बेलपत्र शिवजी को अर्पित करने वाला सबसे प्रिय पत्र है. लेकिन क्या आप जानते हैं इसे शिवलिंग पर कहाँ और कैसे रखना चाहिए? गलत तरीका पूजन का फल घटा सकता है.
बेलपत्र चढ़ाने की मूल भावना : बेलपत्र अर्पण करते समय मन में श्रद्धा और शुद्धता ज़रूरी है. यह सिर्फ एक पत्ता नहीं, शिव को प्रेम का प्रतीक है. इसे सही विधि से चढ़ाना चाहिए.
बेलपत्र शिवलिंग के किस भाग पर रखें? बेलपत्र शिवलिंग के ऊपर वाले गोल भाग (गोलाकार भाग) पर नहीं रखना चाहिए. इसे नीचे की ओर, जलधारा बहने वाले भाग (योनिपीठ) पर रखना श्रेष्ठ माना गया है. यह नियम शास्त्रों में वर्णित है.
बेलपत्र की दिशा कैसी होनी चाहिए? बेलपत्र का मुलायम हिस्सा ऊपर और डंडी वाला भाग शिवलिंग की ओर होना चाहिए. कुछ परंपराओं में डंडी उल्टी भी मानी जाती है, लेकिन अधिकतर स्थानों पर डंडी शिवलिंग की ओर होती है. मुख्य बात – बेलपत्र खंडित न हो.
क्या न करें बेलपत्र चढ़ाते समय? सूखा, फटा या कीड़े लगा बेलपत्र कभी न चढ़ाएं. पहले से चढ़ा बेलपत्र हटा कर नया चढ़ाना भी मना है. केवल एक बार चढ़ाया गया बेलपत्र स्वीकार्य होता है.
बेलपत्र से जुड़ी एक खास बात : बेलपत्र में त्रिदेवों का वास माना गया है – ब्रह्मा, विष्णु और महेश. इसे चढ़ाने से शिव की कृपा के साथ त्रिदेवों का आशीर्वाद भी मिलता है. इसलिए इसे श्रद्धा और नियमपूर्वक चढ़ाना चाहिए.
सही विधि से मिलेगी महादेव की कृपा : शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने की सही विधि अपनाएं. ध्यान रखें दिशा, स्थान और शुद्धता का पूरा ख्याल. तभी पूर्ण फल और शिव की विशेष कृपा प्राप्त होगी.