शिवलिंग पर जल या दूध चढ़ाते समय बर्तन की धातु का खास ध्यान रखना चाहिए. धातु का चयन पूजन की शुद्धता और फल पर असर डालता है. शास्त्रों में कुछ धातुएँ शुभ मानी गई हैं.
तांबे का बर्तन : शिवलिंग पर अभिषेक के लिए तांबे का बर्तन सबसे उत्तम माना गया है. तांबा शुद्धता और ऊर्जा का प्रतीक है. इससे चढ़ाया गया जल-धार शिव को अत्यंत प्रिय होती है.
पीतल और कांसा : पीतल और कांसे के पात्र भी शिव पूजन में उपयोगी माने गए हैं. इनमें जल या दूध रखने से सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है. मीण भारत में इनका चलन काफी अधिक है.
चांदी का बर्तन : चांदी का बर्तन बहुत शुभ माना जाता है लेकिन आम लोगों के लिए महंगा हो सकता है. यदि संभव हो, तो चांदी से अभिषेक करना पुण्यकारी होता है. यह समृद्धि और शांति लाने वाला माना गया है.
स्टील और प्लास्टिक : स्टील, एल्युमिनियम या प्लास्टिक के बर्तन से जल या दूध नहीं चढ़ाना चाहिए. यह शास्त्रविरुद्ध और अशुद्ध माना जाता है. इनसे नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न हो सकती है.
अभिषेक का सही तरीका : बर्तन की धातु के साथ-साथ जल की धार भी निरंतर और एकमुखी होनी चाहिए. ध्यान रखें कि जल सीधा शिवलिंग के ऊपरी भाग पर पड़े. मंत्रोच्चार के साथ अभिषेक करें.
सही बर्तन, सही श्रद्धा : शिवलिंग पर तांबे, पीतल या चांदी के बर्तन से जल-दूध चढ़ाना शुभ होता है. धातु शुद्ध होनी चाहिए और मन श्रद्धा से भरा हो. तभी मिलेगा अभिषेक का पूर्ण फल.