कर्नाटक की कांग्रेस सरकार में शुरू हुई तकरार, ट्रांसफर पोस्टिंग के खेल में आपस में भिड़ गए CM सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार
कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के अंदर सब कुछ सामान्य नहीं चल रहा है. राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच जल संसाधन विभाग में अधिकारियों के ट्रांसफर को लेकर आपसी खींचतान शुरू हो गई है.

कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के अंदर सब कुछ सामान्य नहीं चल रहा है. राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच जल संसाधन विभाग में अधिकारियों के ट्रांसफर को लेकर आपसी खींचतान शुरू हो गई है.
सीएम सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार में आपसी खींचतान
कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के अंदर सब कुछ सामान्य नहीं चल रहा है. खबरें आ रही है कि राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच जल संसाधन विभाग में अधिकारियों के ट्रांसफर को लेकर आपसी खींचतान शुरू हो गई है. इसको लेकर उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने सूबे प्रमुख सचिव को एक पत्र भी लिखकर कहा है कि उनकी मर्जी के बिना उनके विभाग के अधिकारियों का तबादला नहीं किया जा सकता. यह सारा विवाद तब शुरू हुआ जब मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंताओं का तबादला बिना उपमुख्यमंत्री यानी डीके शिवकुमार को सूचित किए बिना कर दिया था.
डीके शिवकुमार ने आदेश वापस लेने का जारी किया निर्देश
इस मामले को लेकर उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने मुख्य सचिव को लिखे पत्र में अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए लिखा "इस सरकार के कार्यकाल के शुरुआती दौर में ही मैंने यह साफ कर दिया था, कि मेरे अधिकार वाले विभागों जैसे जल संसाधन विभाग में तबादले और नियुक्तियों से संबंधित कोई भी आदेश मुख्य प्रशासनिक सचिवालय शहरी अवसंरचना द्वारा मेरी पूर्व सुकृति के बिना जारी नहीं किया जाना चाहिए." इसी पत्र में उन्होंने आगे लिखा "जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंताओं की सेवा संबंधी कार्यों के तबादले के मामले में यह निर्देश दिया गया था कि ऐसे मामलों में मेरी स्वीकृति अनिवार्य होगी. लेकिन हाल ही में अधिसूचना संख्या CASUI 28 से 2024, दिनांक 09.05.2025 के कुछ अभियंताओं का तबादला बिना मुझे जानकारी दिए और मेरे मंजूरी के बिना कर दिया गया है. मैं इस आदेश के उल्लंघन पर खड़ा एतराज जताता हूं."
बताते चले कि उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने सख्त तेवर दिखाते हुए इस आदेश को तुरंत वापस लेने का निर्देश भी जारी कर दिया है. और आने वाले वक्त में ऐसे मामलों से संबंधित कोई भी आदेश उनके बिना जारी न की जाए, इसकी उन्होंने चेतावनी भी दी है.