राजस्थान में मानसून की विदाई के बाद भी बरसात का कहर, जयपुर समेत कई जिलों में भारी बारिश
जयपुर में भारी बारिश दर्ज की गई, जिसके कारण लंबा ट्रैफिक जाम लग गया. राजस्थान की राजधानी में मंगलवार दोपहर मौसम में नाटकीय बदलाव आया. गोपालपुरा, सांगानेर, जगतपुरा, टोंक रोड और जवाहरलाल नेहरू मार्ग सहित कई इलाकों में भारी बारिश दर्ज की गई.
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मानसून की विदाई के बाद, राजस्थान में मंगलवार को मौसम में अप्रत्याशित बदलाव देखने को मिला. जयपुर समेत कई जिलों में भारी बारिश हुई.
जयपुर और अन्य जिलों में भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग के अनुसार, कच्छ में एक निम्न दबाव क्षेत्र बना हुआ है, जबकि उत्तर-पश्चिमी राजस्थान में निचले वायुमंडलीय स्तरों पर एक द्रोणिका रेखा सक्रिय है. इन परिस्थितियों के कारण, जयपुर, अलवर, सीकर, दौसा, अजमेर, जैसलमेर, धौलपुर और नागौर सहित कई जिलों में अच्छी बारिश हुई.
अधिकारियों ने बताया कि अगले तीन-चार दिनों तक कुछ इलाकों में गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश जारी रहने की संभावना है.
जयपुर में भारी बारिश की आशंका
वहीं, जयपुर में भारी बारिश दर्ज की गई, जिसके कारण लंबा ट्रैफिक जाम लग गया. राजस्थान की राजधानी में मंगलवार दोपहर मौसम में नाटकीय बदलाव आया. गोपालपुरा, सांगानेर, जगतपुरा, टोंक रोड और जवाहरलाल नेहरू मार्ग सहित कई इलाकों में भारी बारिश दर्ज की गई.
शहर के कई हिस्सों में जलभराव की खबर है, अजमेर रोड स्थित कमला नेहरू नगर की सर्विस लेन पूरी तरह से जलमग्न हो गई. बारिश से उमस से राहत मिली और शहर का तापमान गिर गया, जिससे निवासियों को काफी राहत मिली.
अलवर में मूसलाधार बारिश से कई सड़कें हुई जलमग्न
अलवर में भी भारी बारिश दर्ज की गई, जहां 20 मिनट की मूसलाधार बारिश से कई सड़कें जलमग्न हो गईं. दौसा, सिकराय और महुआ में भारी बारिश हुई, जबकि जैसलमेर के कुछ हिस्सों जैसे रामदेवरा, पोखरण में भी अच्छी बारिश हुई.
मौसम विज्ञानियों ने बताया कि कुछ इलाकों में हल्की से मध्यम और कुछ इलाकों में तीव्र बारिश की स्थिति रही. भारत मौसम विज्ञान विभाग ने आने वाले दिनों में और बारिश की चेतावनी जारी की है. 24 घंटों के भीतर बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक नया निम्न दबाव का क्षेत्र विकसित होने की उम्मीद है, जबकि 5 से 8 अक्टूबर के बीच एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने का अनुमान है. यह प्रणाली 6 से 8 अक्टूबर के बीच पूरे राजस्थान में व्यापक बारिश का कारण बन सकती है, जिससे निचले इलाकों में और अधिक जलभराव और व्यवधान की चिंता बढ़ गई है.
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अधिकारियों ने निवासियों से सतर्क रहने और सलाह का पालन करने का आग्रह किया है, खासकर बाढ़ की आशंका वाले जिलों में.
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