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पूर्व टेस्ट कप्तान रोहित शर्मा के समर्थन में पूर्व कोच रवि शास्त्री का बड़ा बयान आया सामने

टीम इंडिया के पूर्व टेस्ट कप्तान रोहित शर्मा ने टी-20 और टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया है. रोहित शर्मा के समर्थन में पूर्व कोच रवि शास्त्री का बड़ा बयान सामने आया है.

16 May, 2025
( Updated: 16 May, 2025
04:27 PM )
पूर्व टेस्ट कप्तान रोहित शर्मा के समर्थन में पूर्व कोच रवि शास्त्री का बड़ा बयान आया सामने
टीम इंडिया के पूर्व टेस्ट कप्तान रोहित शर्मा ने टी-20 और टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया है. रोहित ने 67 टेस्ट मैचों में 40.57 की औसत से 4,301 रन बनाए हैं. जिसमें 12 शतक के साथ करियर का सर्वश्रेष्ठ टेस्ट पारी 212 का स्कोर शामिल है. 2022 से भारत के टेस्ट कप्तान के रूप में, रोहित ने 24 टेस्ट में टीम का नेतृत्व किया और 12 मौकों पर भारत को जीत मिली. जिसमें 2023 विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में उपविजेता बनना भी शामिल है.

रोहित को सिडनी टेस्ट खेलना चाहिए था 

भारत के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री ने हाल ही में आईसीसी के साथ एक इंटरव्यू में बात की और रोहित शर्मा के फैसले पर बेबाकी से अपनी राय रखी. 

रवि शास्त्री ने कहा, “मैंने रोहित को टॉस के समय बहुत देखा है. टॉस के समय, आपको बोलने के लिए ज्यादा समय नहीं मिलता है. हालांकि मैंने एक आईपीएल मैच में उनसे कहा, अगर मैं कोच होता, तो आप ऑस्ट्रेलिया में आखिरी टेस्ट मैच खेलते. शास्त्री ने आईसीसी रिव्यू शो में कहा, आप आखिरी टेस्ट मैच खेलते, क्योंकि सीरीज खत्म नहीं हुई थी और मैं ऐसा व्यक्ति नहीं हूं जो 2-1 के स्कोर के साथ हार मान लेता. उस समय सीरीज में ऑस्ट्रेलिया 2-1 से आगे था. रोहित को सिडनी में टेस्ट मैच खेलना चाहिए था.

आगे रवि शास्त्री कहते हैं, "अगर वह सिडनी टेस्ट में गया होता, स्थिति को भांपता, स्थिति को समझता और ऊपर से 35-40 रन बनाता, तो कुछ भी हो सकता था, सीरीज बराबरी पर होती. सभी लोग अपने अपने तरीके से सोचते हैं यह मेरा सोचना था और मैंने उसे यह बताया. यह लंबे समय से मेरे दिल में बैठा हुआ था . मुझे इसे बाहर निकालना था, और मैंने उसे यह बताया,"

लगातार टेस्ट में खराब फॉर्म से जूझ रहे थे रोहित 

पिछले साल सितंबर से खराब फॉर्म का मतलब था कि रोहित का टेस्ट करियर मुश्किल स्थिति में था. बांग्लादेश और न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में रोहित केवल एक बार 50 रन का आंकड़ा पार कर पाए, जबकि उनका औसत केवल 10.93 रहा. अपने बेटे के जन्म के कारण पर्थ में पहला टेस्ट मिस करने के बाद, रोहित अगले तीन टेस्ट में खेलने के लिए वापस आए, लेकिन केवल 31 रन बनाए. उस खराब फॉर्म के कारण 38 वर्षीय रोहित जनवरी में अंतिम बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी टेस्ट से बाहर हो गए.
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