द्रास, लद्दाख के कारगिल ज़िले में स्थित है. यह समुद्र तल से करीब 10,760 फीट की ऊंचाई पर है, और 16,000 से 21,000 फीट की ऊंचाई वाली पहाड़ियों से घिरा हुआ है.
यहां का तापमान सर्दिया में -45°C से भी नीचे चला जाता है. 1995 में, तापमान -60 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया था, जो द्रास में अब तक का सबसे कम तापमान है. ओइम्याकॉन ( रुस ) के बाद ये दुनिया का सबसे ठंडा आबाद इलाका है.
इस इलाके में पूरे साल बर्फबारी होती... यहां के स्थानीय लोगों की ज़िंदगी बर्फ के लकड़ी जलाकर, मोटे ऊनी कपड़े पहनकर बेहद चुनौतीपूर्ण माहौल में गुजरती है. आप इस ट्रिप पर एक खास और अनोखा अनुभव महसूस करेंगे.
द्रास आप दो रास्तों से पहुँच सकते हैं. पहला रास्ता है श्रीनगर होते हुए, जहां से यह खूबसूरत गांव 141 किलोमीटर है. जबकि दूसरा रास्ता लेह से है. लेह से इसकी दूरी 280 किलोमीटर है.
इस जगह को घूमने के लिए सबसे अच्छा समय जून से सितंबर का माना जाता है. उस समय यहाँ का मौसम बढ़िया रहता है और आप आराम से घूम सकते हैं.
द्रास, 1999 के कारगिल युद्ध का एक महत्वपूर्ण स्थल था. कारगिल युद्ध स्मारक, जो भारतीय सेना द्वारा बनाया गया था, द्रास में ही स्थित है. हर साल 26 जुलाइ को ' कारगिल विजय दिवस ' मनाया जाता है.
द्रास की सबसे लोकप्रिय जगह है, कारगिल वार मेमोरियल या द्रास वाॅर मेमोरियल. ये स्मारक तोलोलिंग पहाड़ी की तलहटी पर स्थित है. इस स्मारक का निर्माण 1999 के भारत-पाक कारगिल युद्ध में शहीद हुए भारतीय सैनिकों की याद में बनाया गया है.
जॉजिला पास भारत के सबसे ऊँचे हिमालयी दर्रों में से एक है. यह लद्दाख और कश्मीर को आपस में जोड़ता है, समुद्र तल से 3,528 मीटर की ऊँचाई पर स्थित यह पास सर्दियों में पूरी तरह से बर्फ़ से ढँका रहता है.
द्रास से लगभग 30 किमी. दूर एक जगह है, मीनामार्ग, जो अमरनाथ यात्रा के मार्ग में स्थित है. इस जगह से आपको बेहद सुंदर पहाड़ और ग्लेशियर के सुंदर नज़ारे देखने को मिलेंगे. इस जगह के पास लेसर ला नाम का एक पहाड़ है जो अपने दूध जैसे सफ़ेद पानी के लिए प्रसिद्ध है
मुलबेठ मोनेस्ट्री लद्दाख के सबसे पुराने बौद्ध मठों में से एक है, जो द्रास से लगभग 60 किमी. की दूरी पर है यहाँ चट्टानों में तराशी गई मैत्रैय बुद्ध की 9 मीटर लंबी विशाल मूर्ति है. इस मूर्ति को 8वीं शताब्दी का माना जाता है और कुषाण काल में इसे तराशा गया था.
मनमान टॉप द्रास की वो जगह है जो लोगों के बीच काफ़ी लोकप्रिय है. ये जगह द्रास से लगभग 10 किमी. की दूरी पर है. यहाँ से आपको एलओसी का नजारा देखने को मिलेगा.