सावन शिवभक्ति, संयम और शुद्धि का महीना माना जाता है. इस दौरान व्रत और सात्विक भोजन से तन-मन दोनों शुद्ध होते हैं. अधिकांश लोग भगवान शिव को प्रसन्न करने हेतु व्रत रखते हैं.
फलाहार – उपवास का मुख्य आधार : सावन व्रत में केला, सेब, अनार, पपीता जैसे फल खाए जाते हैं. ये ऊर्जा देते हैं, पचने में आसान होते हैं और शरीर को डिटॉक्स करते हैं. फल सेवन व्रत नियमों के अंतर्गत पूरी तरह स्वीकार्य है.
साबूदाना – ताकत और तृप्ति का संगम : साबूदाना खिचड़ी, वडा या खीर उपवास में खूब खाई जाती हैं. यह कार्बोहाइड्रेट्स से भरपूर होता है और फास्ट में एनर्जी देता है. साबूदाना उपवास के पारंपरिक और स्वीकृत खाद्य पदार्थों में शामिल है.
आलू और अरबी – व्रत में भरपूर स्वाद : उबले आलू या अरबी को सेंधा नमक से बनाकर खाया जाता है. यह व्रत में पेट भरने और स्वाद बनाए रखने के लिए उपयुक्त है. इनका उपयोग बिना लहसुन-प्याज़ के किया जाता है.
दूध, दही और लौकी – ठंडक और पोषण के लिए : दूध, दही और लौकी (बोतल लौकी) शरीर को ठंडक देते हैं. दूध व्रत में सबसे पवित्र और पोषक माना गया है. लौकी की सब्ज़ी भी व्रत में खाई जाती है.
मेवे – ताकत और स्वाद का मेल : काजू, बादाम, मखाने, किशमिश जैसे मेवे व्रत में खाए जा सकते हैं. ये शारीरिक ऊर्जा और मानसिक स्थिरता दोनों में सहायक होते हैं. मखाने की खीर या ड्राई फ्रूट्स का हल्का मिश्रण आदर्श है.
इन चीज़ों से रखें परहेज़ : प्याज, लहसुन, मांसाहार, शराब, तंबाकू से पूरी तरह बचें. रेगुलर नमक की जगह सेंधा नमक का प्रयोग करें. भारी, तला-भुना या बासी खाना खाने से बचना चाहिए.
भोजन से मिले भक्ति और स्वास्थ्य दोनों : सावन में भोजन सिर्फ शरीर के लिए नहीं, आत्मा की शुद्धि के लिए भी है. भक्ति, संयम और सात्विकता से शिवजी होते हैं प्रसन्न. सही खानपान से मिलेगा शिव कृपा और अच्छा स्वास्थ्य.