जेलेंस्की ने ट्रंप के दावों की उड़ा दीं धज्जियां, कहा- इस युद्ध में भारत हमारे साथ; यूरोप को भी संबंध मजबूत करने की दी सलाह
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत पर यूक्रेन युद्ध की फंडिंग करने के आरोप का खंडन किया है. जेलेंस्की ने यूरोप से भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने की अपील की. ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत और चीन को रूस के तेल आयात के जरिए युद्ध को बढ़ावा देने का दोषी ठहराया था.
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रूस-यूक्रेन युद्ध में भारत की भूमिका को लेकर यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोदिमिर जेलेंस्की ने बड़ा बयान दिया है. एक पत्रकार के सवाल का जवाब देते हुए जेलेंस्की ने कहा कि भारत इस युद्ध में यूक्रेन के पक्ष में है. हालांकि, उन्होंने ऊर्जा के क्षेत्र में भारत के साथ कुछ समस्याओं को स्वीकार किया, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि इन समस्याओं का समाधान किया जा सकता है.
जेलेंस्की की अपील भारत के साथ मजबूत करें संबंध
जेलेंस्की ने यूरोप से भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने की अपील की है, न कि दूरी बनाने की. संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र में यह कूटनीतिक टकराव खुलकर सामने आया. भारत के समर्थन में जेलेंस्की का बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुले तौर पर भारत का नाम लिया था.
ट्रंप ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में अपने संबोधन में कहा कि चीन और भारत रूसी तेल खरीद कर यूक्रेन में रूसी युद्ध के "प्राथमिक वित्तपोषक" हैं. ट्रंप प्रशासन ने रूसी तेल की खरीद के लिए भारत पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ लगाया है, जिससे अमेरिका द्वारा भारत पर लगाया गया कुल टैरिफ 50 प्रतिशत हो गया है, जो दुनिया में सबसे अधिक है.
भारत ज्यादातर हमारे पक्ष में है - जेलेंस्की
राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत और चीन को रूस के तेल आयात के जरिए युद्ध को बढ़ावा देने का दोषी ठहराया था. जेलेंस्की ने ट्रंप की आलोचना का जवाब देते हुए कहा, "नहीं, भारत ज्यादातर हमारे पक्ष में है."
Journalist: India and China are contributing to the Ukraine war
— Shashank Mattoo (@MattooShashank) September 24, 2025
President Zelensky: No, India is mostly on our side. We do have problems on energy but those can be managed. Europe must build strong ties with India. We must not withdraw from the Indians. pic.twitter.com/8MFSt53Xnz
उन्होंने स्वीकार किया कि ऊर्जा के मुद्दे पर कुछ समस्याएं हैं, लेकिन इन्हें हल किया जा सकता है. भारत ने रूस से तेल खरीद को राष्ट्रीय ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक हितों के लिए जरूरी बताया है.
रूस पर हमले रोकने के लिए चीन बनाए दबाव
जेलेंस्की ने चीन से अपील की है कि वह रूस पर हमले रोकने के लिए दबाव बनाए. चीन इस संघर्ष में पक्ष नहीं है, लेकिन कीव लंबे समय से शिकायत करता रहा है कि बीजिंग ने मास्को को ऐसे हथियार दिए हैं, जिनका इस्तेमाल यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में किया जा सकता है. और वह रूसी ऊर्जा खरीदता रहा है. जेलेंस्की ने कहा, चीन का भी यहां प्रतिनिधित्व है, जो एक शक्तिशाली राष्ट्र है और रूस अब पूरी तरह से इस पर निर्भर है.
उन्होंने कहा, अगर चीन सचमुच इस युद्ध को रोकना चाहता है, तो वह मास्को पर आक्रमण रोकने के लिए दबाव डाल सकता है. चीन के बिना पुतिन का रूस कुछ भी नहीं है. फिर भी, चीन अक्सर शांति के लिए सक्रिय होने के बजाय चुप और दूर रहता है.
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जेलेंस्की ने भारत को अलग-थलग करने को गलती बताते हुए यूरोप से नई दिल्ली के साथ मजबूत रिश्ते बनाने की वकालत की. उन्होंने कहा, हमें भारतीयों से पीछे नहीं हटना चाहिए.
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