UN में बिना नाम लिए अमेरिका पर भड़के जयशंकर, US के 'दोहरे रवैये' पर सुनाई खरी खरी
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका का नाम लिए बगैर उसके 'दोहरे रवैये' पर उसे सुनाया है. जयशंकर ने साफ एवं स्पष्ट रूप से कहा कि अंतरराष्ट्रीय शांति एवं वैश्विक विकास के बीच बहुत ही पारस्परिक संबंध है और हाल के समय में इन दोनों में गिरावट आई है और यह ग्लोबल साउथ को प्रभावित कर रहा है.
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गुरुवार को भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने न्यूयॉर्क में जी-20 देशों के विदेश मंत्रियों की एक मीटिंग को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने अमेरिका समेत हर उस देश को एक कड़ा संदेश दिया जो पिछले कुछ महीनों से रूस से तेल आयात को लेकर भारत को निशाना बनाते आ रहे हैं. विदेश मंत्री ने साफ कहा कि दोहरे मानदंड साफ नजर आ रहे हैं. विदेश मंत्री एस जयशंकर इस साल भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जगह संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 80वें सत्र को संबोधित करने वाले हैं.
विदेश मंत्री ने बिना नाम लिए अमेरिका को सुनाया
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका का नाम लिए बगैर उसके 'दोहरे रवैये' पर उसे सुनाया है. जयशंकर ने साफ एवं स्पष्ट रूप से कहा कि अंतरराष्ट्रीय शांति एवं वैश्विक विकास के बीच 'बहुत ही पारस्परिक संबंध' है और हाल के समय में इन दोनों में गिरावट आई है और यह ग्लोबल साउथ को प्रभावित कर रहा है. विदेश मंत्री ने कहा कि आतंकवाद विकास के लिए एक निरंतर खतरा बना हुआ है.
#WATCH | New York | At the India-SICA Foreign Minister’s Meeting, EAM Dr S Jaishankar says, "We are very encouraged by the growing interest of Indian companies to invest in SICA countries, in SICA economies, particularly in agriculture, in renewable energy, in pharmaceuticals and… pic.twitter.com/wetYfrBMZu
— ANI (@ANI) September 25, 2025
जयशंकर ने आगे कहा कि आतंकवाद विकास के लिए 'लगातार खतरा' बना हुआ है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दुनिया को आतंकवादी गतिविधियों के प्रति न तो सहिष्णुता दिखानी चाहिए और न ही उन्हें सहयोग देना चाहिए. जयशंकर ने कहा कि जो देश किसी भी मोर्चे पर आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करते हैं, वे 'समग्र रूप से अंतरराष्ट्रीय समुदाय की बड़ी सेवा' करते हैं. अंतरराष्ट्रीय शांति और वैश्विक विकास के बीच संबंधों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में दोनों में गिरावट आई है.
आतंकवाद विकास के लिए निरंतर खतरा
विदेश मंत्री ने कहा, विकास के लिए एक निरंतर खतरा आतंकवाद है जो शांति में बाधा डालने वाला है. उन्होंने कहा, यह जरूरी है कि दुनिया आतंकवादी गतिविधियों के प्रति न तो सहिष्णुता दिखाए और न ही उन्हें सहयोग दे. जयशंकर ने कहा कि जैसे-जैसे दुनिया संघर्ष, आर्थिक दबाव और आतंकवाद का सामना कर रही है, बहुपक्षवाद और संयुक्त राष्ट्र की सीमाएं स्पष्ट दिखाई दे रही हैं.
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उन्होंने कहा, बहुपक्षवाद में सुधार की आवश्यकता पहले कभी इतनी अधिक नहीं थी. उन्होंने कहा कि आज अंतराष्ट्रीय हालात राजनीतिक और आर्थिक दोनों ही दृष्टि से अस्थिर है. जयशंकर ने कहा, जी-20 के सदस्य के रूप में हमारी विशेष जिम्मेदारी है कि हम इसकी स्थिरता को मजबूत करें तथा इसे अधिक सकारात्मक दिशा प्रदान करें, जो कि वार्ता और कूटनीति के माध्यम से आतंकवाद का दृढ़तापूर्वक मुकाबला करके तथा मजबूत ऊर्जा एवं आर्थिक सुरक्षा की आवश्यकता को समझकर सर्वोत्तम ढंग से किया जा सकता है.
हिन्दी में फुल स्टॉप नहीं पूर्ण विराम लगता हैं। उम्मीद है आप अपनी इस गलती को सुधारेंगे।