मध्य प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला, सोयाबीन किसानों को मिलेगा 1300 रुपये प्रति क्विंटल अतिरिक्त लाभ
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने आगे कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में कल्याणकारी योजनाओं और विकासमूलक कार्यक्रमों का क्रियान्वयन करते हुए राज्य सरकार सशक्त भारत-सशक्त मध्य प्रदेश के पथ पर अग्रसर है.
Follow Us:
मध्य प्रदेश के सोयाबीन किसानों के लिए यह अच्छी खबर है. राज्य सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य और मॉडल रेट के अंतर के 1300 रुपए प्रति क्विंटल किसानों को देने का ऐलान किया है. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि राज्य सरकार किसान हितैषी है और उनके कल्याण के लिए संकल्पित है.
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने किया बड़ा ऐलान
सीएम ने कहा कि 'भावान्तर योजना' में सोयाबीन का प्रति क्विंटल मॉडल रेट 4,000 रुपए से अधिक तय किया गया है. प्रदेश के अन्नदाताओं को उपज के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का पूर्ण लाभ दिलाने के लिए सोयाबीन उत्पादक किसानों को अतिरिक्त 1300 रूपए प्रति क्विंटल दिए जाएंगे. आगामी 13 नवंबर को सोयाबीन उत्पादक किसानों को इसका लाभ वितरित किया जाएगा.
'भावान्तर योजना' के अंतर्गत आज मॉडल रेट ₹4,000 से अधिक प्रति क्विंटल घोषित कर दिया गया है। MSP का पूर्ण लाभ दिलाने के लिए सोयाबीन उत्पादक किसानों को अलग से ₹1,300 प्रति क्विंटल देंगे।
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) November 7, 2025
आगामी 13 नवंबर को किसानों को इसका लाभ वितरित करेंगे। pic.twitter.com/FjOuTSGFkV
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने आगे कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में कल्याणकारी योजनाओं और विकासमूलक कार्यक्रमों का क्रियान्वयन करते हुए राज्य सरकार सशक्त भारत-सशक्त मध्य प्रदेश के पथ पर अग्रसर है.
एमएसपी और मॉडल रेट का अंतर
दरअसल, सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5328 रुपए तय किया गया है. साथ ही राज्य की मोहन यादव सरकार ने किसानों को मॉडल रेट और न्यूनतम समर्थन मूल्य के अंतर की राशि को भावांतर योजना के तहत देने का ऐलान किया था. सोयाबीन की खरीदी के दौरान कई स्थानों से शिकायत आई थी कि किसानों को बड़ा नुकसान हो रहा है लिहाजा जो मॉडल रेट आया है उसके आधार पर सरकार ने 1300 प्रति क्विंटल की दर से देने का फैसला लिया है.
किसानों को मिलेगी बड़ी राहत
यह भी पढ़ें
सरकार का यह निर्णय किसानों को बड़ी राहत देने वाला है, ऐसा इसलिए क्योंकि किसान लगातार न्यूनतम समर्थन मूल्य के आधार पर खरीदी की मांग कर रहे थे, मगर मंडी में उसके मुताबिक उन्हें दम नहीं मिल रहे थे. भावांतर योजना लागू होने के बावजूद किसानों को 5328 रुपए प्रति क्विंटल नहीं मिल पा रहे थे. अब किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की राशि आसानी से मिल सकेगी.
टिप्पणियाँ 0
कृपया Google से लॉग इन करें टिप्पणी पोस्ट करने के लिए
Google से लॉग इन करें