हुंदर लद्दाख की नुब्रा घाटी में स्थित है और यह भारत की एकमात्र जगह है जहाँ आपको डबल हंप बैक्ट्रियन ऊँट की सवारी करने का अवसर मिलता है.
बेक्ट्रियन ऊँट वो ऊँट होते हैं जिनकी पीठ पर दो कूब होते हैं. ये मध्य एशिया से आए थे और अब सिर्फ लद्दाख के हुंदर घाटी में पाए जाते हैं.
प्राचीन सिल्क रुट पर व्यापारी इन ऊँटों के साथ सामान ले जाते थे, क्योंकि वे दुर्गम, ठंडे और रेतीले इलाकों में सामान ढोने में सक्षम थे.
सफारी आमतौर पर 15-20 मिनट की होती है, जो सुबह या शाम के समय की जाती है. रेत के बीच घूमते हुए ऊँट की सवारी प्रकृति के करीब लाती है.
दूर-दूर तक फैली घाटी, रेत के बीच झाड़ियाँ, बहती ठंडी हवा और ऊँट की लयबद्ध चाल, आपको एकदम अलग दुनिया में ले जाती है.
स्थानीय गाइड सफारी के दौरान ऊँटों की देखभाल, इतिहास और सिल्क रुट की कहानियाँ भी साझा करते हैं. यह सिर्फ सफारी नहीं, बल्कि संस्कृति से मिलने का अवसर है.