हर बार पेट दर्द को न करें नजरअंदाज, हो सकती है IBS जैसी गंभीर समस्या
"क्या आपको बार-बार पेट दर्द, मरोड़ या गैस की समस्या होती है? इसे मामूली न समझें! यह इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) जैसी गंभीर पाचन संबंधी बीमारी का संकेत हो सकता है. जानिए इसके लक्षण, कारण और आसान बचाव के उपाय इस लेख में। अपनी सेहत को नजरअंदाज न करें — पढ़ें पूरी जानकारी."
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पेट दर्द एक आम समस्या है, जिसे लोग अक्सर हल्के में लेते हैं. लेकिन बार-बार होने वाला पेट दर्द या पाचन संबंधी समस्याएं, जैसे दस्त, कब्ज, या पेट में मरोड़, इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) जैसी गंभीर स्थिति का संकेत हो सकती हैं. यह एक पुरानी पाचन संबंधी बीमारी है, जो व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती है. आइए इस समस्या को विस्तार से समझें और जानें कि इसे नजरअंदाज करना क्यों खतरनाक हो सकता है.
IBS होता क्या है?
IBS एक ऐसी बीमारी है, जो आपकी बड़ी आंत को प्रभावित करती है. इससे आंतें ठीक से काम नहीं करतीं, लेकिन इनमें कोई परमानेंट डैमेज नहीं होता. ये औरतों में ज्यादा कॉमन है और तनाव, गलत खान-पान, या फैमिली हिस्ट्री की वजह से हो सकता है. अईबीएस में सबसे आम लक्षणों में पेट में मरोड़ या दर्द, गैस, मल त्याग में बदलाव (कभी दस्त, कभी कब्ज), और पेट फूलना शामिल हैं. कुछ लोगों को ऐसा लगता है कि वे मल पूरी तरह नहीं निकाल पाए, और कभी-कभी मल में सफेद चिपचिपा पदार्थ भी दिखाई देता है. खासतौर पर महिलाओं में मासिक धर्म के समय ये लक्षण अधिक बढ़ सकते हैं. हालांकि यह स्थिति कष्टदायक होती है, लेकिन यह आंतों को कोई स्थायी नुकसान नहीं पहुंचाती.
IBS के लक्षण
- पेट में दर्द या मरोड़: ज्यादातर पॉटी करने के बाद दर्द कम हो जाता है.
- दस्त या कब्ज: किसी को बार-बार दस्त, तो किसी को कब्ज. कभी-कभी दोनों बारी-बारी से.
- पेट में गैस और सूजन: पेट फूलना और गैस बनना आम है.
- पॉटी का पैटर्न बदलना: पॉटी का रंग, टेक्सचर, या बार-बार टॉयलेट जाने की जरूरत.
- मेंटल हेल्थ पर असर: IBS वाले लोग अक्सर स्ट्रेस या डिप्रेशन महसूस करते हैं.
- आईबीएस की पहचान मरीज के लक्षणों के आधार पर होती है, खासकर जब ये लक्षण लगातार बने रहें और बार-बार आते रहते हों.
- यह एक क्रॉनिक स्थिति होती है, जिसमें लक्षण कभी दिखते हैं, कभी कम हो जाते हैं.
IBS होने की वजहें
- डॉक्टरों को IBS का सटीक कारण पता नहीं, लेकिन कुछ चीजें इसे ट्रिगर कर सकती हैं:
- दिमाग और आंत का कनेक्शन: दिमाग और पेट के बीच सिग्नल में गड़बड़ होने से आंतें सही काम नहीं करतीं.
- आंतों में बैक्टीरिया का बैलेंस बिगड़ना: गट माइक्रोबायोम में बदलाव से प्रॉब्लम हो सकती है.
- स्ट्रेस: टेंशन, चिंता, या डिप्रेशन लक्षणों को और बुरा कर सकता है.
- खान-पान: मसालेदार खाना, कॉफी, या तला हुआ खाना लक्षणों को बढ़ा सकता है.
- फैमिली हिस्ट्री: अगर घर में किसी को IBS है, तो आपको भी होने का चांस बढ़ता है.
पेट दर्द को नजरअंदाज करने का रिस्क
बार-बार पेट दर्द को इग्नोर करना खतरनाक हो सकता है. IBS के अलावा ये दूसरी सीरियस प्रॉब्लम्स का सिग्नल भी हो सकता है:
- पित्त की पथरी: पित्ताशय में पथरी से तेज दर्द हो सकता है.
- अपेंडिक्स: ये इमरजेंसी है, जिसमें ऑपरेशन की जरूरत पड़ सकती है.
- क्रोहन डिजीज: ये आंतों में सूजन की बीमारी है, जो कॉम्प्लिकेशन्स पैदा कर सकती है.
- पेट का अल्सर: पेट में छाले की वजह से जलन और दर्द होता है.
IBS का पता कैसे लगाएं और इलाज
अगर आपको बार-बार पेट दर्द, दस्त, या कब्ज हो रहा है, तो डॉक्टर से मिलना जरूरी है. वो ये चीजें चेक कर सकते हैं:
- लक्षणों की जांच: दर्द कितना तेज है, कब होता है, और कहां होता है.
- टेस्ट: ब्लड टेस्ट, स्टूल टेस्ट, या कोलोनोस्कोपी.
- लाइफस्टाइल में बदलाव: स्ट्रेस कम करना, रेगुलर एक्सरसाइज, और अच्छा खाना.
इलाज के तरीके
- खान-पान में बदलाव: हरी सब्जियां, फल, और फाइबर वाला खाना खाएं. कॉफी, शराब, और तीखा खाना अवॉइड करें.
- दवाइयां: डॉक्टर दर्द, दस्त, या कब्ज की दवाएं दे सकते हैं.
- स्ट्रेस मैनेजमेंट: योग, मेडिटेशन, या थेरेपी से स्ट्रेस कम करें.
- प्रोबायोटिक्स: ये आंतों के बैक्टीरिया को बैलेंस करने में मदद करते हैं.
घरेलू नुस्खे और बचाव
- रेगुलर खाना: टाइम पर खाना खाएं और ओवरईटिंग से बचें.
- पानी पीना: ढेर सारा पानी पीने से कब्ज में राहत मिलती है.
- एक्सरसाइज: रोज थोड़ा टहलें या योग करें.
- खाना धीरे खाएं: अच्छे से चबाकर खाने से डाइजेशन बेहतर होता है.
डॉक्टर से कब मिलें?
अगर आपको ये लक्षण दिखें, तो फौरन डॉक्टर से मिलें:बहुत तेज या लगातार पेट दर्द
यह भी पढ़ें
- पॉटी में खून
- वजन कम होना बिना वजह
- बुखार या उल्टी के साथ दर्द
आखिरी बात पेट दर्द को हल्के में लेना आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है. IBS न सिर्फ फिजिकल, बल्कि मेंटल हेल्थ को भी प्रभावित करता है. सही टाइम पर डॉक्टर से चेकअप और सही इलाज से इसे कंट्रोल किया जा सकता है. अपने खान-पान, लाइफस्टाइल, और स्ट्रेस पर ध्यान दें, और बार-बार पेट दर्द को इग्नोर न करें.