1 अक्टूबर से भारत में सस्ती होने जा रही ये चीजें, 10 लाख रोजगार होंगे सृजित, इस देश के साथ बड़ी ट्रेड डील
भारत-ईएफटीए ट्रेड एग्रीमेंट 1 अक्टूबर से लागू होने जा रहा है. इस ट्रेड एग्रीमेंट के लागू होने से भारत में न केवल 10 लाख नौकरियां पैदा होगी, बल्कि घड़ी, चॉकलेट, बिस्कुट समेत कई चीजें सस्ती हो जाएगी.
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यूरोप के 4 देशों के साथ फ्री एग्रीमेंट शुरू होने जा रहे हैं. फ्री ट्रेड देश की इकोनॉमी पर असर डालेगा. भारत और यूरोपीय व्यापार संघ के बीच फ्री ट्रेंड एग्रीमेंट के लिए दोनों पक्षों के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किए गए और यह 1 अक्टूबर 2025 से लागू होगा.
1 अक्टूबर 2025 से लागू होगा फ्री ट्रेंड एग्रीमेंट
केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को कहा कि भारत और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) के बीच व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौता (टीईपीए) आधिकारिक तौर पर 1 अक्टूबर से लागू होगा, जिससे भारत में 10 लाख प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे. ईएफटीए में आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड शामिल हैं. 10 मार्च, 2024 को हस्ताक्षरित इस ऐतिहासिक समझौते से भारी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आने और कई क्षेत्रों में व्यापार एवं आर्थिक सहयोग गहरा होने की संभावना है.
India-EFTA TEPA to come into effect from 1st October. pic.twitter.com/BE9QhFN7iU
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) July 19, 2025
केंद्रीय मंत्री गोयल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया भारत-ईएफटीए टीईपीए 1 अक्टूबर से लागू होगा. ईएफटीए देशों ने 100 अरब डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है, जिससे भारत में 10 लाख प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे. व्यापार, निवेश और व्यावसायिक साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए एक डेडिकेटेड भारत-ईएफटीए डेस्क शुरू किया गया है. केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा कि यह डेस्क सरकारों और निजी कंपनियों, दोनों के लिए 'सिंगल-विंडो प्लेटफॉर्म' के रूप में कार्य करेगा.
5 वर्षों में 50 अरब डॉलर का निवेश, 10 लाख प्रत्यक्ष रोजगार का सृजन
भारत-ईएफटीए समझौते में पहले 10 वर्षों के भीतर 50 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) शामिल है; अगले 5 वर्षों में 50 अरब डॉलर का अतिरिक्त निवेश और भारत में 10 लाख प्रत्यक्ष रोजगार का सृजन शामिल है. टीईपीए भारत के सबसे व्यापक व्यापार समझौतों में से एक है और इससे भारतीय निर्यातकों के लिए प्रीमियम यूरोपीय बाजार खुलने की उम्मीद है, साथ ही पूंजी, इनोवेशन और रोजगार के अवसर भी होंगे.
इस समझौते के तहत, ईएफटीए अपनी 92.2 प्रतिशत टैरिफ लाइनों की पेशकश कर रहा है, जो इस क्षेत्र में भारत के 99.6 प्रतिशत निर्यात को कवर करती है. ईएफटीए की बाजार पहुंच की पेशकश में 100 प्रतिशत गैर-कृषि उत्पाद और प्रसंस्कृत कृषि उत्पादों (पीएपी) पर टैरिफ रियायत शामिल है.
इस समझौते के तहत, भारत अपनी 82.7 प्रतिशत टैरिफ लाइनों की पेशकश कर रहा है, जो ईएफटीए के 95.3 प्रतिशत निर्यात को कवर करती है, जिसमें से 80 प्रतिशत से अधिक आयात सोना है.
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सोने पर प्रभावी शुल्क अपरिवर्तित रहेगा. फार्मा, चिकित्सा उपकरण और प्रसंस्कृत खाद्य आदि क्षेत्रों में पीएलआई से संबंधित संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए प्रस्ताव दिए गए हैं. डेयरी, सोया, कोयला और संवेदनशील कृषि उत्पादों जैसे क्षेत्रों को बहिष्करण सूची में रखा गया है. इस समझौते के तहत, घरेलू ग्राहकों को उच्च गुणवत्ता वाले स्विस उत्पाद, जैसे घड़ियां, चॉकलेट, बिस्कुट कम कम कीमतों पर उपलब्ध होंगे क्योंकि भारत व्यापार समझौते के तहत इन वस्तुओं पर सीमा शुल्क को 10 वर्षों में चरणबद्ध तरीके से समाप्त कर देगा.
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