'भारतीय सैनिकों को पिघलाने के लिए चीन ने किया था इलेक्ट्रिक वेपन का इस्तेमाल', ड्रैगन-हाथी को करीब आते देख US सीनेटर का सनसनीखेज दावा
चीन ने भारतीय सैनिकों को पिघलाने के लिए इलेक्ट्रिक हथियारों का इस्तेमाल किया था, ये अजीबोगरीब दावा अमेरिकी सीनेटर बिल हेगर्टी ने किया है. गलवान में मई 2020 में भारतीय सैनिकों की चीनी सेना के साथ हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे.
Follow Us:
अमेरिकी सीनेटर बिल हेगर्टी ने अजीबोगरीब दावा करके हड़कंप मचा दिया है. उन्होंने कहा कि चीन ने भारतीय सैनिकों को पिघलाने के लिए एक विद्युत् चुम्बकीय हथियार का इस्तेमाल किया था. यह विचित्र आरोप प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात के ठीक दो सप्ताह बाद आया है.
अमेरिकी सीनेटर का अजीबोगरीब दावा
अमेरिकी सीनेटर बिल हेगर्टी ने दावा किया है कि चीन ने भारतीय सैनिकों को पिघलाने के लिए एक विद्युत् चुम्बकीय हथियार का इस्तेमाल किया था. अमेरिकी सीनेटर ने आरोप लगाया है कि बीजिंग ने पाँच साल पहले भारत के साथ सीमा विवाद के दौरान इस हथियार का इस्तेमाल किया था. रिपब्लिकन सीनेटर ने बताया कि यह घटना 2020 की गलवान घाटी झड़प से जुड़ी हो सकती है, हालाँकि उन्होंने सीधे तौर पर इसका नाम नहीं लिया.
US Senator Bill Hagerty claims: “5 years ago, during the border clash, China used an electromagnetic weapon to melt Indian soldiers.”
— ChaiAndTweets (@ChaiAndTweets) September 12, 2025
If true, this is a shocking revelation. Why is our govt silent on this?
If false, slammed him.#IndiaChina #LAC pic.twitter.com/2HG0lF6p0m
चीन और भारत के बीच शिकायतों और अविश्वास का एक लंबा इतिहास रहा है. बमुश्किल पाँच साल पहले, चीन और भारत एक विवादित सीमा पर लड़ रहे थे. यह अजीबोगरीब आरोप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच इस महीने की शुरुआत में तियानजिन में हुए शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन से इतर मुलाकात के करीब दो हफ़्ते बाद आया है, जिससे वाशिंगटन में चिंता की घंटी बज गई है.
गलवान में झड़प में 20 भारतीय जवान हुए थे शहीद
हैगर्टी अपनी टिप्पणी के ज़रिए यह बताने की कोशिश कर रहे थे कि समय-समय पर अंतरराष्ट्रीय संबंध कैसे बदलते रहते हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा उच्च टैरिफ लगाए जाने के बाद से भारत और चीन संबंधों को फिर से बेहतर बनाने की कोशिश कर रहे हैं. ट्रंप ने पिछले महीने भारत से आने वाले सामानों पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की थी, जिसमें रूसी तेल खरीदने पर 25 प्रतिशत का जुर्माना भी शामिल है.
यह भी पढ़ें
मई 2020 में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैन्य गतिरोध के साथ भारत-चीन संबंध छह दशकों में अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए. यह विवादित सीमा पर दोनों पक्षों के बीच 45 वर्षों में पहली घातक झड़प थी, जिसने द्विपक्षीय संबंधों को गहरा आघात पहुँचाया. 15 जून को, सात घंटे तक चली हिंसक झड़प में एक कमांडिंग ऑफिसर समेत 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे, हालाँकि बीजिंग ने शुरुआत में हताहतों की संख्या बताए बिना स्वीकार किया था, लेकिन रिपोर्टों से पता चलता है कि चीन को हुए नुकसान भारत के मुकाबले दोगुने से भी ज़्यादा हो सकते हैं.
टिप्पणियाँ 0
कृपया Google से लॉग इन करें टिप्पणी पोस्ट करने के लिए
Google से लॉग इन करें