गंगाजल नहीं? फिर भी करें शिव अभिषेक : गंगाजल न हो तो शिव पूजन रुके नहीं. भोलेनाथ को सरलता और भाव से प्रसन्न किया जा सकता है. जानिए किन विकल्पों से कर सकते हैं अभिषेक.
शुद्ध जल है पहला विकल्प : गंगाजल के स्थान पर साफ और शुद्ध जल का प्रयोग करें. जल को ऊँ नमः शिवाय मंत्र से शुद्ध करें. शिवलिंग पर धीरे-धीरे जल अर्पित करें.
दूध से करें अभिषेक : शुद्ध गाय के दूध से शिव का अभिषेक करें. दूध में थोड़ा सा जल मिलाकर प्रयोग करें. मंत्रोच्चारण के साथ धीरे-धीरे चढ़ाएं.
दही और शहद भी हैं पवित्र : दही और शहद शिवजी को अर्पित किए जा सकते हैं. ये पंचामृत के अंग हैं और पवित्र माने जाते हैं. भाव और श्रद्धा से करें अभिषेक.
फूल और बिल्वपत्र का उपयोग करें : बिल्वपत्र शिव को अत्यंत प्रिय है. गाजल न हो तो बिल्वपत्र से पूजा करें. साथ ही सफेद फूल अर्पित करें.
मंत्रों से करें शुद्धिकरण : ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें. जिस जल से अभिषेक कर रहे हों उसे मंत्र से पवित्र करें. मंत्र शक्ति से साधारण जल भी पवित्र हो जाता है.
भाव ही सबसे बड़ा गंगाजल : शिव भक्ति में सबसे अहम है सच्ची भावना. अगर मन पवित्र है, तो सामग्री गौण हो जाती है. शिव कृपा पाने के लिए बस श्रद्धा रखें.
पूजन रुके नहीं : गंगाजल न हो तो भी पूजन रुकना नहीं चाहिए. विकल्प मौजूद हैं और शिव सच्चे भाव से प्रसन्न होते हैं. हर सोमवार करें अभिषेक और पाएं शिव का आशीर्वाद.
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