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दुश्मनों को एक साथ तबाह करने की तैयारी... भारत की तीनों सेनाओं की 'थिएटर कमांड' से पहले तैयारियां तेज, समझिए आगे की रणनीति?

देश की तीनों सेनाओं को एक साथ लाने और उनकी क्षमता को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 'थिएटर कमांड्स' की स्थापना की जा रही है, ताकि तीनों सेनाएं एक-दूसरे की क्षमताओं और चुनौतियों को बेहतर ढंग से समझने और सभी तरह की चुनौतियों से निपटने को लेकर एक दिशा में काम कर सके.

भारतीय सेना दुश्मनों के खिलाफ एक साथ एक्शन लेने की क्षमता को और भी ज्यादा मजबूत करने के प्रयासों में एक बड़ा कदम उठाने जा रही है. बता दें कि सेना 'थिएटर कमांड्स' की स्थापना से पहले नौसेना, थल सेना और वायुसेना के बीच उपकरणों का मानकीकरण, खरीद व्यवस्था के लिए साझा सप्लाई चेन और कई महत्वपूर्ण चीजों पर जोर दे रही है. इन सभी मुद्दों पर हाल ही में कोलकाता में आयोजित 'कंबाइंड कमांडर्स' कॉन्फ्रेंस में चर्चा हुई थी. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए थे. 

थिएटर कमांड्स की स्थापना से पहले सेना ने लिए कई बड़े फैसले

बता दें कि देश की तीनों सेनाओं को एक साथ लाने और उनकी क्षमता को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 'थिएटर कमांड्स' की स्थापना की जा रही है. इनमें उपकरणों का मानकीकरण, खरीद व्यवस्था के लिए साझा सप्लाई चेन, सभी अस्त्रों पर संयुक्त प्रशिक्षण ज्यादा से ज्यादा क्रॉस पोस्टिंग और कर्मियों के बीच सामाजिक मेलजोल बढ़ाने जैसे कई उपायों पर खास जोर दिया गया है. इसके अलावा कई अहम फैसलों में से एकीकृत त्रि-सेवा शिक्षा कोर का गठन और पहले चरण में तिरुअनंतपुरम, विशाखापट्टनम और गांधीनगर में 3 संयुक्त सैन्य स्टेशन स्थापित करना भी शामिल है. 

एक-दूसरे की क्षमताओं और चुनौतियों को समझने का एक प्रयास 

एक न्यूज चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक, तीनों सेनाएं एक-दूसरे की क्षमताओं और चुनौतियों को बेहतर ढंग से समझने और सभी तरह की चुनौतियों से निपटने को लेकर एक दिशा में काम कर रही है, ताकि जब भी सैन्य अभियान की योजना बने, तो तीनों सेनाओं को इसमें शामिल किया जा सके, हालांकि, अभी तक 'थिएटर कमांड्स' की संरचना को लेकर तीनों सेनाओं के बीच सहमति नहीं बन पाई है. 

विशेष प्रशिक्षण पर जोर दिया जाएगा 

इसके तहत संयुक्त प्रशिक्षण पर विशेष जोर दिया जाएगा. इस कमांड का उद्देश्य है कि तीनों सेनाओं के अधिकारी और जवान एक-दूसरे के उपकरण और क्षमताओं से परिचित हो सके, ताकि किसी भी ऑपरेशन को वह बेहतर ढंग से सफल बना सके. हालांकि, इसके लिए कुछ पाठ्यक्रमों की रिक्तियां और सिलेबस में बदलाव किए जा रहे हैं. यह कदम इसलिए उठाया जा रहा है, ताकि तीनों सेना एक साथ प्रशिक्षण ले सकें. 

डाटा शेयरिंग पर फोकस 

भारतीय सेना की प्लान के तहत त्रि-सेवा संचार नेटवर्क को विस्तारित करने की योजना है, ताकि निर्बाध संचार और डाटा साझेदारी को सुनिश्चित किया जा सके. सूत्रों के मुताबिक, सेना द्वारा विशेष परंपराओं और रीति-रिवाजों को भी धीरे-धीरे खत्म किया जा रहा है. इसके तहत आपसी सामाजिक मेलजोल के अवसर भी बढ़ाए जा रहे हैं, ताकि सैनिक एक-दूसरे की संस्कृति और शैली को भी समझ सके.

इसके तहत इंटर-सर्विस पोस्टिंग भी बढ़ाई जाएगी, इसके साथ ही उपकरणों और प्लेटफार्म का मानकीकरण कर इंटरऑपरेबिलिटी भी सुनिश्चित की जाएगी, ताकि सप्लाई चेन पर भी जोर दिया जा सके. 

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