बिहार चुनाव से पहले राहुल गांधी का BJP पर निशाना, कहा- महाराष्ट्र की तरह 'धांधली' का ब्लूप्रिंट तैयार
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर सत्तारूढ़ बीजेपी पर तीखा हमला बोला है. राहुल गांधी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वहां “व्यवस्थित तरीके से चुनावी धांधली” की गई. उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम को “चोरी का ब्लूप्रिंट” करार देते हुए दावा किया कि अब यही मॉडल बिहार में भी दोहराया जा सकता है.

बिहार में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज़ हो गई है. चुनावी रणनीतियों और गठबंधनों के बीच कांग्रेस पार्टी भी अपनी ज़मीन मजबूत करने में जुट गई है. इसी क्रम में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर सत्तारूढ़ बीजेपी पर तीखा हमला बोला है.
राहुल गांधी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वहां “व्यवस्थित तरीके से चुनावी धांधली” की गई. उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम को “चोरी का ब्लूप्रिंट” करार देते हुए दावा किया कि अब यही मॉडल बिहार में भी दोहराया जा सकता है. राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर पोस्ट करते हुए लिखा, “महाराष्ट्र में जिस तरह चुनावों में गड़बड़ी की गई, वह बेहद चिंताजनक है. इसका पैटर्न साफ है और इसे बिहार जैसे राज्यों में भी लागू किया जा सकता है.”
राहुल गांधी ने अपने पोस्ट के माध्यम से बीजेपी पर हमला बोला है, जिसे उन्होंने ‘मैच फ़िक्सिंग महाराष्ट्र’ हेडलाइन के साथ इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित किया गया है. इसे उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X पर पोस्ट किया है. इस पोस्ट में राहुल गांधी ने पांच चरणों में चुनावी धांधली का कथित प्रक्रिया का ख़ुलासा किया है. राहुल ने लिखा, “चुनाव कैसे चुराया जाए? 2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लोकतंत्र में धाँधली करने का खाका था.” उन्होंने कहा की कथित छेड़छाड़ “चुनाव आयग की नियुक्ति के लिए पैनल में धांधली” से शुरू होती है.”
राहुल गांधी ने उठाए 5 सवाल
1. चुनाव आयोग की नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल
राहुल गांधी ने केंद्र पर आरोप लगाया कि 2023 में लाए गए कानून ने चुनाव आयोग की स्वतंत्रता खत्म कर दी है. उन्होंने कहा कि पहले नियुक्ति समिति में CJI (मुख्य न्यायाधीश) भी शामिल होते थे, लेकिन अब उनकी जगह एक केंद्रीय मंत्री को रख दिया गया है, जिससे चुनाव आयोग सरकार के पक्ष में झुक सकता है.
2. EVM और मतदाता डेटा में हेरफेर का दावा
राहुल गांधी ने कहा कि “EVM और मतदाता सूची से जुड़ा डेटा जानबूझकर चुनी हुई निजी कंपनियों को दिया गया.” उनका आरोप है कि इन कंपनियों का सीधा संबंध सत्तारूढ़ दल के हितों से है. राहुल ने पूछा कि क्यों और किस अधिकार से यह डेटा बांटा गया और इससे किसे फ़ायदा हुआ?
3. वोटर डेटा के साथ निजी कंपनियों का गठजोड़
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि एक राजनीतिक दल ने “प्राइवेट टेक्नोलॉजी कंपनियों के साथ मिलकर मतदाताओं के डेटा का दुरुपयोग किया.” उन्होंने यह भी कहा कि वोटिंग से ठीक पहले लक्षित प्रचार और गुमराह करने वाले संदेश भेजकर चुनाव परिणाम प्रभावित किए गए.
4. लोकतंत्र के मूल ढांचे को कमजोर करने का आरोप
राहुल गांधी ने कहा कि यह केवल तकनीकी छेड़छाड़ नहीं, बल्कि लोकतंत्र के बुनियादी ढांचे पर हमला है. उनका मानना है कि निष्पक्ष चुनाव किसी भी लोकतंत्र की आत्मा होते हैं और जब उन्हें ही 'हैक' किया जा रहा है, तो यह लोकतंत्र के खिलाफ षड्यंत्र है.
5. बिहार समेत अन्य राज्यों में दोहराव की आशंका
राहुल गांधी ने चेतावनी दी कि महाराष्ट्र मॉडल को अब बिहार समेत अन्य चुनावी राज्यों में दोहराया जा सकता है. उन्होंने कहा कि यह “चोरी का ब्लूप्रिंट” है, और इसके ज़रिए एक राजनीतिक दल पूरे देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कब्ज़े में लेने की कोशिश कर रहा है.
How to steal an election?
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 7, 2025
Maharashtra assembly elections in 2024 were a blueprint for rigging democracy.
My article shows how this happened, step by step:
Step 1: Rig the panel for appointing the Election Commission
Step 2: Add fake voters to the roll
Step 3: Inflate voter… pic.twitter.com/ntCwtPVXTu
EC ने राहुल गांधी के आरोपों को किया खारिज
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा चुनाव प्रक्रिया में धांधली के लगाए गए आरोपों को चुनाव आयोग ने सिरे से नकार दिया है. आयोग ने इन्हें "निराधार और पूरी तरह से बेतुका" बताते हुए कहा कि संस्थान की निष्पक्षता और विश्वसनीयता पर इस तरह के बयान अनुचित हैं.
बीजेपी ने बताया "सोरोस की चाल"
भारतीय जनता पार्टी की ओर से प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने राहुल गांधी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि यह आरोप "जॉर्ज सोरोस की चाल का हिस्सा" हैं, जिनका उद्देश्य भारत की संवैधानिक संस्थाओं में जनता का भरोसा खत्म करना है. मालवीय ने आरोप लगाया कि यह एक सुव्यवस्थित रणनीति है, जिसका मक़सद लोकतांत्रिक ढांचे को भीतर से कमजोर करना है.
गौरतलब है कि राहुल गांधी पहले भी कई मौकों पर चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल उठाते रहे हैं. कांग्रेस इस बयान को लेकर राज्य में सियासी माहौल और गरम होने की संभावना है, खासकर तब जब चुनावी तारीख़ों का ऐलान अब कभी भी हो सकता है.