इस बार पितृ पक्ष 7 सितंबर से शुरू होने वाला है और 21 सितंबर को समाप्त होगा. इन दिनों पितरों का श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करने का विशेष महत्व है.
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लेकिन अक्सर लोगों के मन में सवाल उठता है कि क्या तर्पण और पिंडदान से पितृ कभी परेशान नहीं करते हैं, तो इस पर प्रेमानंद महाराज ने उत्तर देते हुए कहा…
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अगर आपके पास समय है, धन है, तो आपको गया जी जाकर पितरों का पिंडदान जरूर करना चाहिए.
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गया जी सनातन धर्म के पवित्र स्थानों में से एक है. वहाँ जाकर श्राद्ध और पिंडदान जरूर करवाना चाहिए और जिस तरह से वहाँ के ब्राह्मण लोग करते हैं, उसी पद्धति से श्राद्ध करवाना चाहिए. साथ में नाम जप भी करना चाहिए.
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इससे उनकी आत्मा को शांति मिलती है. साथ ही ये सब भगवान का विधान है. इसका पालन जरूर करना चाहिए.
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वहीं अगर किसी व्यक्ति को पैसे की दिक्कत है, तो बात अलग है, लेकिन अगर आपके पास सब कुछ है, तो गया जी जाकर श्राद्ध जरूर करवाना चाहिए.
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क्योंकि ये न सिर्फ एक परंपरा है, बल्कि पूर्वजों के कल्याण और उनकी मुक्ति का एक सरल रास्ता भी है.
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