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जयपुर में जर्जर मकान ढहा, एक महिला की मौत, दूसरी घायल, बचाव में देरी से लोगों में गुस्सा

जयपुर के सुभाष चौक इलाके में आज सुबह जर्जर मकान ढहने से बड़ा हादसा हो गया. जिसमे मलबे में दबने से एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गई, और दूसरी महिला गंभीर रूप से घायल है, समय रहते दो बच्चों ने बाहर निकलकर अपनी जान बचाई.

18 Sep, 2025
( Updated: 18 Sep, 2025
12:17 PM )
जयपुर में जर्जर मकान ढहा, एक महिला की मौत, दूसरी घायल, बचाव में देरी से लोगों में गुस्सा
Image: IANS

जयपुर में गुरुवार सुबह एक जर्जर मकान ढह गया, जिससे दो महिलाएं मलबे के नीचे दब गईं. इनमें से एक महिला धन्नीबाई (60) की घटनास्थल पर ही मौत हो गई. वहीं, दूसरी महिला सुनीता (35) के पैर में फ्रैक्चर और चेहरे पर चोटें आईं. यह घटना सुबह 7 बजे सुभाष चौक थाना क्षेत्र में हुई.

मकान गिरने से दो महिलाएं दबीं

परिवार के सदस्यों के अनुसार, बचाव दल को इमारत ढहने के तुरंत बाद दुर्घटना की सूचना मिल गई थी, फिर भी वे दुर्घटना के दो घंटे बाद, लगभग 9 बजे सुबह पहुंचे.

स्थानीय लोगों ने घायल महिलाओं के रिश्तेदार तरुण महावर को फोन कर घटना की जानकारी दी. हादसे के वक्त मकान में रहने वाले दो बच्चे बाहर खेल रहे थे, इसलिए उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचा.

कुछ दिन पहले भी मकान गिरने से पिता और बेटी की हुई थी मौत

यह इलाका असुरक्षित और जर्जर इमारतों का केंद्र है. कुछ दिन पहले, सुभाष चौक में एक हवेली ढह गई थी, जिसमें एक पिता और बेटी की मौत हो गई थी.

48 जर्जर भवनों की सूची नगर निगम को दी

इस दुखद दुर्घटना के बाद, जयपुर नगर निगम द्वारा 48 जर्जर भवनों की सूची तैयार की गई थी. इसके अलावा, किशनपोल क्षेत्र में आठ भवनों को सील करने की भी कार्रवाई की गई थी.

हालांकि, हाल ही में हुई इन मौतों ने पुरानी इमारतों की सुरक्षा के प्रति नगरपालिका की प्रतिक्रिया को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं. जिस घर में यह हादसा हुआ, उसमें दो महिलाएं और एक नौकरानी रहती थीं.

स्थानीय निवासी प्रताप सिंह और घनश्याम सोनी ने बताया कि मलबे में दबने के बाद सुनीता मदद के लिए चिल्ला रही थी, लेकिन तुरंत कोई मदद नहीं मिली.

उपायुक्त सीमा चौधरी की लोगों से अपील 

हवामहल जोन की उपायुक्त सीमा चौधरी ने बताया कि क्षेत्र में सभी जर्जर इमारतों के मालिकों को नोटिस जारी कर दिए गए हैं और सर्वेक्षण भी कराया जा रहा है. लोगों से असुरक्षित इमारतों को खाली करने की घोषणा की गई है.

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बचाव कार्यों में देरी और असुरक्षित भवनों की निरंतर उपेक्षा से स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया है, जो आगे की त्रासदियों को रोकने के लिए जयपुर नगर निगम और भवन मालिकों से अधिक जवाबदेही की मांग कर रहे हैं.

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