ. छलांग के बाद पुजारी बच्चों को आशीर्वाद देते हैं, और लड़कियां गुलाब की पंखुड़ियां बरसाती हैं. दर्शक सफेद चादरें लटकाकर बुराई को दूर रखते हैं. ड्रम बीट्स और चाबुक की आवाज से माहौल भयावह लेकिन उत्साहपूर्ण हो जाता है.

हजारों पर्यटक आते हैं देखने

यह त्योहार अब सिर्फ स्थानीय नहीं रहा. हर साल जून में यहां 1,000 से ज्यादा पर्यटक जुटते हैं, जो दुनिया भर से आते हैं. धातु की बैरिकेड्स के पीछे खड़े होकर लोग फोटो खींचते और वीडियो बनाते हैं. स्थानीय युवा रात भर जश्न मनाते हैं, और अगली सुबह ड्रम की धुन पर भागते हैं. पर्यटन ने गांव की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया है, लेकिन कुछ लोग इसे जोखिम भरा मानते हैं. फिर भी, माता-पिता इसे अपने बच्चों के लिए 'सुरक्षित बपतिस्मा' मानकर भाग लेते हैं.

क्या है जोखिम?

पोप की आलोचना के बावजूद, त्योहार सुरक्षित माना जाता है. 400 सालों में कोई गंभीर चोट की खबर नहीं आई. बच्चे गद्दों पर लेटे रहते हैं, और जंपर्स प्रशिक्षित होते हैं. फिर भी, कुछ विशेषज्ञ इसे 'अनावश्यक खतरा' कहते हैं. गांव वाले तर्क देते हैं कि यह आस्था का मामला है, और कोई हादसा न होने से यह चमत्कार है. वैज्ञानिक दृष्टि से, यह मनोवैज्ञानिक सुकून देता है, माता-पिता को लगता है कि उनके बच्चे 'पवित्र' हो गए.

दुनिया की अजीबोगरीब परंपराओं में एक कड़ी

एल कोलाचो स्पेन की ला टोमाटिना या रनिंग ऑफ द बुल्स जैसी अन्य परंपराओं से अलग है, लेकिन उतना ही अनोखा. यह दिखाता है कि कैसे धर्म, संस्कृति और साहस का मिश्रण त्योहारों को जीवंत रखता है. अगर आप साहसिक पर्यटन पसंद करते हैं, तो अगले जून में स्पेन जाएं. लेकिन याद रखें – यह सिर्फ देखने की चीज है, न कि कॉपी करने की!यह त्योहार आस्था और परंपरा का अनोखा संगम है. अगर आपने कभी देखा या ट्राई किया, तो कमेंट में शेयर करें. 

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