गूगल वाइस प्रेसिडेंट थोटा चंद्रशेखर की सामाजिक पहल, तिरुपति ट्रस्ट के मेडिकल मिशन के लिए दिया 1 करोड़ का दान
रुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के अंतर्गत संचालित एसवी प्रणदान ट्रस्ट को गूगल के वाइस प्रेसिडेंट थोटा चंद्रशेखर ने एक करोड़ रुपये का दान दिया है. टीटीडी द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, एसवी प्रणदान ट्रस्ट एक धर्मार्थ संस्था है जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के मरीजों को गंभीर बीमारियों के इलाज में मदद पहुंचाने का कार्य करती है. ट्रस्ट की ओर से जरूरतमंद मरीजों को मुफ्त या रियायती दरों पर चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं.

तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के अंतर्गत संचालित एसवी प्रणदान ट्रस्ट को गूगल के वाइस प्रेसिडेंट थोटा चंद्रशेखर ने एक करोड़ रुपये का दान दिया है. चंद्रशेखर ने दान की राशि का चेक गुरुवार को तिरुमला में टीटीडी अध्यक्ष बी. आर. नायडू को मिलकर सौंपा. थोटा चंद्रशेखर द्वारा मानवीय मदद को प्रोत्साहित करने वाली इस दान की राशि की जानकारी टीटीडी की ओर से एक आधिकारिक बयान जारी किया गया है.
यह दान श्रद्धा का प्रतीक: टीटीडी
टीटीडी द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, एसवी प्रणदान ट्रस्ट एक धर्मार्थ संस्था है जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के मरीजों को गंभीर बीमारियों के इलाज में मदद पहुंचाने का कार्य करती है. ट्रस्ट की ओर से जरूरतमंद मरीजों को मुफ्त या रियायती दरों पर चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं. दान की स्वीकृति के समय टीटीडी अध्यक्ष बी. आर. नायडू ने थोटा चंद्रशेखर की इस पहल की सराहना की और कहा कि यह दान न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि समाज के वंचित वर्गों के प्रति उत्तरदायित्व का भी उदाहरण है. उन्होंने कहा कि ऐसे योगदान समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में सहायक होते हैं. टीटीडी अधिकारियों ने भी चंद्रशेखर की इस उदारता के प्रति कृतज्ञता जताई और इसे सामाजिक सेवा के क्षेत्र में एक प्रेरणास्पद कदम बताया.
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टीटीडी अधिकारियों ने इस योगदान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ऐसे बड़े दान से एसवी प्रणदान ट्रस्ट की चिकित्सीय सेवाओं को नई मजबूती मिलती है. साथ ही, यह समाज के अन्य लोगों को भी प्रेरित करता है कि वे जरूरतमंदों की मदद के लिए आगे आएं और अपने सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करें. बताते चलें कि तिरुमला स्थित भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर, जिसे तिरुपति बालाजी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, दुनियाभर में हिंदू आस्था का एक प्रमुख केंद्र है. यह मंदिर विश्व के सबसे समृद्ध मंदिरों में शामिल है और हर वर्ष करोड़ों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए पहुंचते हैं.