आज, 6 अक्टूबर 2025 को शरद पूर्णिमा की पवित्र रात है, चंद्रमा की किरणें अमृत की तरह स्वास्थ्य और समृद्धि लाती हैं, आइए, बनाएं गाढ़ी, मलाईदार खीर की आसान रेसिपी और मनाएं त्योहार!
शरद पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा भी कहते हैं, चंद्रमा की किरणें स्वास्थ्य और समृद्धि लाती हैं. 6 अक्टूबर, शाम 5:27 बजे चंद्रोदय, पूजा का समय है.
खीर चांदनी में रखने से औषधीय गुण मिलते हैं, दूध और चावल की खीर तन-मन को पोषण देती है. ये प्रसाद शांति और ऊर्जा का प्रतीक है.
1 लीटर फुल क्रीम दूध, 1/4 कप बासमती चावल, केसर, मखाना, बादाम, काजू, इलायची, चीनी, सारी सामग्री आसानी से घर में मिल जाएगी.
1 चम्मच घी में चावल 5-7 मिनट भूनें, मखाने को घी में क्रिस्पी होने तक तलें. ये स्टेप खीर को गाढ़ा और स्वादिष्ट बनाता है.
दूध को उबालकर भुने चावल डालें, 20-25 मिनट धीमी आंच पर पकाएं, हिलाते रहें. केसर वाला दूध डालकर सुनहरा रंग लाएं.
चीनी, मखाना, इलायची और किशमिश डालें, 5 मिनट पकाएं, भुने ड्राई फ्रूट्स मिलाएं. स्वाद चेक करें, जरूरत हो तो चीनी एडजस्ट करें.
खीर को चांदी या कांच के बर्तन में डालें, रात 8 बजे से सुबह तक चांदनी में रखें. जाली से ढकें, ताकि कीड़े न आएं.
सुबह प्रसाद के रूप में परिवार को परोसें, चांदी का वर्क डालकर बनाएं खास. ठंडा या गर्म, दोनों तरह से लाजवाब लगेगी.
शरद पूर्णिमा की खीर स्वाद और आध्यात्मिकता का मेल, इस रेसिपी से त्योहार को बनाएं यादगार. शुभ शरद पूर्णिमा! स्वास्थ्य और खुशी की कामना!
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